रांची (ब्यूरो) । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झामुमो के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पलटवार करते हुए कहा कि झामुमो सिर्फ चुनाव के समय आदिवासी, मूलवासी ,एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग के लिए घडय़िाली आंसू बहाती है। प्रतुल ने कहा कि अगर झामुमो मोर्चा पिछड़ों के आरक्षण के लिए गंभीर थी तो उसने पंचायत चुनाव बिना पिछड़ों के आरक्षण के क्यों करवा लिया? वह तो नगर निकाय चुनाव भी बिना पिछड़ों को आरक्षण दिए करने जा रही थी.पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद ये रुका।

पिछड़ों की आरक्षण सीमा

प्रतुल ने कहा कि झामुमो ने सवा चार वर्षों के बाद भी पिछड़ों की आरक्षण सीमा को बढ़ाने के लिए ट्रिपल टेस्ट की शुरुआत तक नहीं की। यही इनकी असलियत को दर्शाता है। ये सरकार सवा चार वर्षों से शासन कर रही है। परंतु 1932 उनके लिए एक चुनावी झुनझुना से ज्यादा कुछ नहीं रहा है। प्रतुल ने कहा कि 1932 के खतियान को यह सिर्फ एक सरकारी संकल्प से जारी कर सकते थे। लेकिन इन्होंने विधानसभा भेज कर लटकाने का काम किया।