रांची: झारखंड आंदोलन के प्रणेता और प्रखर आंदोलनकारी जस्टिस एलपीएन शाहदेव की आठवीं पुण्यतिथि के अवसर पर आईआईएम, रांची के सामने स्थित जस्टिस शाहदेव चौक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने चौक पर आकर जस्टिस शाहदेव को श्रद्धा सुमन अर्पित करके भावभीनी श्रद्धाजंलि दी।

आंदोलन को बौद्धिक ऊर्जा से सींचा: रघुवर

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी चौक पर माल्यार्पण करके जस्टिस शाहदेव को अपनी श्रद्धांजलि दी। रघुवर दास ने कहा कि जस्टिस एलपीएन शाहदेव झारखंड आंदोलन के अग्रणी पंक्ति के योद्धा थे। झारखंड राज्य के गठन में उनकी भूमिका को कभी भूलाया नहीं जा सकता है। रघुवर दास ने कहा कि झारखंड आंदोलन को जस्टिस शाहदेव ने अपनी बौद्धिक ऊर्जा से सींचा था। इसके पूर्व श्रद्धाजंली कार्यक्रम का प्रारम्भ जस्टिस शाहदेव की धर्मपत्नी प्रभा शाहदेव ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर जस्टिस शाहदेव की ज्येष्ठ पुत्री शिल्पी सिंह देव, पुत्र प्रतुल शाहदेव, पुत्रवधू विद्या झा शाहदेव, पौत्री शांभवी, पौत्र शौर्य प्रताप भी उपस्थित थे।

जस्टिस होने के बावजूद आंदोलन किया

झारखंड के पहले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपने शोक संदेश में कहा की झारखंड आंदोलन में जस्टिस एलपीएन शाहदेव की अग्रणी भूमिका को नहीं भुलाया जा सकता है। जस्टिस रहने के बावजूद भी उन्होंने आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। चौक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सांसद समीर उरांव ने न्यायमूर्ति शाह देव को झारखंड की माटी का लाल बताया और कहा की वह झारखंड की अंतिम लड़ाई के नायक थे। मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि झारखंड आंदोलन के क्रम में जब जस्टिस शाहदेव गिरफ्तार हुए तो देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी आंदोलन के क्रम में कोई पूर्व न्यायाधीश गिरफ्तार हुआ हो। श्रद्धाजंली देने वालों में झारखंड प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह, सांसद समीर उरांव, आरयू के वीसी डॉ रमेश पांडे, विधायक समरी लाल, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय आदि उपस्थित थे।