रांची(ब्यूरो)। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा आयोजित राजनी-टी के मंच पर युवाओं ने ईमानदार उम्मीदवार चुनने का संकल्प लिया। राजनी-टी का आयोजन रांची यूनिवर्सिटी के कॉमर्स डिपार्टमेंट के कैंपस में किया गया, जहां भारी संख्या में यूथ शामिल हुए। इनमें कोई फस्र्ट तो कोई सेकंड टाइम वोटर हैं। युवाओं ने कहा कि यूथ के लिए आज भी रोजगार एक सपना बना हुआ है। वैसे तो सरकार कई काम कर रही है। लेकिन रोजगार के क्षेत्र में कोई काम नहीं हो रहा है। मंदिर बनाना एक अच्छा निर्णय है, लेकिन मंदिर-मस्जिद युवाओं को नौकरी नहीं दे सकते हैं। युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए यह जरूरी है कि उन्हें रोजगार से जोड़ा जाए। इससे देश का भी आर्थिक विकास होगा। इस बार के इलेक्शन में यूथ अपने फ्यूचर को ध्यान में रखकर ही वोट करेंगे, जो रोजगार की बात करेगा उसे ही चुना जाएगा।
अभिशाप है बेरोजगारी
हाईली एजुकेटेड युवा मजबूरी में छोटे काम करके अपने परिवार की देखभाल कर रहे हैं। कोई एमए-बीए करके चाय की दुकान चला रहा है तो कोई ऑटो चला रहा है। मिडिल क्लास फैमिली के पास उतना पैसा भी नहीं होता है कि वे एक अच्छा बिजनेस भी कर सकें। कहने को तो देश विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है। लेकिन इसी देश के लिए बेरोजगारी आज भी एक अभिशाप बनी हुई है। बेरोजगारी ने कई युवाओं की जान ले ली। लेकिन इसे दूर नहीं किया जा रहा है। सरकार चाहे किसी भी पार्टी की आए, उनकी प्राथमिकता बेरोजगारी दूर करना ही होनी चाहिए।
क्या कहते हैं युवा
देश में काफी डेवलपमेंट वर्क हो रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काम हो रहे हैं। यह अच्छी बात है। लेकिन यूथ के पाइंट ऑफ व्यू से भी सरकार को काम करना चाहिए। युवा को रोजगार चाहिए। ताकि उनका भविष्य संवर सके। उनके पीछे पूरे परिवार की जिम्मेवारी होती है। नौकरी ढूंढने में ही आधी उम्र निकल जाती है। फिर थक हार कर या तो प्राइवेट नौकरी कर लेते हैं या फिर कोई छोटा-मोटा व्यवसाय करना शुुरू कर देते हैं।
- शुभम कुमार

चुनाव में नेता चुनने की एक ही शर्त होगी, उम्मीदवार पढ़ा-लिखा और समझदार हो। युवा उम्मीदवार को वोट देना ज्यादा फायदेमंद होगा। एक युवा नेता ही युवाओं के हित के लिए काम कर सकता है। देश का युवा वर्ग मजबूत रहेगा तो देश भी मजबूत होगा। किसी पार्टी विशेष या किसी खास व्यक्ति को नहीं, बल्कि जो काम करने वाले उम्मीदवार हों, जो जज्बे के साथ कुछ करने की इच्छा रखते हों और जिनका विजन क्लियर हो, ऐसे लोग चुन कर आने चाहिए।
- नीरज साहू

ऑनलाइन वोटिंग अच्छा निर्णय हो सकता है। ऑनलाइन वोटिंग कराने से लोगों को सुविधा होगी। जिस प्रकार रियलिटी शो के लिए पूरा देश ऑनलाइन माध्यम से ही वोट करता है, उसी प्रकार अपना लीडर चुनने के लिए भी देश के नागरिक ऑनलाइन वोट जरूर करेंगे। ऐसा होने से ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले नेता भी चुन कर सामने आएंगे। कई बार पोलिंग बूथ पर हंगामा, बूथ कैप्चरिंग, बोगस वोट जैसी समस्याएं आती हैं। ऑनलाइन वोटिंग के जरिए इन समस्याओं से निजात मिलेगा। वोटिंग परसेंटेज बढ़ेगा।
-साधना कुमारी

हम नारी सम्मान की बात करते हैं। फेस्टिवल और वूमेंस डे जैसे मौके पर नारी की पूजा और उन्हें सम्मान देते हैं। लेकिन असलियत में आज भी कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। महिलाओं को आज भी सिर्फ एक वस्तु के रूप में देखा जाता है। महिलाएं आज भले देश में अपनी काबिलियत के दम पर परचम लहरा रही हैं। लेकिन समाज में उन्हें आज भी कई यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। सरकार जो भी आए वो आधी आबादी यानी कि महिला हित में जरूर काम करे। उनके लिए बनाए गए सुरक्षा कानून को और ज्यादा सशक्त बनाया जाए।
- नासरीन परवीन

हर काम के लिए एक उम्र होती है। लड़कियों के लिए शादी की उम्र सीमा भी 18 साल तय है। लेकिन यह उम्र शादी के लिए सही नहीं है। इस वक्त तक स्टडी भी पूरी नहीं हो पाती है। इसलिए इसे बढ़ाकर 21 साल कर दिया जाए तो अच्छा रहेगा। महिलाओं के लिए बनाए गए कानून में भी संशोधन होना चाहिए। दुमका गैंगरेप ने झारखंड को देश-विदेश में बदनाम किया है। इस तरह के अपराध के लिए कानून को और सख्त होना जरूरी है। अपराधियों को ऐसी सजा मिले कि कोई दोबारा ऐसा जघन्य अपराध करने के बारे में सोच भी न सके।
- पूजा सिंह

वोट देने से पहले क्वालिटी एजुकेशन, रोजगार और स्वास्थ्य प्रमुख मुद्दा रहेगा। युवाओं को दूसरे पर डिपेंड रहने से अच्छा है, सेल्फ डिपेंड बनना चाहिए। यदि नौकरी नहीं मिल रही है, तो होपलेस होने के बजाय अपना कुछ अलग स्टार्टअप शुरू करना चाहिए। सरकार यदि रोजगार नहीं भी दे पा रही है तो युवाओं को इतना सक्षम कर दे कि वे अपना खुद का रोजगार स्थापित कर सकें। ईजी और कम या जीरो इंटरेस्ट पर लोन उपलब्ध कराया जाए। स्टार्टअप के लिए सब्सिडी दें।
- डॉ नाजिश

एक सांसद के ऊपर कई जिम्मेवारियां होती हैं। उनका क्षेत्र भी काफी बड़ा होता है। ऐसे में उनके पास काम करने के लिए अच्छा अवसर होता है। अपने क्षेत्र के विकास के लिए सांसद सदन में मुद्दे उठा सकते हैं। लेकिन सिर्फ मुद्दे उठाना ही काम नहीं बल्कि उसे अंजाम तक पहुंचाना भी लक्ष्य होना चाहिए। अपने क्षेत्र के लिए ऐसे ही सांसद का चयन होना चाहिए जो डेवलपमेंट का काम कर सके। लोगों की पीड़ा सुने, उनकी मदद करे। सुख-दुख के समय मौजूद रहे।
-जय कुमार

मंदिर-मस्जिद बनना अपनी जगह है। यह चुनाव के लिए कोई मुद्दा नहीं हो सकता है। मंदिर-मस्जिद या कोई भी धार्मिक स्थल युवाओं को नौकरी नहीं दे सकते हैं। युवाओं के लिए सबसे जरूरी नौकरी होता है। बेरोजगार युवा न खुद का भला कर सकता है और न ही देश का। पारिवारिक जिम्मेवारी भी नहीं उठा सकता है। नौकरी देना सरकार का काम है। लेकिन सिस्टम में इतना करप्शन फैल गया है कि नौकरी लेना कोई सामान्य बात नहीं। पहुंच, पैरवी और पैसे वाले को ही नौकरी दी जा रही है। मिडिल क्लास फैमिली वाले त्रस्त हैं।
- जया कुमारी

वोट फॉर बेस्ट
अपना कीमती वोट बर्बाद न करें। वोट उसी को दें जो बेस्ट कैंडिडेट हो। लेकिन वोट जरूर दें। वोट नहीं देने वालों को सरकार से शिकायत या कोई उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए। अपने मत का सही इस्तेमाल करें और सही व्यक्ति का चयन करें। सही व्यक्ति ही देश और समाज में आर्थिक बदलाव ला सकता है। लोगों की समस्या को दूर कर सकता है। वोट देने से पहले जांच-पड़ताल जरूर कर लें। बीते कामों की समीक्षा करते हुए ही वोट किसे देना है, यह निर्णय लें।
-हर्ष कुमार

मेरा मुद्दा
-बेरोजगारी दूर की जाए। युवाओं को रोजगार मिले।
-क्वालिटी एजुकेशन पर जोर दिया जाए। युवाओं का पलायन रोकें।
-देश से गरीबी दूर हो। हर हाथ को काम सुनिश्चि हो।
-करप्शन फ्री हो सिस्टम। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून बने।
-स्वास्थ्य के क्षेत्र में डेवलपमेंट हो। मेडिकल फैसिलिटी बेहतर हो।
-देश के विकास का विजन वाला लीडर हो। जनता की सुने।