रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे कार्यदिवस के दौरान मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने विरोध के तमाम रंग दिखाए। विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटित किए जाने, नियोजन नीति और अन्य मांगों को लेकर सोमवार को सदन के बाहर ढोल-मंजीरे के साथ भजन कीर्तन किया तो सदन के भीतर वेल में जमकर नारेबाजी की। विधायक रिपोर्टर की मेज पर चढ़ गए और हेडफोन खींचे। हंगामे के कारण प्रश्न काल और मुख्यमंत्री प्रश्न काल बाधित हुआ। पहली पाली में सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। शोर-शराबे और हंगामे के बीच ही वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 4684.93 करोड़ की अनुपूरक व्यय विवरणी सदन के पटल पर रखी।

मंगलवार तक के लिए स्थगित

दूसरी पाली में भी सदन का नजारा तकरीबन ऐसा ही देखा गया। हो-हंगामे के बीच सदन को चलाने की विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो की कोशिशें कामयाब नहीं हुई। अंतत: विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष के रवैये से स्पीकर नाराज दिखे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत सत्ता पक्ष के अन्य विधायकों ने भी भाजपा विधायकों के रवैये की आलोचना की। झारखंड विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में करीब आधे घंटे तक ढोल-मंजीरे के साथ भजन-कीर्तन कर सरकार के निर्णय के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया। देवघर विधायक नारायण दास तो एक टांग पर तांडव करने की कोशिश करते नजर आए। नमाज कक्ष आवंटन के साथ ही उनका विरोध देवघर मंदिर के पट न खुलने को लेकर भी था।

लगाए गए नारे

सदन की कार्यवाही 11.15 बजे शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने जयश्री राम और हर-हर महादेव के नारे के साथ नमाज कक्ष को लेकर अपना विरोध प्रकट करना शुरू किया और वेल में आ गए। उन्होंने स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो पर कार्यस्थगन पढ़े जाने के लिए भी दबाव बनाया। स्पीकर ने स्पष्ट किया कि कार्यमंत्रणा की सूचनाएं नियमावली के नियम के तहत ली जाएंगी। इसी बीच प्रश्न काल की शुरुआत होती देख भाजपा विधायकों का विरोध का स्वर और अधिक तेज हो गया। रिपोर्टिंग टेबल पर बैठे विधानसभा के पदाधिकारियों को रिपोर्टिंग में भी भाजपा विधायकों ने व्यवधान डालने की कोशिश की। भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही कुर्सी पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही 12.45 बजे तक स्थगित कर दी। बाद में भी यही नजारा रहा, कार्यवाही बाधित होती रही।

इनके पास कोई मुद्दा नहीं : हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा विधायकों के हंगामे पर कहा कि जब किसी दल के पास कोई मुद्दा नहीं रह जाता है तो इसी तरह का आचरण अपनाकर सदन की प्रक्रिया बाधित किया जाता है। विपक्ष का यह पूर्व नियोजित प्लान था। सरकार हर प्रश्न का जवाब देने को तैयार है। आज मुख्यमंत्री प्रश्नकाल था, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसी मानसिकता की वजह से राज्य के विकास को अपेक्षित गति नहीं मिल पा रही है। नमाज कक्ष के आवंटन को लेकर भाजपा के विरोध पर उन्होंने कहा कि मन में अगर आस्था हो तो सब जगह भगवान ही भगवान हैं। अगर मन में राक्षस होगा तो हर तरफ दुश्मन ही दुश्मन दिखता है।

आप आसन को कमजोर मत समझिए : स्पीकर

भाजपा विधायकों के रवैये से नाराज विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि आप आसन को कमजोर मत समझिए। महिला कर्मियों की कुर्सी छोड़ने की नसीहत देते हुए उन्होंने विधायकों को मर्यादा में रहने को कहा। स्पीकर भानु प्रताप शाही और ढुलू महतो के रवैये से अधिक नाराज दिखे।

विधायक सस्पेंड नहीं हुए तो देंगे धरना : इरफान

भाजपा विधायकों के हंगामे को देखते हुए कांग्रेस विधायक डा। इरफान अंसारी ने उन्हें सस्पेंड करने मांग विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो से की है। उन्होंने कहा कि महिला कर्मियों के साथ खराब व्यवहार शर्मनाक है। अगर हंगामा करने वाले भाजपा विधायकों को निलंबित नहीं किया गया तो वे साथी विधायकों के साथ धरना पर बैठेंगे। भाजपा विधायकों का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। इन्हें इलाज की जरूरत है।

मजबूर-लाचार लग रहे स्पीकर : भाजपा

भाजपा ने आरोप लगाया है कि स्पीकर मजबूर और लाचार लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विधानसभा को कठपुतली नहीं बनाएं। सत्तापक्ष के इशारा पर स्पीकर कार्य कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हेमंत सोरेन ही विधानसभा अध्यक्ष भी हैं। पहले नमाज पढ़े जाने को लेकर कभी अधिसूचना जारी नहीं हुई, लेकिन धर्म विशेष को खुश करने के लिए ऐसा करना गलत है। अध्यक्ष तत्काल अधिसूचना रद करें।