रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में जहां एक ओर भविष्य को संवारने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है, वहीं वर्तमान को बर्बाद करने के लिए भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। जी हां, जिन इलाकों में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है, वहां की स्थिति बद से बदतर है। जबकि निर्माण कार्य के दोनों ओर सर्विस लेन बनाई गई है। लेकिन इसकी हालत इतनी ज्यादा खराब है कि जैसा किसी गांव-देहात या सुदूर इलाकों का भी न हो। रातू रोड से पिस्का मोड़ तक बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर की सर्विस लेन का हाल बदहाल है। सर्विस लेन सिर्फ बदहाल ही नहीं, बल्कि एक्सीडेंट जोन में तब्दील हो चुकी है। पिस्का मोड़ से इटकी रोड की ओर जाने वाली सड़क खतरनाक रूप ले चुका है। बीच सड़क पर दर्जन भर छोटे-छोटे रॉड निकल आए हैं, जो हर दिन दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। ये रॉड इतने खतरनाक हैं कि कोई भी वाहन इसकी चपेट में आ सकता है। इस विषय को लोकल लोगों ने सोशल मीडिया पर भी उठाया है। इसके बाद भी यहां की हालत में सुधार नहीं हो रहा है।
जानलेवा बनी सड़क
दरअसल, एलिवेटेड कॉरिडोर के दोनों ओर सर्विस लेन बनाने से पहले यहां नाली का निर्माण कराया गया था। जहा स्लैब ढाला गया लेकिन इसके रॉड को काटकर हटाया नही गया। रॉड हटाने की जगह उसे मिट्टी डाल कर ढक दिया गया। अब जैसे-जैसे बारिश के पानी से मिट्टी की परत हट रही है, लोहे का यह रॉड बाहर आ रहा है, जो डेंजर बन चुका है। यहां कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। लोकल लोगों ने बताया कि हर दिन यहां दुर्घटनाएं हो रही हैं। कभी बाइक सवार तो कभी स्कूटी चलाती महिला गिर कर घायल हो चुके हैं। कार के टायर भी रॉड की चपेट में आकर फट चुके हैं। आसपास के दुकानदारों ने रॉड को किसी तरह झुका दिया है। लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। मिट्टी की परत जैसे-जैसे हटती है, लोहा ऊपर की ओर उठा हुआ नजर आने लगता है।
ये कैसी सर्विस लेन
पिस्का मोड़ से आगे इटकी की ओर जाने वाली सर्विस लेन का हाल बदहाल है। सड़क पर जहां-तहां दर्जनों गड्ढे हो चुके हैं। बारिश में इन गड्ढों में जलजमाव की समस्या बनी रहती है। पानी जमा रहने की वजह से ये खतरनाक रॉड नजर नहीं आते हैं, जिस कारण ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही हैं। वहीं, सड़क में कीचड़ की वजह से चलना भी मुश्किल है। पिस्का मोड़ से इटकी की ओर जाने वाली सड़क पर एलिवेटेड कॉरिडोर का काम काफी सुस्त है। यहां रेटेनिंग वाल का काम चल रहा है। लेकिन यह काम भी बीते कुछ दिनों से बंद है। हालांकि, पिस्का मोड़ से पंडरा की ओर जाने वाली सड़क पर रेटेनिंग वॉल लगभग बन कर तैयार है। करीब 291 करोड़ की लागत वाले 3.50 किमी लंबे इस कॉरिडोर का काम 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। अभी एक साल से अधिक का वक्त लगेगा। ऐसे में वर्तमान समय में आम नागरिकों को कोई परेशानी न हो इसका भी ख्याल एजेंसी को रखना चाहिए।
क्या कहती है पब्लिक
सड़क पर निकले रॉड की वजह से काफी समस्या हो रही है। कई बार इंजीनियर का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। लेकिन इसका समाधान नहीं हुआ। हर दिन लोग यहां गिरकर चोटिल हो रहे है।
- प्रिंस कोहली

बारिश में यहां चलना भी मुश्किल है। सड़क पर कीचड़ और जलजमाव रहता है। जिस कारण ये रॉड और ज्यादा खतरनाक हो जाता है। इसे आसानी से कटवा कर हटाया जा सकता है। फिर भी एजेंसी लापरवाही बरत रही है।
- राजीव कुमार

हर दिन दुर्घटना हो रही है। लोग यहां गिरकर घायल हो रहे हैं। हर दिन हम लोग किसी न किसी व्यक्ति को यहां उठाते हैं। यह जगह डेंजर जोन बन चुका है। इसे ठीक कराना जरूरी है।
- दिलेश्वर पांडे

सर्विस लेन को कम से कम आने-जाने के लिए दुरुस्त रखना चाहिए। सड़क की हालत दयनीय है। लोहे के रॉड ने स्थिति और ज्यादा चिंताजनक बना दी है। इसे कटवा कर हटा देना चाहिए।
-कुणाल कुमार