-सभी जिलों के सिविल सर्जन को स्टाफ नर्स बहाल करने का निर्देश

-रिम्स में 15 जुलाई तक न्यू बॉर्न रिसोर्स सेंटर शुरू करने का निर्देश

रांची : नवजात शिशुओं की देखभाल की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए एक महीने के अंदर राज्य के हर जिले में कंगारू केयर मदर यूनिट खोलने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने दिया है। ये केंद्र सभी जिला अस्पतालों अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित होंगे। बहरहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के पांच जिलों में यह व्यवस्था प्रभावी है। यह यूनिट अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जहां मां नवजात शिशुओं को आसानी से स्तनपान करा सकेंगी। प्रधान सचिव मंगलवार को नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में नवजात शिशुओं की देखभाल से संबंधित कार्यक्रमों की समीक्षा कर रही थी। प्रधान सचिव ने इस बीच सभी जिलों के सिविल सर्जन को जल्द से जल्द स्टाफ नर्स की नियुक्तिका निर्देश दिया। बैठक में तय हुआ कि जो चिकित्सक स्वेच्छा से शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सेवा देना चाहते हैं, उनके लिए शिशु रोग से संबंधित विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। उन्होंने इस दौरान रिम्स में हर हाल में 15 जुलाई तक न्यू बॉर्न रिसोर्स सेंटर शुरू करने का टास्क अफसरों को सौंपा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इमॉक और बीमॉक का प्रशिक्षण ले चुके ऐसे चिकित्सक जो स्वास्थ्य केंद्रों में अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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नपेंगी एसएनसीयू में नवजात को रेफर नहीं करने वाली सहियाएं

प्रसव के 48 घंटे के अंदर होम बेस्ड न्यू बॉर्न केयर (एचबीएनसी) माता और नवजात की जांच नहीं करने वाली सहियाओं के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी। प्रधान सचिव ने ऐसी सहियाओं को चिह्नित करने का निर्देश दिया है। इसी तरह एक साल में एक भी नवजात को एसएनसीयू (बीमार नवजात बच्चों का देखभाल केंद्र) में रेफर नहीं करने वाली सहियाओं को भी नोटिस भेजने का निर्देश दिया। साथ ही प्री मेच्योर, सिक बर्थ आदि बच्चों की रिपोर्टिग की जवाबदेही सहियाओं को देने को कहा। वर्तमान में 18 जिलों में एसएनसीयू संचालित है।

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