RANCHI : केरल में चल रहे 35वें नेशनल गेम्स का 14वां दिन झारखंड के लिए गोल्डेन डे रहा। शुक्रवार को झारखंड के खाते में दो गोल्ड मेडल आए। बॉक्सिंग में जहां अरूणा मिश्रा ने गोल्ड जीता, वहीं ज्योति कुमारी ने वुशु में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया।

मणिपुर के बॉक्सर को हराया

झारखंड की अरुणा मिश्रा ने फाइनल में मणिपुर की बॉक्सर पर शानदार जीत हासिल कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। अरुणा ने इससे पहले 33वें नेशनल गेम्स और 34वें नेशनल गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था। इस तरह नेशनल गेम्स के इतिहास में अरुणा का यह तीसरा गोल्ड मेडल है। अरुणा ने कहा कि कड़ी मेहनत का नतीजा है कि आज गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रही हूं।

वुशु में भी मिला गोल्ड

शुक्रवार को झारखंड को दूसरा गोल्ड मेडल वुशु में मिला। राज्य की इंटरनेशनल प्लेयर ज्योति कुमारी ने ताउलु इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। टीम के मेंबर्स ने इस सफलता के लिए ज्योति को बधाई दी है।

गोल्ड जीतना रहा खास

'मैं 64 किलो वर्ग में खेलती थी। ओलंपिक में 51, 60 और 75 किलो वर्ग में ही कॉम्पटीशन हैं। तो मैंने अपना वजन 10 किलो बढ़ाने का डिसीजन लिया। यह मुश्किल था, लेकिन मेरे लिए जरूरी भी। यह गोल्ड इसलिए मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि 10 किलो वजन बढ़ाने के बाद यह मुझे हासिल हुआ है'। मणीपुर की मेम्थोई देवी को फाइनल में हराने के बाद सिटी की बॉक्सर अरुणा मिश्रा ने आई नेक्स्ट से बात करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने फोन पर आई नेक्स्ट से अपनी खुशी शेयर की और हमने उनके हसबैंड और मां से भी बात की।

प्रैक्टिस नहीं थी पर फैमिली का साथ था

अरुणा ने बताया कि उनके पास करीब पांच किलो वजन घटाना या फिर 10 किलो बढ़ाने का ऑप्शन था। क्योंकि ओलंपिक में 60 और 75 किलो वर्ग के कॉम्पटीशन हैं। अरुणा ने बताया कि उन्होंने काफी हिम्मत कर 75 किलो वर्ग में पार्टिसिपेट करने का डिसीजन लिया। वेट बढ़ जाने के बाद स्पीड को मेंटेन रखना भी एक चैलेंज था, लेकिन फैमिली का साथ मिलने पर उन्होंने इसे भी संभव कर दिखाया। उन्होंने कहा कि इस बार वे बिना खास प्रैक्टिस के नेशनल गेम्स में गई थीं।

बेटी बनना चाहती है बॉक्सर

अरुणा की दो बेटियां हैं। छह साल की मीनाक्षी घर पर है, जबकि छोटी बेटी सोनाक्षी मां के साथ केरल में है। वह ढाई साल की है। हसबैंड शिशिर ने बताया कि अरुणा का फोन आया तो उन्होंने मां और मीनाक्षी से बात की। मीनाक्षी ने अपनी मां की कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह भी मां जैसी बॉक्सर बनेगी।

बेटी के वेलकम को मां तैयार

अरुणा की मां उर्मिला मिश्रा अपनी बेटी के अचीवमेंट पर बहुत खुश थीं। उन्होंने आई नेक्स्ट से कहा कि अरुणा के पिता ने बेटी के लिए जो सपना देखा था, आज वह अरुणा पूरा कर रही है। उन्होंने बताया कि वे चैंपियन बेटी का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। वे अभी से ही बेटी का इंतजार कर रही हैं। अरुणा 17 फरवरी को शहर पहुंचेंगी।

मैं बेटी के अचीवमेंट पर बहुत खुश हूं। यह कहना चाहती हूं कि बेटियां किसी से कम नहीं होतीं, बस उन्हें मौका मिलना चाहिए। अरुणा ने अपने पिता का सपना सच कर दिखाया है। मैं उसका वेलकम करने को तैयार हूं।

- उर्मिला मिश्रा, अरुणा की मां

अरुणा की यह जीत बहुत खास है क्योंकि वेट बढ़ने के बाद अच्छा परफॉर्मेस करना उसके लिए चुनौती थी। उसकी मेहनत और हिम्मत ने जीत दिलाई है। हम सभी उसके अचीवमेंट पर बहुत खुश हैं।

- शिशिर कुमार झा, अरुणा के पति

मम्मी ने गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने मुझसे बात भी की। मैं भी मम्मी की तरह ही बॉक्सर बनूंगी और मेडल जीतूंगी।

- मीनाक्षी, अरुणा की बड़ी बेटी