RANCHI: बुखार, सिरदर्द, गर्दन में दर्द, सुस्ती की शिकायत लेकर भ्0 मरीज पिछले पांच महीने में रिम्स में भर्ती हुए। इनकी जांच की गई, तो ख्ख् में जापानी इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार नामक गंभीर बीमारी की पुष्टि हुई। एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीजों की संख्या और बढ़ेगी, क्योंकि बारिश के मौसम में इसका संक्रमण काफी तेजी से होता है। यह बीमारी तेजी से राज्य भर में पांव पसार रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग भी इस बीमारी से निपटने की तैयारी का दावा कर रहा है। अस्पतालों में वैक्सीन की व्यवस्था की गई है। रिम्स में पेडियाट्रिक डिपार्टमेंट के डॉ अमर वर्मा ने बताया कि समय पर इलाज होने से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।

चार दिन बुखार खतरनाक

डॉ अमर वर्मा के मुताबिक, जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी के लक्षण की पहचान आसानी से हो जाती है। ऐसे में इस बीमारी का तुरंत इलाज संभव है। लेकिन, इलाज में कोताही बरतने पर खतरा बढ़ जाता है। यदि चार व उससे अधिक दिन तक लगातार बुखार रहा, तो मरीज के बचने की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं।

तापमान में वृद्धि से बढ़े मच्छर

डॉ.वर्मा ने बताया कि पिछले कुछ सालों में पृथ्वी के तापमान में क्.8 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। इस कारण जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी फैलाने वाले एडीस व क्यूलेक्स मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ी है। तापमान में वृद्धि भी बहुत हद तक इस बीमारी को फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी के लिए जिम्मेवार है।

धान के खेत में एडीस व क्यूलेक्स मच्छर

एक्सपर्ट बताते हैं कि जापानी इंसेफेलाइटिस फैलाने वाले एडीस और क्यूलेक्स मच्छर धान के खेत में पैदा होते हैं। वहीं इस साल मानसून में अधिक बारिश होने की उम्मीद में खेती की तैयारी भी किसानों ने शुरू कर दी है। ऐसे में बारिश अधिक होगी तो खेतों में फसल भी अधिक लगाए जाएंगे। इससे मच्छरों का आतंक भी बढ़ जाएगा।

वैक्सीनेशन बचाव का उपाय

डॉ। वर्मा बताते हैं कि इससे बचाव का एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन है। इसके लिए सरकार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन की व्यवस्था करनी चाहिए। चूंकि बच्चे सबसे ज्यादा इस बीमारी की चपेट में आते हैं। ऐसे में सभी स्कूलों में स्वास्थ्य विभाग को बच्चों के वैक्सीनेशन की व्यवस्था करनी चाहिए। अभी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित लोगों को ही जापानी इंसेफेलाइटिस का वैक्सीन लगवा रही है। उससे कुछ लोग ही बीमारी से दूर रहेंगे।

क्या है जापानी इंसेफेलाइटिस

-जापानी इंसेफेलाइटिस एक तरह का दिमागी बुखार है

-एडीस व क्यूलेक्स मच्छर से फैलती है यह बीमारी

-शरीर के संपर्क आते ही दिमाग पर करता है असर

-क् से क्ब् साल के बच्चे और वृद्ध आ रहे चपेट में

क्या हैं लक्षण

-बुखार, सिरदर्द, गर्दन में दर्द, कमजोरी और उल्टी

-सिरदर्द में बढ़ोतरी और हमेशा सुस्ती महसूस होना

-तेज बुखार के कारण भूख कम लगना

क्या है बचाव

-समय से टीकाकरण ही इसका बचाव

-अपने आसपास को साफ-सुथरा रखें

-गंदे पानी के संपर्क में आने से बचें

-कहीं भी पानी का जमाव न होने दें