रांची (ब्यूरो) । मालवीय मिशन टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर रांची विश्वविद्यालय रांची में चल रहे लघु अवधि पाठ्यक्रम में विषय विशेषज्ञों ने लैंगिक संवेदीकरण विषय पर व्याख्यान दिए। प्रथम सत्र में डॉक्टर मोहम्मद अब्दुल रफी असिस्टेंट डायरेक्टर यूजीसी एमएमटीटीसी बाबासाहेब अंबेडकर यूनिवर्सिटी ने महिला सशक्तिकरण में उच्च शिक्षा की भूमिका पर विस्तार से परिचर्चा की। द्वितीय सत्र में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के हिंदी के प्रोफेसर डॉ मिथिलेश कुमार सिंह ने लोक साहित्य का स्त्री पक्ष विषय पर परिचर्चा की।

प्रतिरोध दर्ज किया

उन्होंने कहा लोक साहित्य के द्वारा स्त्रियों ने अपना प्रतिरोध दर्ज किया है। तृतीय सत्र में इग्नू की प्रोफेसर डॉ सविता सिंह ने लैंगिक संवेदीकरण विषय पर बात करते हुए कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारे समाज में स्त्री एवं पुरुष में भेदभाव सिखाया जाता है। जेंडर विभेद के कारण ही स्त्रियों का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। हम जिस समाज में रहते हैं वहां स्त्रियों के प्रति भेदभाव एवं हिंसा कायम है। आज की युवा पीढ़ी के लिए यह आवश्यक है कि अपने परिवार से ही वे लैंगिक समता को मजबूती दें। चौथे सत्र में प्रोफेसर रमेश प्रसाद गुप्त ने व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रज्ञा गुप्ता ने किया।