पहल--- अंतिम वर्ष के एमबीबीएस, पीजी, नर्सिंग छात्र, बीडीएस व आयुष के चिकित्सकों को भी मिलेगा फायदा

- अनिवार्य शर्त में न्यूनतम 100 दिन ड्यूटी करना होगा अनिवार्य

रांची : कोविड अस्पतालों में इलाज करनेवाले मेडिकल व नर्सिंग के छात्रों को राज्य में होनेवाली स्थायी नियुक्ति में प्राथमिकता मिलेगी। इसका लाभ अनुबंध पर काम करनेवाले वैसे हेल्थ केयर प्रोफेशनल को मिलेगा, जो अनुबंध पर कोविड अस्पतालों में काम कर रहे हैं या करेंगे। इसके लिए उन्हें न्यूनतम 100 दिन कोविड अस्पतालों में सेवा देना जरूरी होगा। राज्य सरकार ने चिकित्सकों की कमी को देखते हुए केंद्र की अनुशंसा पर अंतिम वर्ष में पढ़नेवाले पीजी मेडिकल, एमबीबीएस तथा बीएससी नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को कोविड अस्पतालों में अनुबंध पर बहाल करने का निर्णय लिया है।

हेल्थ केयर प्रोफेशनल

इमरर्जेंसी कोविड-19 रिस्पांस प्लान के तहत छह श्रेणियों में मानदेय के आधार पर हेल्थ केयर प्रोफेशनल बहाल किए जाएंगे। इनका मानदेय भी तय कर दिया गया है, जिसका भुगतान क्रिटिकल केयर के तहत आवंटित राशि से होगा। साथ ही इन्हें बीमा योजना का भी लाभ मिलेगा। प्रत्येक जिले में विज्ञापन प्रकाशित कर ऐसे छात्रों की बहाली अनुबंध पर छह माह के लिए कोविड अस्पतालों में की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। न्यूनतम 100 दिनों तक कोविड अस्पतालों में सफलतापूर्वक कार्य किए जाने पर इन्हें स्थायी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी।

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किस हेल्थ केयर प्रोफेशनल को मिलेगा कितना दैनिक मानदेय

- पीजी मेडिकल के अंतिम वर्ष के छात्र : 3500 रुपये

- एमबीबीएस डॉक्टर (नीट) : 2000 रुपये

- इंटर्न मेडिकल छात्र : 1500 रुपये

- एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्र : 1200 रुपये

- बीडीएस या आयुष : 800 रुपये

- बीएससी नर्सिंग, जीएनएम की अंतिम वर्ष की छात्रा : 550 रुपये

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