रांची(ब्यूरो)। कांके स्थित दुबलिया में आईएसबीटी यानी इंटरस्टेट बस टर्मिनल का निर्माण किया जाना है। लेकिन दुर्भाग्य है कि अबतक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए विभाग को योग्य एजेंसी या कंपनी ही नहीं मिली है। बार-बार टेंडर जारी करने के बाद भी कोई इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। अब तीसरी बार जुडको की ओर से टेंडर निकाला गया है। गौरतलब हो कि रांची के दुबलिया में 38 एकड़ जमीन पर आईएसबीटी का निर्माण होना है। करीब 318 करोड़ की लागत से राजधानी रांची में टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा। यहां 29 एकड़ जमीन पर बस टर्मिनल और 9.50 एकड़ जमीन पर कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा। इसके अलावा जमशेदपुर और धनबाद में भी आईएसबीटी बनाये जाने की योजना है। लेकिन किसी भी शहर के लिए एजेंसी ही सामने नहीं आई है। हर बार जुडको टेंडर जारी करता है, लेकिन एजेंसी के नहीं आने की वजह से टेंडर रद्द करना पड़ता है।

साल भर से एजेंसी की तलाश

आईएसबीटी निर्माण के लिए एजेंसी के चयन करने का प्रयास जुडको एक साल से कर रहा है। रांची, धनबाद और जमशेदपुर में लगभग 667 करोड़ से आईएसबीटी बनाने के लिए टेंडर निकाला गया था। रांची में बनने वाले आईएसबीटी के लिए दिसंबर 2022 और मई 2023 में टेंडर जारी किया गया, अब तीसरी बार टेंडर निकाला गया है। वहीं 208 करोड़ की लागत से जमशेदपुर आईएसबीटी बनाने के लिए दिसंबर 2022 से जून 2023 तक तीन बार टेंडर निकला गया। जबकि 141 करोड़ से बनने वाले धनबाद आईएसबीटी के लिए दिसंबर 2022 से जून 2023 तक दो बार टेंडर निकला। लेकिन कोई बीडर्स नहीं आया।

दुबलिया में होना है निर्माण

रिंग रोड के पास दुबलिया में 38 एकड़ जमीन पर आईएसबीटी का निर्माण होना है। यहां से हर दिन 500 से ज्यादा बसें चलेंगी। अप्रोच रोड का निर्माण कर आईएसबीटी रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। यहां एक बार में 170 बसें खड़ी करने की व्यवस्था होगी। 350 यात्रियों के लिए वेटिंग प्लेटफॉर्म भी बनेगा। छात्रावास, पुरुष एवं महिला शौचालय, स्नानागार, चालकों एवं सह चालकों के लिए फुड कोर्ट सहित अन्य सुविधाएं भी यहां उपलब्ध होंगी। टर्मिनल निर्माण के बाद एक स्टेट से दूसरे स्टेट तक परिवहन आसान हो जाएगा। एक जगह से ही देश भर में ट्रेवल करने के लिए बस मिलने से आम नागरिकों को भी सुविधा मिलेगी। साथ ही लोगों को परेशानी न हो, इसे देखते हुए अत्याधुनिक फैसिलिटीज भी मुहैया कराई जाएगी।

हर 5 मिनट पर सिटी बस

आईएसबीटी बनने के बाद कांटाटोली स्थित बिरसा मुंडा बस टर्मिनल को सिटी बस सर्विस से जोड़ा जाएगा। लोगों को हर पांच मिनट के अंतराल पर आईएसबीटी के लिए कांटाटोली बस टर्मिनल से सिटी बस की सुविधा मिलेगी। इससे पहले बस टर्मिनल की व्यवस्था भी दुरुस्त की जाएगी। आईएसबीटी का निर्माण पूरा होने के बाद अलग-अलग शहरों से आने वाली बड़ी-बड़ी बसें यहां ठहरेंगी। शहरी क्षेत्र के बाहर ही बसों का ठहराव होने से शहर के अंदर लगने वाले जाम की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही डीजल इंजन वाले वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएं से भी आम लोगों को निजात मिल पाएगी।

कई इलाकों से खुलती हैं बसें

फिलहाल रांची में कांटाटोली बस स्टैंड, स्टेशन रोड स्थित सरकारी बस डिपो, चांदनी चौक, धुर्वा, रातू रोड दुर्गा मंदिर और आईटीआई बस स्टैंड के अलावा कुछ और जगहों से भी बसों का परिचालन किया जा रहा है। लोगों को अलग-अलग इलाकों से बस की सवारी करनी पड़ती है। नए टर्मिनल के बनने से रांची के इन बस स्टैंड पर वाहनों का दबाव कम होगा। इन बस स्टैंड के शहर के बीचोबीच होने के कारण हर रोज जाम लगता है। आईएसबीटी बनने के बाद यह समस्या काफी हद तक कम होगी।

बार-बार बदलती रही जगह

आईएसबीटी के लिए कई बार प्लान में बदलाव किया गया है। साल 2008 में इसे नामकुम के सरवल में बनाने की योजना थी। जिसे 2010 में बदल कर कांके के सुकुरहुृटू कर दिया गया। एक साल बाद सुकुरहुटू में भी यह प्लान रद्द हो गया। छह साल बाद यानी की 2016 में दुबलिया में जमीन को चिन्हित कर बस टर्मिनल बनाने का निर्णय लिया गया। हालांकि इसके बाद भी अगले छह साल तक स्थान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही है। 2022 में दुबलिया को अंतिम रूप से चिन्हित करते हुए टेंडर जारी किया गया। लेकिन एक भी एजेंसी सामने नहीं आई। बीते एक साल से यही प्रक्रिया चल रही है। अब देखना यह है कि कब तक कंपनी का चयन होता है और कब इसका निर्माण कार्य शुरू होता है।