रांची(ब्यूरो)। जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम का ब्यूटिफिकेशन हो चुका है, लेकिन देखरेख के अभाव में एक बार फिर इसकी हालत खराब होने लगी है। दरअसल, बीते तीन महीने से स्टेडियम हैंडओवर की बाट जोह रहा है। लेकिन अब तक नगर निगम ने इसे किसी एजेंसी को हैंडओवर नहीं किया है और न ही खुद इसकी देखरेख कर रहा है। ऐसे में करोड़ों रुपए खर्च कर संवारे गए स्टेडियम में फिर एक बार गंदगी बढऩे लगी है। करीब साढ़े चार करोड रुपए की लागत से स्टेडियम का जीर्णोद्धार किया गया है। इसी साल जनवरी में स्टेडियम का उद्घाटन होना था। लेकिन काम में लेटलतीफी की वजह से इसकी डेटलाइन आगे बढ़ती गई। डेट आगे बढ़ाते हुए मार्च में उद्घाटन करने का निर्णय लिया गया। मार्च गुजरे भी पांच महीने हो चुके हैं। अब जब काम पूरा हो चुका है, इसके बाद भी स्टेडियम को आम लोगों के लिए खोला नहीं जा रहा है।

आम लोगों को सुविधा नहीं

स्टेडियम का टेंडर 2021 में हुआ और 2022 तक निर्माण पूरा करने का समय रखा गया। लेकिन तीन साल बाद भी स्टेडियम हैंडओवर नहीं हुआ है। स्टेडियम के जीर्णोद्धार का काम रेवांत इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने किया है। कंपनी के अभियंता ने बताया कि स्टेडियम के सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो चुका है। कचहरी रोड स्थित जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम की सूरत पहले से पूरी तरह बदल गई है। बीते पांच साल से स्टेडियम का जीर्णोद्धार रुक-रुक कर होता रहा है। स्टेडियम में मिट्टी का ढेर जमा हो गया था। जिसे हटाते हुए नगर निगम ने यहां खेलकूद का महत्वपूर्ण स्थल बना दिया है। साथ ही ओपन जिम भी तैयार किया गया है। लेकिन आम पब्लिक फिलहाल किसी भी सुविधा का लाभ नहीं ले पा रही है।

प्लेयर्स के लिए कई फैसिलिटीज

स्टेडियम में हॉकी, फुटबॉल, बास्केट बॉल, टेनिस खेलने के लिए कोर्ट बनाया गया है। ओपन जिम में खिलाड़ी पसीना भी बहा सकेंगे। स्टेडियम के चारों ओर एक किमी का जॉगिंग ट्रैक बना है। इसके अलावा एक कोने में युवाओं को आकर्षित करने के लिए फाउंटेन भी बनाया गया है। साथ ही दूसरे कोने में किड्स जोन है, जहां छोटे बच्चे मस्ती कर सकेंगे। स्टेडियम में हर वर्ग के लोगों का ध्यान रखते हुए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। स्टेडियम के चारों ओर करीब 40 बेंच लगाए गए हैं, ताकि मॉर्निंग वॉक के बाद यहां बैठकर लोग आराम भी कर सकें। वेंडर मार्केट के किनारे किड्स जोन बनाया गया है। यहां कई तरह के झूले लगाए गए हैं, जो बच्चों को काफी आकर्षित करेंगे।

स्टेडियम में क्या है खास

स्टेडियम की सबसे खास बात यह है कि एंट्री प्वाइंट के समक्ष साल 1928 में ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलानेवाले हॉकी टीम के कप्तान मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की आदमकद प्रतिमा लगायी गई है। जिसमें चार चांद लगाने के लिए फव्वारे का निर्माण किया गया है। विडंबना यह है कि बीते आठ महीने से इस प्रतिमा को भी प्लास्टिक से ढक कर रखा गया है। देखरेख नहीं की गई तो इसकी स्थिति खराब होते देर नहीं लगेगी। मैदान की दीवारों पर खेलों से जुड़ी चित्रकारी की गई है। साथ ही मैदान में फोटो गैलरी का भी निर्माण किया गया है, जिसमें खिलाडिय़ों के चित्र उकेरे गए हैं। स्टेडियम के दोनों ओर छोटी गैलरी बनाई गई है। यहां बनी सीढिय़ों पर एक साथ करीब 100 लोग बैठकर खेल का आनंद ले सकेंगे। चारों ओर लगाई गई आकर्षक लाइट की वजह से शाम ढलने के बाद भी खिलाड़ी यहां खेल का लुत्फ उठा सकेंगे। स्टेडियम के बाहर 150 चार व दो पहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। जल्द से जल्द इसके खुलने से खिलाडिय़ों के साथ-साथ आम पब्लिक भी यहां क्वालिटी टाइम बिता सकेगी।