रांची(ब्यूरो)। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से मंगलवार को बिरसा चौक स्थित होटल रासो में झारखंड रत्न सम्मान समारोह 2024 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर अतिथि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता, श्रम नियोजन व प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता तथा रांची के सांसद संजय सेठ शामिल हुए। सबसे पहले नेशनल एंथम के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। फिर अतिथियों के साथ दैनिक जागरण के जीएम परितोष झा ने दीप जलाकर विधिवत कार्यक्रम की शुरुआत की। रांची के 18 ऐसे लोगों को झारखंड रत्न अवार्ड के लिए चयनित किया गया था, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है और आज भी समाज के उत्थान में अपना योगदान दे रहे हैं। सभी अवार्डियों ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का आभार जताया।

इन्हें मिला सम्मान

अरुण राय - हाई ग्रोथ एजुकेशन के निदेशक अरुण राय ने शिक्षा के क्षेत्र में सतत प्रयास करते हुए छात्र-छात्राओं की जिंदगी बदलने में अहम भूमिका अदा की है। स्कूल व कॉलेज की शिक्षा के बाद करियर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

डॉ विश्वजजीत घटक (कौशल विकास प्रशिक्षण सेवा)- रांची में सेंट मेरी ट्रेनिंग सेंटर के माध्यम से रोजगार विहीन लड़कियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया और उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने का रास्ता दिखाया।

डॉ चंदन कुमार यादव - रांची डाइजेस्टिव गैस्ट्रो लिवर क्लिनिक एवं पारस हॉस्पिटल में हेड कंसल्टेंट के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। अपनी चिकित्सा सेवा के माध्यम से हजारों की संख्या में नाउम्मीद मरीजों की जान बचाई है।

हाजी शारिक नदीम (निदेशक, फातमा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज) - पिता स्व। शफीक अहमद साहब के सपने को सच कर दिखाया है। वे एक दूरदर्शी सामाजिक कार्यकर्ता रहे, जिन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज में प्रकाश फैलाने का संकल्प लिया था। फातमा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के माध्यम से आपने हजारों की संख्या में युवाओं को शिक्षक बनाने का संकल्प लिया है।

मनदीप सिंह और मनमीत सिंह - दो युवाओं ने रांची सहित पूरे राज्य में खुद की बदौलत व्यवसाय को शहर-शहर तक पहुंचाया है। कोकर इंडस्ट्रियल एरिया में सुप्रीम टेक्नो इंडिया मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के माध्यम सहित रांची सहित राज्य के अलग-अलग जिलों में एक से एक स्टाइलिश और डिजाइनर कुर्सियां फर्नीचर आयटम तैयार होता है।

डॉ मोहम्मद महबूब आलम - जो बच्चे एग्जाम में कम माक्र्स आने के बाद डिप्रेशन में चले जाते हैं उनकी न सिर्फ काउंसेलिंग करते हैं बल्कि उसे इस लेवल पर मोटिवेट कर चुके हैं कि वो स्टूडेंट आगे की पढ़ाई भी अच्छे से करने के बाद आज अच्छी जगह जॉब कर रहे हैं।

मो शाहनवाज (आयुर्वेद विज्ञान सेवा) - आयुर्वेदिक पद्धति से लोगों का इलाज किया और कोरोना काल में करीब 300 लोगों की नि:शुल्क चिकित्सा कर उनकी जान बचाई। दिव्यांगों की विशेष सेवा की गई।

प्रणय गुप्ता - हिनू स्थित डिजिटल एंटरप्राइजेज के संस्थापक प्रणय गुप्ता आईटी सॉल्युशन प्रोवाइडर तो हैं ही, जो राज्य एवं केंद्र सरकार के कार्यालयों एवं कॉर्पोरेट हाउसेज को सेवा प्रदान करते हैं। कोशिश एक पहल संस्था के माध्यम से आप समाज के लिए एक मिसाल कायम करने में जुटे हैं।

प्रवीण गोस्वामी (समाजसेवा) - रोयाल एस्टेट के ओनर प्रवीण गोस्वामी ने जमशेदपुर में अलग पहचान स्थापित की है। कोरोना काल में उन्होंने अपनी कुल कमाई का एक बड़ा हिस्सा जरूरतमंदों के लिए दान कर दिया।

डॉ राहुल राज - बीमारियों का सही तरीके से डायग्नोस कर लोगों की जान बचाना और सोशल वर्क में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना मिशन है। डॉ राहुल राज ने पिछले 16 वर्षों में तीन लाख से अधिक लोगों की सेवा की है और उनकी बीमारियों का पता लगाकर नया जीवन प्रदान किया है।

रणविजय प्रियदर्शी व जूली कुमारी - बेस्ट्स जॉब के फाउंडर होने के साथ ही समाज में एक अलग पहचान बनाई है। संस्थान युवाओं के लिए सटीक रोजगार उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध हो रहा है। करीब 20 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है।

रूपेश केशरी - रूपेश केशरी संत फ्रांसिस पब्लिक स्कूल एवं नन्हे बचपन प्ले स्कूल के निदेशक हैं। एजुकेशन फील्ड में विगत 22 वर्षों से हैं। रूपेश जी ने इन दोनों स्कूलों को खोलने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की है आज दोनों विद्यालय को मिलाकर लगभग 800 बच्चे पढ़ते हैं।

डॉ सर्बजया सिंह - मिराई फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर की को फाउंडर एंड मेडिकल डायरेक्टर डॉ सर्बजया सिंह नि:संतान दंपतियों के आंगन में खुशहाली ला रही है। डॉ सर्बजया को गायनी के फील्ड में 18 साल का एक्सपीरिएंस है। इनकी सोच है कि झारखंड के नि:संतान दंपतियों को बेहतर इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़े।

सुषमा शंकर - शब्द और स्नेह से समाज और देश को संवारने में लगी सुषमा शंकर हर दिन अपने प्रयासों से नए प्रतिमान गढ़ रही हैं। जहां संपादकीय एवं मैगजीन में आलेखों के तेजस्वी शब्द जनमानस को झंकृत करने में लगे हैं वहीं इनके द्वारा संचालित सेल्फ फंडेड मां द्रौपदी फाउंडेशन के कार्यों से बरसने वाला स्नेह समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के दर्द पर मरहम लगाने का काम करती है।

डॉ मो ताहिर हुसैन - अब्दुल सत्तार के पुत्र डॉ मोहम्मद ताहिर हुसैन जमशेदपुर से आते हैं। हिंद आईटीआई के निदेशक और नगर निगम मानगो जमशेदपुर के ब्रांड एंबेसडर हैं, जो इस क्षेत्र में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते हैं।

विनिता देवी - डायरेक्टर विनिता कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है। गरीब तबके से आने वाले युवाओं खासकर लड़कियों के लिए आपने अपने संस्थान में नाम मात्र की फीस पर पढ़ाई का दरवाजा खोल रखा है।

विवेक आर्या - न केवल एक बेहतरीन एडवोकेट हैं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान भी हैं। ओएएस ग्रुप की स्थापना की है। हर वक्त अपने कार्यों के अतिरिक्त समाज के लिए खड़े रहते हैं। आपने हर जरूरतमंद की नि:शुल्क सेवा की है।

जीनत कौसर (चिकित्सा शिक्षा): इरबा के अहसान अंसारी, जिन्होंने इरबा में फ्लोरेंस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की स्थापना की और हजारों बेटियों को दक्ष बनाकर रांची में नर्सों की कमी को पूरा किया। उनकी याद में उनकी पत्नी जीनत कौसर को सम्मानित किया गया, जो डायरेक्टर तथा फाउंडर भी हैं।

टाइटल स्पांसर - साईनाथ विश्वविद्यालय

साईं नाथ विश्वविद्यालय, रांची ने शिक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। साईं नाथ एजुकेशनल ट्रस्ट आगरा के बैनर तले गुणवतापूर्ण उच्च, तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा उपलब्ध कराकर विद्यार्थियों को रोजगार मुहैय्या करा रहे है। विश्वविद्यालय की अनेको उपलब्ध्यिां है जो सामान्य जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। विश्वविद्यालय परिसर में सम्पूर्ण विकसित आधारभूत संरचनाओं के साथ छात्र-छात्राओं के लिये आवासीय सुविधा उपलब्ध है यहां झारखण्ड तथा निकटस्थ राज्यों- बिहार, बंगाल, उतरप्रदेश, ओडिसा, छतीसगढ़ के अलावा नेपाल के युवक-युवतियां गुणवतापूर्ण उच्च एवं तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं तथा छात्राओं का नामांकन बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत छात्रों की शिक्षा, आवास एवं सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। कुलपति- प्रो (डॉ) एसपी अग्रवाल के कुशल नेतृत्व में साई नाथ विश्वविद्यालय विभिन्न व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है।