रांची (ब्यूरो) । इन दिनों लगातार पारा गिरने के साथ-साथ अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वायरल फीवर के अलावा ब्रेन हैमरेज, हार्ट अटैक और पारालिसिस के भी पेशेंट्स हॉस्पिटल में बढऩे लगे हैं। रिम्स में अन्य दिनों की अपेक्षा 100 से 150 मरीज अधिक आ रहे हैं। वहीं सदर हॉस्पिटल में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। यह मौसम खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए ज्यादा सावधानी बरतने वाला है। डॉक्टर भी सर्द मौसम में अलर्ट रहने की सलाह दे रहे हैं। रिम्स में इन दिनों करीब दस मरीज ब्रेन हैमरेज और सात से आठ मरीज पारालिसिस अटैक के पहुंचे हैं। इसके अलावा निमोनिया, सर्दी खांसी एवं वायरल फीवर से ग्रसित मरीज भी इलाज के लिए आ रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि ठंड में शरीर की नस सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है, और ब्रेन व हार्ट को प्रभावित करता है।

रिम्स में फर्श पर इलाज

ठंड बढऩे के साथ ही रिम्स, सदर और दूसरे हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। 15 दिन पहले जहां रिम्स के मेडिसीन ओपीडी में रोजाना 300 मरीज आते थे, वह बढ़ कर 500 के करीब हो गया है। इस कारण रिम्स के मेडिसीन और दूसरे विभागों के बेड भी फुल हो चुके हैं। आलम यह है कि मरीजों के इलाज के लिए फर्श का सहारा लेना पड़ रहा है। हालांकि, मरीजों को ठंड से बचाने के लिए कॉरिडोर में पर्दा लगाया गया है। लेकिन कंपकंपाती ठंड में यह इंतजाम नाकाफी है। इधर, सदर हॉस्पिटल में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। रजिस्टे्रशन काउंटर के बाहर मरीजों की लंबी-लंबी लाइन लग रही है।

जान भी ले सकता है ठंड

इस मौसम में अगर सावधानी नहीं बरती गई तो हेल्थ को काफी नुकसान हो सकता है। यहां तक की जान भी जा सकती है। खासकर बढ़ती उम्र में ठंड से हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज की समस्या अधिक आती है, जिसमें जान को ज्यादा खतरा रहता है। इनमें देखा गया है कि अधिकतर मरीज ज्यादा उम्र के होते हैं। वहीं हल्की बीमारी वाले मरीजों को भी ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। बड़ों के साथ बच्चों में भी ठंड का असर देखा जा रहा है। रिम्स शिशु विभाग के डॉक्टर एके चौधरी ने बताया कि अस्पताल में जिन बच्चों को उनके अभिभावक इलाज के लिए लेकर आ रहे हैं उनमें ज्यादातर ब'चे मौसमी बीमारियों से ही पीडि़त हैं, किसी को खांसी, किसी को जुकाम तो किसी को सांस लेने में परेशानी है।

सेहत का रखें ख्याल: डॉ राजेश

ठंड में सेहत का कैसे रखें ख्याल, इस विषय पर जब हमने डॉ राजेश प्रसाद से बात की तो उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम इम्युनिटी काफी कमजोर हो जाती है। इसके चलते हम आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। इस वजह से सर्दी-जुकाम से लेकर वायरल फीवर तक हो जाता है। ऐसे में इस हाड़ कंपाने वाली सर्दी में खुद का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। डॉक्टर राजेश ने बताया कि सर्द मौसम खासकर शीतलहर के दौरान अपने शरीर को सर्द हवाओं से बचाना बेहद जरूरी है। इस मौसम में गर्म कपड़े पहनना चाहिए। खासतौर पर अपने कान, गले और सिर को ठंडी हवा से बचाना जरूरी है। खाने-पीने में भी एहतियात बरतनी चाहिए। अंडे, गुड़, नट्स, लहसुन, अदरक, हल्दी, मेथी और खजूर आदि का सेवन करना लाभदायक होता है।

गर्म पानी पीएं

ठंड के मौसम में प्यास कम लगने की वजह से अक्सर हम पानी पीना पीना कम कर देते हैं। लेकिन ऐसा करना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ठंड में भी शरीर को पानी की जरूरत होती है। ऐसे में बॉडी को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी पीना बेहद जरूरी है। लेकिन सर्दी में ठंडा पानी पीना काफी मुश्किल होता है। इसलिए जितना हो सके, गर्म पानी पीएं।