RANCHI: कांटाटोली एक्सटेंडेड फ्लाईओवर का रिवाइज्ड डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का रास्ता साफ हो गया है। कंसल्टेंट एजेंसी एनएल मालविया प्राइवेट लिमिटेड ने वुधवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे के समक्ष फिजीबिलीटी रिपोर्ट का प्रेजेंटेशन दिया। फिजीबिलीटी रिपोर्ट पर सचिव श्री चौबे ने संतुष्टि दिखायी।

ट्रैफिक रोके बिना होगा काम

पहले कांटाटोली फ्लाईओवार खादगढ़ा बस स्टैंड के सामने से कोकर की ओर शांतिनगर तक बनना था। लेकिन, ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने के लिए अब योगदा सत्संग मठ से बहुबाजार (मेहता चैक) होते हुए कोकर तक फ्लाईओवर का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। यही नहीं यातायात बिना प्रभावित किये निर्माण कार्य कराने के लिए प्रीकास्ट सेगमेंटल बाक्स गर्डर सिस्टम से फ्लाईओवर बनाने का निर्णय लिया गया है। अब इसकी लंबाई लगभग 2100 मीटर होगी।

फोर लेन होगा फ्लाईओवर

फ्लाईओवर फोर लेन होगा जिसमें रेलिंग और डिवाइडर लेकर सड़क की चौड़ाई 16.6 मीटर होगी। पूर्व में कराये गये कार्य एवं भूअर्जन के अलावा शेष कार्य में लगभग 187 करोड़ रुपये खर्च का आंकलन कंसल्टेंट द्वारा किया गया है। डीपीआर बनाने के लिए चयनित एजेंसी एलएन मालविया ने फिजीबिलीटी रिपोर्ट में सुगम यातायात के लिए कांटाटोली चौक के जंक्शन के विकास का भी प्रावधान किया है। साथ ही सिरमटोली की तरफ से खादगढ़ा एवं लालपुर आने वाले वाहनों के लिए फ्लाईओवर से कटकर एक लेन बस स्टैंड की ओर मोड़ दिया जायेगा।

व्यवसायियों का भी ख्याल

इसी तरह लालपुर एवं नामकुम से सिरमटोली की तरफ जाने वाले वाहन बस सटैंड के निकट फ्लाईओवर पर एक अतिरिक्त लेन का प्रावधान किये जाने से निर्बाध आवागमन कर सकेंगी। विस्तारित फ्लाईओवर के निर्माण में न्यूनतम भूमि अर्जन का प्रावधान रखा गया है। लगभग एक एकड़ भूमि का अर्जन किया जा सकता है। सचिव श्री चौबे ने निर्देश दिया है कि यदि संभव हो तो जो भी सीमांत एवं मझोले व्यावसायी प्रभावित होंगे उन्हें योजना के रैंप वाले भाग में पुनर्वासित कराने में सहयोग दिया जाये।

दो साल में बनेगा फ्लाईओवर

फिजीबिलीटी रिपोर्ट संतोषजनक पाये जाने के बाद अब डीपीआर बनने में लगभग दो महीने का समय लगेगा। इसके बाद राज्य सरकार से इस परियोजना के लिए संशोधित प्रशासनिक स्वीकृति लेने एवं अन्य मंजूरी लेने के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस कार्य में लगभग तीन महीने लग सकते हैं। इस तरह विस्तारित फ्लाईओवर का कार्य शुरू होने में पांच महीने लग सकते है। फ्लाईओवर का निर्माण कार्य लगभग दो साल में पूरा होगा।

जल्द निर्माण शुरू हो

सचिव ने कुछ आवश्यक निर्देश देते हुए जल्द डीपीआर बनाने एवं निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। प्रेजेंटेशन के मौके पर जुडको के परियोजना निदेशक (तकनीकी) रमेश कुमार भी उपस्थित थे। बैठक में जुडको के महाप्रबंधक बिरेन्द्र कुमार, सहायक महाप्रबंधक सुशील कुमार, परियोजना प्रबंधक शीतांशु वैभव और उप परियोजना प्रबंधक प्रत्युष आनंद भी उपस्थित थे।