रांची(ब्यूरो)। पिछले महीने ही सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए यह घोषणा की है कि जमीन का म्यूटेशन कराने के लिए अब सीओ ऑफिस का चक्कर नहीं लगाना होगा। रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन भी हो जाएगा। लेकिन सरकार का आदेश और जमीनी सच्चाई कुछ और है। रांची जिले में 16 हजार 474 म्यूटेशन के मामले पेंडिंग हैं। ये सभी मामले 30 दिन तक के हैं। अभी भी म्यूटेशन के लिए लोग सीओ ऑफिस जा ही रहे हैं।

क्या है सरकार का नियम

एक दिसंबर से राज्य सरकार ने नियम लागू किया है कि जमीन की रजिस्ट्री होते ही म्यूटेशन दाखिल खारिज की प्रक्रिया स्वत: शुरू हो जाएगी। इससे खरीदार को म्यूटेशन के लिए अलग से आवेदन देने की जरूरत नहीं होगी। रजिस्ट्री होते ही म्यूटेशन के लिए आवेदन स्वत: जेनरेट हो जाएगा। झारभूमि पोर्टल के माध्यम से वह सीधे सीओ के पास जाएगा। वहां सीओ प्रक्रिया का पालन करते हुए म्यूटेशन कर देंगे। यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन म्यूटेशन की पहले की तरह ही होगी और समय भी 35 दिन ही लगेगा। एनजीडीआरएस पोर्टल से जमीन की रजिस्ट्री के बाद डीड रियल टाइम बेसिस पर म्यूटेशन के लिए झारभूमि पोर्टल से सीओ के पास जाएगा। एनजीडीआरएस पोर्टल पर डीड अपलोड होने के बाद खरीदार को म्यूटेशन केस नंबर मिल जाएगा।

पोर्टल पर आवेदन की स्थिति

भूमि के निबंधन के बाद दाखिल-खारिज के लिए अलग से आवेदन देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही, अंचल कार्यालय का चक्कर भी नहीं लगाना पड़ेगा। भूमि के निबंधन के बाद आवेदन स्वत: रियल टाइम के आधार पर दाखिल-खारिज के लिए संबंधित क्षेत्र के अंचल अधिकारी को म्यूटेशन केस नंबर के साथ मिल जाएगा। आवेदक को एसएमएस के माध्यम से दाखिल-खारिज का नंबर मिलेगा। इस नंबर के जरिए आवेदन की स्थिति को झारभूमि पोर्टल पर ट्रैक कर सकेंगे।

यह है उद्देश्य

विभाग को यह शिकायत मिल रही थी कि डेटा में गड़बड़ी व दस्तावेजों के अपलोड नहीं होने से सीओ ऑफिस में आवेदन लंबित हो जाते हैं। अब आवेदक को सभी सूचना ऑनलाइन मिलेंगी। सीओ ऑफिस का चक्कर नहीं लगाना पड़े, रजिस्ट्री के बाद फिर से ऑनलाइन आवेदन नहीं भरना पड़े, इसलिए यह व्यवस्था शुरू की गई है।

2013 से ऑनलाइन

जमीन के म्यूटेशन में आनेवाली अड़चनों को दूर करने के लिए रांची के शहरी अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन सिस्टम 2014-15 से शुरू किया गया, जिसे बाद में पूरे राज्य में लागू किया गया। प्रयोग के तौर पर झारखंड में सबसे पहले रांची जिले के इटकी अंचल से ऑनलाइन म्यूटेशन की शुरुआत 2013 में की गई। ऑनलाइन म्यूटेशन सिस्टम होने के बाद भी म्यूटेशन में विलंब होने से लंबित आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है।

जिले के 18 अंचलों में परेशानी

रांची जिले के 18 अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन के करीब 16 हजार मामले लंबित हैं। रांची जिला के विभिन्न अंचलों में जमीन के म्यूटेशन के लिए कई लोगों ने एक महीने पहले आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक उनका मामला पेंडिंग है। म्यूटेशन के लिए लोगों को सीओ ऑफिस से कोई समय भी नहीं मिलता, जिस वजह से आवेदक को यह मालूम नहीं होता कि कब उनकी जमीन का म्यूटेशन होगा।

यह है म्यूटेशन का प्रॉसेस

-म्यूटेशन से संबंधित आवेदन रजिस्ट्री ऑफिस से सीधे अंचल ऑफिस में ऑनलाइन जमा करना होता है।

-अंचल की ओर से डाटा एंट्री के बाद टोकन जारी किया जाता है

-फिर आवेदन संबंधित हल्का कर्मचारी के पास भेजा जाता है।

- हल्का ऑफि स में जमीन से संबंधित सारे दस्तावेज की जांच होती है।

-हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट सीआई के पास भेजी जाती है।

-सीआइ के माध्यम से होते हुए पेपर सीओ के पास आता है, सीओ के हस्ताक्षर के बाद स्लिप जारी की जाती है।

जिले के अंचलों में 30 दिनों में म्यूटेशन के पेंडिंग मामले

अनगड़ा- 372

अरगोड़ा- 1812

इटकी- 168

ओरमांझी- 803

कांके - 3919

खलारी - 114

चान्हो - 405

तमाड़ -143

नगड़ी -1833

नामकुम -2220

बडग़ाई- 1101

बेड़ो - 222

बुढमू - 329

बुंडू - 172

मांडर- 358

रातू- 1492

राहे 66

लापुंग- 21

शहर- 847

सिल्ली- 105

सोनाहातू -22

हेहल - 652