RANCHI : इस्लानगर से छह साल पहले उजाड़े गए उजाड़े गए 444 परिवारों को जल्द आशियाना मिलेगा। जिला प्रशासन की ओर से इन परिवारों का वैरीफिकेशन कर लिस्ट नगर निगम के हवाले कर दी गई है। अब इन्हें 27 जनवरी से 5 फरवरी के बीच अपनी पूरी डिटेल देनी है। इसके उपरांत इन परिवारों के लिए आवास निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा।

देने होंगे ये दस्तावेज

जिला प्रशासन के मुताबिक, जिन परिवारों को सरकार की ओर से आशियाना दिया जाना है, उन्हें अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, अपना बैंक अकाउंट डिटेल्स और शपथ पत्र देना है। शपथ पत्र के जरिए उन्हें यह बताना होगा कि उनके नाम से कोई पक्का मकान नहीं है। उन्हें कहा गया है कि वे तय समय के अंदर इससे संबंधित सारे दस्तावेज जमा कर दें, वरना उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा।

पक्का मकान तो नहीं मिलेगा घर

इस्लामनगर के विस्थापित परिवारों को 27 जनवरी से लेकर 5 फ रवरी तक सार दस्तावेज वार्ड पार्षद के पास जमा करना है। इसके बाद इन दस्तावेजों का फिर से वैरीफिकेशन किया जाएगा। अगर किसी के नाम से पक्का मकान पाया गया तो उसे घर अलॉट नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, इसके लिए जो क्राइटेरिया व दस्तावेज मांगे गए हैं, अगर कोई लाभुक इसे समय पर नहीं जमा करेगा तो उसका नाम लिस्ट से हटा दिया जाएगा।

30 करोड़ की लागत से बनाए जाएंगे आवास

इस्लामनगर के विस्थापितों के लिए 444 आवास बनेंगे। इस्लामनगर पॉलिटेक्निक की 3.5 एकड़ भूमि पर विस्थापितों के लिए आवासीय कॉलोनी बनायी जायेगी। 30 करोड़ की लागत से आवास का निर्माण होगा। जुडको द्वारा रॉकडिल इंडिया को आवास निर्माण का काम मिला है। 24 महीने में निर्माण कार्य पूरा करना है। इस आवासीय कॉलोनी में एक मदरसा और एक स्कूल का भवन भी बनेगा। 444 फ्लैट में एक फ्लैट 30 वर्गमीटर का होगा। इसमे एक बेडरूम, हॉल, किचन व शौचालय भी होगा। कुल तीन ब्लॉक में फ्लैट होंगे। ब्लॉक वन, और वन बी में 206 आवास होंगे। वहीं, ब्लॉक बी में 238 आवास होंगे।

2011 में उजाड़ा गया था इस्लामनगर

रांची के इस्लाम नगर में रह रहे लोगों को हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने उनको वहां से हटा दिया था। बाद में वहां के लोगों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निर्णय लिया कि जिन परिवारों को वहां से उजाड़ा गया है उनको वही बसाया जाएगा। साथ ही सरकार उनके लिए पक्का निर्माण उसी जगह पर बना कर देगी। पिछल छह साल से रह रहे लोग जैसे तैसे अपना जीवन बसर कर रहे हैं लेकिन इस साल उनको अपना आशियाना मिल जाएगा।