रांची(ब्यूरो) । राजधानी के हरमू व अरगोड़ा कॉलोनी में सड़क किनारे जितने भी दुकान, रेस्टॉरेंट, ब्यूटी पार्लर, पेट्रोल पंप हैं, उनलोगों को आवास विभाग द्वारा नोटिस भेजा गया है। उनसे कहा गया है कि क्यों नहीं आपका आवंटन रद्द कर दिया जाए। क्योंकि आपने आवासीय जगह का इस्तेमाल व्यावसायिक रूप में किया है। रांची के 300 दुकानों को नोटिस जारी किया गया है। यह आदेश झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने जारी किया है। जिसके बाद दुकानदारों में हड़कंप मच गया है। मामला आवासीय परिसर में शॉपिंग मॉल और दुकान खोलने से जुड़ा है, जिसमें बोर्ड ने हरमू और अरगोड़ा स्थित करीब 300 दुकानों को चिन्हित कर नोटिस जारी किया है।

नहीं तो लीज रद्द होगा

आवास बोर्ड से वर्षो पहले आवास बनाने के लिए आवंटित जमीन पर दुकान और शॉपिंग मॉल बनाने वालों पर अब आवास बोर्ड ने सख्ती करने का फैसला किया है। ऐसे तीन सौ लोगों को झारखंड राच्य आवास बोर्ड ने नोटिस भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है कि क्यों नहीं आपके नाम से आवंटित जमीन के लीज को रद्द कर दिया जाए।

क्या है मामला

झारखंड गठन के बाद राच्य में बिहार राच्य आवास बोर्ड की तर्ज पर झारखंड राच्य आवास बोर्ड का गठन किया गया था। आवास बोर्ड ने इसी के तहत रांची में कई नई कॉलोनियों का निर्माण करवाया था। जिसमें हरमू हाउंसिंग कॉलोनी, अरगोड़ा हाउंसिग कॉलोनी आदि का भी निर्माण हुआ। लोगों ने आवेदन देकर अपने नाम से जमीन का आवंटन लिया था। शर्त थी कि ऐसे लोग जमीन पर आवास का निर्माण करेंगे, जो पूरी तरह से आवासीय होगा। यहां तक सबकुछ ठीक ठाक रहा, लेकिन बाद में ऐसे लोगों ने जमीन पर आवास की जगह दुकान, शॉपिंग काम्प्लेक्स सहित पेट्रोल पंप की स्थापना कर ली, जो आवास बोर्ड के मैनुअल का उल्लंघन है। इसी मामले में अब नोटिस देकर लोगों से जवाब मांगा गया है। ऐसे आवंटियों की संख्या तीन सौ से च्यादा है। इसमें धनबाद और जमशेदपुर के भी आवंटी शामिल हैं।

पहली बार नोटिस भेजा गया

आवास बोर्ड ने ऐसे लोगों को पहली बार नोटिस भेजा है। यह नोटिस तीन बार सर्व किया जाएगा। यदि आवंटियों द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं आता है तो उनकी जमीन का लीज रद्द किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में उन्हें दुकान हटाने को कहा जा सकता है। दूसरा विकल्प यह है कि ऐसे आवंटियों पर आवास बोर्ड के माध्यम से जुर्माना लगाया जाएगा और फि र बाजार दर पर ऐसी जमीनों का फिर से आवंटन किया जाएगा।

प्लान में किया है बदलाव

झारखंड राच्य आवास बोर्ड ने राजधानी रांची के हरमू स्थित आवासीय परिसर की जमीन की प्रकृति में छेड़छाड़ की है। अविभाजित बिहार के समय बने इस आवासीय परिसर के प्लान में बदलाव कर प्रभावशाली लोगों को आवंटित किया गया है। राच्य के नगर विकास एवं आवास विभाग ने स्वीकार किया है कि बिहार के समय 1990 में बने प्लान में सड़कों के लिए दर्शाई गई चौड़ाई में कोई कमी नहीं की गई है। नाली, स्लैब, सीवरेज के लिए चिह्नित भूमि की प्लॉटिंग नहीं की गई है, लेकिन आधा दर्जन मामलों में जमीन की प्रकृति बदली गई है। जमीन की प्रकृति बदलकर उसे आवंटित भी कर दिया गया है। राच्य के नगर विकास एवं आवास विभाग के अनुसार, 1990 में हरमू की जमीन को विकसित कर आवंटित करने के लिए एक प्लान तैयार किया गया था।

2008 में बदल दिया प्लान

आवास बोर्ड के प्लान में कॉमन यूटिलिटी, फ्यूचर डेवलपमेंट, मंदिर, मार्केट, होटल, पुलिस स्टेशन, निम्न आय वर्ग के लिए जमीन को चिह्नित किया गया था। झारखंड बनने पर राच्य आवास बोर्ड ने 2008 में इस कॉलोनी की जमीन की प्रकृति में बदलाव कर दिया। फिर उन प्लॉटों को आवंटित भी कर दिया। कई महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए चिह्नित जमीन की पूरी प्रकृति बदल दी गई। प्लान से मंदिर, स्कूल, होटल, सिनेमा की जरूरत को ही समाप्त कर दिया गया। बजट सत्र में सरकार ने भी इसे स्वीकारा है।

प्लान में यहां हुआ बदलाव

2008 के प्लान में कॉमन यूटिलिटी पेट्रोल पंप, कॉमन यूटिलिटी शॉपिंग एरिया, मंदिर, कॉमन यूटिलिटी एवं फ्यूचर डेवलपमेंट होटल, शॉप एवं सिनेमा, आवासीय भूमि स्कूल, अंचल कार्यालय, पुलिस स्टेशन, फ्यूचर डेवलपमेंट एलआईजी के लिए चिह्नित, फ्यूचर डेवलपमेंट टैंक, फ्यूचर डेवलपमेंट एंड रोड, आवासीय प्लॉट शॉप एंड ऑफिस कॉमर्शियल प्लॉट, वेजिटेबल मार्केट, कॉमर्शियल प्लॉट।

आवासबोर्ड किसी को उजाडऩा नहीं चाहता, लेकिन इतना तय है कि ऐसे लोगों को नियम का ख्याल रखना चाहिए। ऐसे सभी लोगों को नोटिस भेजा गया है। अभी पहली बार नोटिस दिया गया है। तीसरी नोटिस के बाद भी यदि संतोषजनक जवाब नहीं आया तो ऐसे लोगों को जुर्माना लगाया जाएगा। लोगों को रहने के लिए घर दिया गया था, लेकिन लोगों ने इसका इस्तेमाल बिजनेस करने के लिए कर लिया है।

-संजय लाल पासवान, अध्यक्ष, झारखंड राज्य आवास बोर्ड, रांची