रांची (ब्यूरो)। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा में हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा एनालिटिक्स की तकनीकों और अनुप्रयोगों पर त्वरित विज्ञान योजना के तहत विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) प्रायोजित हाई-एंड कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। कार्यशाला के हिस्से के रूप में, डॉ लोकेश के सिन्हा , पूर्व निदेशक, रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान ने हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग पर विशेष जोर के साथ रक्षा अनुप्रयोगों के लिए रिमोट सेंसिंग शीर्षक से एक सत्र दिया।

डेटा एनालिटिक्स पर चर्चा

टेरेन इंजीनियरिंग में हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा एनालिटिक्स के महत्व पर चर्चा की गई। तकनीकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया था जो वर्तमान युग में गेम चेंजर होगा। इस सत्र में कृषि निगरानी से लेकर डेटा साइंस दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए इलाके की खुफिया जानकारी तक के अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल थी। डेटा साइंस का उपयोग करके इलाके के मानचित्रण में हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा एनालिटिक्स के लिए वर्णक्रमीय पुस्तकालयों के निर्माण के महत्व पर चर्चा की गई।

इमेजिंग स्पेक्ट्रोस्कोपी भी

डॉ। रबी नारायण साहू, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने भी 29 जुलाई 2022 को स्मार्ट कृषि के लिए इमेजिंग स्पेक्ट्रोस्कोपी शीर्षक से एक सत्र दिया। आत्मनिर्भर भारत प्राप्त करने के लिए कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा एनालिटिक्स के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई है। डिजिटल मृदा मानचित्रण के महत्व को बेहतरीन तरीके से समझाया गया है। डेटा विज्ञान और मृदा इंजीनियरिंग के बीच सहयोग के महत्व का पता लगाया गया है। हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके मिट्टी, पानी और हवा के लिए भविष्य की दृष्टि के एक बहुआयामी पहलू पर चर्चा की गई।