रांची(ब्यूरो)। ऑटो चालकों से सड़क पर कई जगह अवैध वसूली हो रही है। कहीं स्टैंड के नाम पर तो कहीं पार्किंग के नाम पर ऑटो चालकों से पैसा वसूला जा रहा है। जिस जगह पर किसी तरह का टेंडर नहीं है न ही कोई ऑटो स्टैंड है, वहां भी लोकल लड़के ऑटो चालकों से रंगदारी लेते हैं। किस बात की यह वसूली हो रही है, इसकी जानकारी ऑटो ड्राइवर को भी नहीं है। मारपीट के भय से ऑटो चालक चुपचाप बिना कोई सवाल किए पैसे निकाल कर दे देते हैं। रांची में आईटीआई बस स्टैंड के पास, अरगोड़ा, कांके रोड, बूटी मोड़ में इस तरह की अवैध वसूली हो रही है। रातू रोड आने वाले अलग-अलग ऑटो से अलग-अलग रंगदारी वसूली जाती है। पिठोरिया और मांडर से आने वाली गाड़ी चालक से एजेंटी के रूप में 20 रुपए वसूले जा रहे हैं।

हर चौराहे पर 50 हजार रंगदारी

राजधानी रांची में रंगदारी का खेल एक दो हजार का नहीं, बल्कि हर दिन लाखों रुपए की रंगदारी उठ रही है। ऑटो चालक यूनियन संघ के अध्यक्ष अर्जुन यादव ने बताया कि सिर्फ रातू रोड में अलग-अलग इलाकों से चलने वाले करीब दो हजार ऑटो आते हैं। इन ऑटो से 25 रुपए वसूले जाते हैं। एक दिन की वसूली सिर्फ रातू रोड से करीब 50 हजार रुपए की है। हालांकि, रातू रोड चौक के समीप नगर निगम की ओर से ऑटो स्टैंड की बंदोबस्ती की गई है, जिसका टेंडर अनिता देवी को दिया गया है। लेकिन इसकी आड़ में इस स्थान पर अवैध वसूली भी होती है। ऑटो चालकों ने बताया कि सिर्फ रातू रोड चौक से हर दिन 50 हजार की वसूली होती है। लेकिन यहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। बिजली, पानी की भी सुविधा नहीं है। गंदगी का अंबार लगा रहता है। नगर निगम की ओर से काफी पहले एक टीम आई थी जिसके द्वारा सौंदर्यीकरण की बात की गई थी। लेकिन वह टीम फिर दोबारा नहीं आई।

ई-रिक्शा से भी अवैध वसूली

सिर्फ ऑटो चालक ही नहीं, बल्कि ई-रिक्शा वालों से भी अवैध वसूली की जा रही है। रातू रोड किशोरी यादव चौक पर आने वाले सभी ई-रिक्शा चालकों से दस से बीस रुपए वसूला जा रहा है, जबकि ई-रिक्शा चालकों से किसी तरह का कोई शुल्क लेने का प्रावधान नहीं है। लेकिन सभी नियमों को ताक पर रखकर यहां अवैध वसूली की जा रही है। रोड पर यदि रिक्शा ऑटो चलाना है तो रंगदारों को रंगदारी देनी होगी। मामला रोजी-रोटी से जुड़ा है, इसलिए कोई कुछ नहीं बोलता। ऑटो ड्राइवर को डर रहता है कि आवाज उठाएंगे तो रोड पर ऑटो चलने नहीं दिया जाएगा।

सिटी में 20 हजार ऑटो

राजधानी रांची में पेट्रोल और डीजल के लगभग 20 हजार से अधिक ऑटो चल रहे हैं, जिनमें मात्र 5000 ऑटो चालकों के पास ही रोड पर गाड़ी चलाने की परमिट है। अन्य सभी ऑटो अवैध रूप से चल रहे हैं। परमिट और गैर परमिट सभी ऑटो से रंगदारी वसूली जाती है। हर महीने करोड़ों रुपए रंगदारी सिर्फ ऑटो चालकों से उठ रही है। रंगदारी का अलग-अलग हिस्सा अलग-अलग विभागों को पहुंच जाता है। यही कारण है कि सबकुछ जानते हुए भी ट्रांसपोर्ट विभाग, ट्रैफिक डिपार्टमेंट सभी आंखे बंद किए हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस वसूली कर रहे लोगों के पास ही मौजूद होती है, लेकिन उन्हें टोकने तक की जरूरत नहीं समझती। एजेंट मनमाने तरीके से सभी ऑटो चालकों से जबरन रंगदारी वसूलते हैं।

कहां, कितनी रंगदारी

रातू रोड किशोरी यादव चौक - 25 रुपए

आईटीआई बस स्टैंड - 20 रुपए

अरगोड़ा चौक - 25 रुपए

कांके रोड - 20 रुपए

मांडर-पिठोरिया से आने वाले ऑटो - 20 रुपए

बूटी मोड़ - 20 रुपए

ई - रिक्शा - 20 रुपए

इसके अलावा जेल मोड़, धुर्वा रोड, हरमू बाईपास, कांटाटोली, ओरमांझी, रातू, नगड़ी समेत कई अन्य इलाकों में भी अवैध वसूली हो रही है।

ऑटो चालकों से रंगदारी वसूली जा रही है। नहीं देने पार गाली-गलौज और मारपीट भी की जाती है। इसके अलावा रोड पर ऑटो भी नहीं चलने दिया जाता है। एक ऑटो ड्राइवर दिन भर सात से आठ सौ रुपए कमाता है। उसमें ऑटो ओनर, पेट्रोल खर्च निकाल कर तीन सौ रुपए बचते हैं। उसमें भी सौ रुपए हर दिन रंगदारी के नाम पर चला जाता है। रंगदारी बंद होनी चाहिए।

- अर्जुन यादव, अध्यक्ष, रांची जिला ऑटो यूनियन