RANCHI: सोमवार की दोपहर पौने एक बजे के करीब गैंगस्टर किशोर पांडेय(मृत)के पिता म्भ् वर्षीय कामेश्वर पांडेय की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह पतरातू स्टेशन रोड में राम-जानकी मंदिर के पास सब्जी खरीद रहे थे। कामेश्वर पांडेय के सिर में गोली मारने से उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, हत्या कर भाग रहे एक शूटर को लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला। एक को अधमरा कर छोड़ा। जबकि तीसरा शूटर झाड़ी में छिप गया। पुलिस ने खोजबीन की लेकिन वह नहीं मिल पाया है।

रामगढ़ एसपी एम तमिलवानन ने बताया कि एक हमलावर को गांव वालों ने पीट-पीट कर मार डाला। उसे भी दो गोली लगी है। कयास लगाया जा रहा कि अपराधकर्मी को उसी के पिस्टल से गोली मारी गई है। फिलहाल, तीनों की पहचान की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि शूटर पश्चिम बंगाल के हैं।

ऐसे हुआ डबल मर्डर

रामगढ़ डीएसपी वीरेंद्र चौधरी के मुताबिक, सोमवार को पतरातू में बाजार लगा था। कामेश्वर पांडेय के पिता स्टेशन रोड स्थित राम जानकी मंदिर के पास सब्जी खरीद रहे थे। यहीं पैदल पहुंचे क्रिमिनल्स ने नजदीक से उनके सिर में गोली मार दी। गोली मारने के बाद तीनों वहा से पैदल ही भाग निकले। हत्या के बाद इलाके में दहशत है। बाजार की सभी दुकानें बंद हो गईं। ग्रामीण कामेश्वर पांडेय की बॉडी के साथ घर पर ही हंगामा करते रहे। देर रात पुलिस ने कामेश्वर पांडेय के शव को कब्जा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल रामगढ़ भेज दिया। रामगढ़ एसपी एम तमिलवानन व डीएसपी वीरेंद्र चौधरी पुलिस बल के साथ पतरातू में कैंप कर रहे हैं।

पांडेय गिरोह पर भारी श्रीवास्तव गिरोह

पतरातू में किशोर पांडेय की मौत के बाद सुशील श्रीवास्तव गिरोह भारी पड़ रहा है। हाल ही में पांडेय गिरोह के एक युवक ब्रजेश कुमार सिंह की भी श्रीवास्तव गिरोह के शूटरों ने हत्या कर दी थी। पुलिस उस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा भी नहीं पाई थी कि सोमवार को किशोर पांडेय के पिता कामेश्वर पांडेय की हत्या कर एक बार फिर सुशील श्रीवास्तव गिरोह ने वर्चस्व की लड़ाई में खुद को मजबूत साबित कर दिया है। गौरतलब हो कि पिछले साल किशोर पांडेय की भी उसके विरोधी सुशील श्रीवास्तव गिरोह के अपराधियों ने जमशेदपुर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। किशोर पांडेय की हत्या का बदला विकास तिवारी ने हजारीबाग कोर्ट परिसर में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव को मार कर लिया था।

बालू घाट का ठेका ले रहा है जान

पतरातू के सौंदा में बालू घाट को लेकर दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। बताया जाता है कि किशोर पांडेय की हत्या और विकास तिवारी के जेल जाने के बाद कामेश्वर पांडेय ने विरासत संभाल ली थी। इसदौरान वे और उनके शागिर्द सुशील श्रीवास्तव गिरोह को पतरातू इलाके में चढ़ने नहीं देते थे। इससे गिरोह बौखला गया था। इसके बाद उनलोगों ने एक योजना के तहत कामेश्वर पांडेय पर निगाह रखनी शुरू कर दी। सोमवार को किसी ने उस गिरोह के लोगों को सूचना दी कि वह सब्जी खरीदने के लिए बाजार निकले हैं। इसके बाद तीन शूटर वहां पहुंचे। शूटरों को कामेश्वर पांडेय की पहचान कराई गई। इसके बाद तीनों उनके पास पहुंचे और नजदीक से सिर में गोली मार दी।