RANCHI : जिन पीडीएस दुकानों में अनाज वितरण ई-पॉस के जरिए नहीं किया जा रहा है, उनके लाइसेंस रद्द करें और सखी मंडलों की दुकानों को लाइसेंस दिया जाए। यह निर्देश मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सभी जिलों के अनुमंडल पदाधिकारियों व जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारियों को दिया है। वह बुधवार को खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रही थीं। सीएस ने कहा कि प्रत्येक माह में 01 से 10 तारीख के बीच अनाज का उठाव हो जाए।

अनाज नहीं उठाने वाले लाभुकों को हटाएं

मुख्य सचिव ने ई-पोस के संबंध में निर्देश दिया कि कई जिलों में सूचीबद्ध लाभुकों की संख्या के अनुरूप अनाज का उठाव नहीं किया जा रहा है, वैसे जिलों में जिन लाभुकों ने राशन का उठाव नहीं किया है, उनकी जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर उनके नाम लाभुक सूची से हटा जाएं। इसके लिए विभाग की ओर से अभियान चलाया जाये।

किसानों के खाते में हो भुगतान

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि किसानों को उनके उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले। इसके लिए किसानों के निबंधन का कार्य तेजी से कराएं। बिचौलियों की भूमिका खत्म करने के लिए किसानों के खातों को आधार से लिंक किया जाए और देय राशि का भुगतान उनके खाते में किया जाए। उन्होंने कहा कि समय पर अनाज का क्रय ई-प्रोक्योरमेंट पद्धति से किया जाए तथा निश्चित अवधि के अन्दर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

कम प्रोक्योरमेंट पर नपेंगे एसडीओ

श्रीमती वर्मा ने निर्देश दिया कि अनाज क्रय केन्द्रों की जांच कर रिपोर्ट वेबसाइट पर डालें। जिला स्तर के पदाधिकारी सीधे तौर पर किसानों के संपर्क में रहें ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। जिन अनुमंडलों में 10-15 प्रतिशत से कम प्रोक्योरमेंट होगा, उसके लिए सीधे तौर पर एसडीओ जवाबदेह होंगे। उन्होंने निर्देश दिया कि संबंधित जिले में अधिष्ठापित मिल की क्षमता का आकलन कर उसकी टैगिंग की जाए। मिल का जैसे मशीन, बिजली बिल, क्षमता का आकलन कर रिपोर्ट दें फिर टैंगिंग करें।

जरूरत से तिगुना अनाज कलेक्ट करे एफसीआई

मुख्य सचिव ने ने कहा कि प्रत्येक जिले में जरूरत से तीन गुना ज्यादा अनाज के संग्रह के लिए एफसीआई के पास गोदाम होने चाहिए। उन्होंने कहा कि एफसीआई अपने गोदामों की मैपिंग करें तथा यह भी रिपोर्ट करें कि किन-किन जिलों में आपूर्ति चक्र बनाये रखने के लिए लिफ्टिंग हेतु कितनी क्षमता के गोदामों की जरूरत है। साथ ही देवघर, गढ़वा, पलामू एवं खूंटी को निर्देशित किया गया कि वे अपने जिलों में गोदामों का चयन करें। कृषि बाजार समिति के गोदामों का भी उपयोग किया जा सकता है।