RANCHI: शुक्रवार से कांटाटोली फ्लाईओवर निर्माण के लिए जमीन खाली करने और दुकानों को तोड़ने का काम शुरू होने वाला था, लेकिन फ ोर्स नहीं मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया। मालूम हो कि कांटाटोली में रमजान कॉलोनी के पास जो बाउंड्री वॉल है, उसे तोड़ा जाना है। यहीं से ब्रिज के लिए फाउंडेशन शुरू होगा।

जमीन देने को तैयार नहीं रैयत

फ्लाईओवर निर्माण में पहले फेज में डायवर्सन के नीचे से बह रहे पानी के लिए पाइप डालकर रास्ता बनाया जाएगा, ताकि पानी का बहाव बंद ना हो। डायवर्सन के चारों तरफ स्थित रैयती जमीन पर कब्जा लेने की प्रक्रिया भी अगले 3 दिनों में शुरू होगी। क्योंकि रैयतों ने जमीन पर कब्जा देने से इनकार कर दिया है। सबसे अधिक परेशानी उन दुकानदारों को है, जो वर्षो से यहां दुकान लगा कर जीवन यापन कर रहे हैं। दुकानदारों ने जगह खाली करने से मना कर दिया है। लेकिन प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है और पुलिस की तैनाती में लोगों से दुकानें खाली कराई जाएंगी।

पैसा नही लेंगे तो ट्रेजरी में होगा जमा

जिला भू-अर्जन कार्यालय द्वारा रैयतों को जल्द से जल्द मुआवजे का भुगतान करने का आश्वासन दिया गया है। इसके बावजूद लोगों ने साफ कर दिया है कि मुआवजा मिले बिना किसी भी सूरत में जमीन नहीं छोड़ेंगे। इसलिए यह मामला फि लहाल फं सा हुआ है। भू-अर्जन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगर प्रभावित लोग मुआवजा नहीं लेते हैं तो उनका पैसा ट्रेजरी में जमा कर दिया जाएगा और यहां काम शुरू कर दिया जाएगा। बाद में भी लोग पैसा ले सकते हैं।

418 डिसमिल जमीन का होगा अधिग्रहण

कांटाटोली फ्लाईओवर के लिए रोड के दोनों तरफ 418 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण होगा। कुल 64 रैयतों की जमीन ली जाएगी। इसके लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय ने मुआवजा का निर्धारण कर लिया गया है। चूंकि चार वार्ड की जमीन का अधिग्रहण होगा, इसलिए मुआवजा की राशि भी अलग-अलग है। रैयतों को 13 से 18 लाख रुपए प्रति डिसमिल की दर से मुआवजा मिलेगा। हालांकि वहां के लोगों का कहना है कांटाटोली में 50 लाख रुपए से ऊपर प्रति डिसमिल जमीन मिल रही है, लेकिन सरकारी दर बहुत कम है।