रांची(ब्यूरो)। झारखंड विधानसभा का 21वां वर्षगांठ समारोह सोमवार को हुआ, जहां एक ओर शहीदों को मरणोपरांत सम्मान से नवाजा गया। वहीं, उत्कृष्ट विधायक सम्मान से विश्रामपुर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी को सम्मानित किया गया। इसके अलावा कोरोना टीकाकरण में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार, रांची के उपायुक्त छवि रंजन और रामगढ़ उपायुक्त माधवी मिश्रा को मोमेंटों एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से राज्यपाल रमेश बैस, सीएम हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम समेत अन्य मंत्री, विधायक मौजूद थे।

इन शहीदों को मरणोंपरांत सम्मान

स्व। सुनील लकड़ा(हवलदार), स्व। दुलेश्वर प्रसाद(आरक्षी), स्व। रबिन्द्र कुमार(बीएसएफ), स्व। किरण सुरीन(आरक्षी), स्व.राजेश कुमार, उप समादेष्टा(एसटीएफ), स्व। देवेंद्र कुमार पंडित (हवलदार, एसटीएफ), स्व। हरद्वार साह(आरक्षी, झारखण्ड जगुआर), स्व। शिव उरांव(सैप) को मरणोपरांत सम्मानित किया गया।

सदन की गरिमा का रहे ख्याल :गवर्नर

मौके पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही से आम जनता को काफी अपेक्षाएं रहती हैं। आज का दिवस विधानसभा की उपलब्धियों पर खुशी जताने के साथ ही उन कमियों, नीतियों और कार्य पद्धतियों पर मंथन व चिंतन करने का भी अवसर है, जिससे कि कैसे हम और भी बेहतर ढंग से काम करें और जनहित की जरूरतों और उनकी समस्याओं के प्रति गंभीर और संवेदनशील रहें, ताकि उसके अनुरूप सरकारी नीतियां और योजनाएं बनाई जा सकें। सदन में वाद-विवाद हो, उच्च स्तर का हो, उसमें गंभीरता हो और सुचारू रूप से हो, इसका भी ध्यान रखने की जरूरत है। जनता न केवल अपने क्षेत्र के विधायक द्वारा किए गए प्रश्न को गंभीरतापूर्वक सुनती है, बल्कि सरकार का उस पर क्या विचार है, ये भी जानने को जिज्ञाशु रहती है। इसे सदैव ध्यान में रखने की जरूरत है। इसलिए सदस्यों को बेहतर तरीके से प्रश्न करना चाहिए ताकि सरकार से उचित जवाब मिले। यह सदन प्रजातन्त्र का सर्वोच्च मंदिर है। हमें इसकी गरिमा का सदैव ध्यान रखना चाहिए। इसकी मर्यादा को हमारे किसी आचरण से ठेस न पहुंचे, इसका भी ख्याल रखना होगा।

समावेशी विकास के कार्य : स्पीकर

विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने कहा कि आज खुशी का दिन है। हम सभी स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित हुए हैं। यह अवसर राज्य गठन की परिकल्पना करने वाले एवं इस आंदोलन को अपने लहू से सींचने वाले आंदोलनकारियों को नमन करने के साथ राज्य गठन के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु समीक्षा करने का अवसर भी है। झारखंड राज्य में चलने वाला आंदोलन देश में राज्य निर्माण के लिए लंबा और शांतिपूर्ण चलने वाला सबसे बड़ा आंदोलन था। झारखंड में समावेशी विकास और राज्य गठन के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु सरकार प्रयासरत है। राज्यवासियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से कार्य हो रहा है।

राज्य का आईना है विधानसभा

हम सभी सत्ता पक्ष और विपक्ष की भूमिका में विधानसभा में रहते हैं और एक ही परिसर के अंदर पूरे राज्य के विषय में चिंतन-मंथन करते हैं। खट्टे-मीठे नोक-झोंक के साथ नीति निर्धारण होता है। विधानसभा ऐसा आईना है, जहां राज्य भर का चेहरा दिखाई देता है। विधानसभा के माध्यम से राज्य को दिशा देने का प्रयास होता है। संवैधानिक व्यवस्था के तहत पक्ष और विपक्ष की भूमिका में हम कार्य करते हैं, जिसका परम लक्ष्य विकास और राज्य की जनता को अधिकार देना है।

सभी जरूरतमंदों को पेंशन: सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य स्थापना दिवस पर विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है। आपके अधिकार- आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के जरिए जरूरतमंदों को योजनाओं से जोडऩे का काम हो रहा है। झारखंड के सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों परित्यक्त महिलाओं को सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा। यह कार्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने तक पूरा करने का प्रयास हो रहा है। पेंशन योजना के तहत अब किसी तरह का लक्ष्य निर्धारित नहीं होगा। सभी जरूरतमंदों को इसका लाभ मिलेगा। सरकार घर-घर जाकर समस्याओं का समाधान करने में जुटी है।