RANCHI : जिस घर में रहकर दिन-रात करती थी काम। उन्होंने ही इतना दर्द दिया कि दो माह भी बच्ची का जख्म नहीं भर पाया है। बच्ची के बदन पर डंडे से पिटाई, गर्म रॉड से दागने व चेहरे पर पिटाई के निशान अभी भी मौजूद हैं। ये निशान यह बताने के लिए काफी हैं कि किस तरह एक बच्ची के साथ उसकी मालकिन क्रूरता बरतती थी। राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर शुक्रवार को बच्ची से मिलने के लिए प्रेमाश्रय पहुंचीं। उन्होंने बच्चों को इलाज के साथ सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। मालूम हो कि ज्योति दास के घर से दो माह पहले रेस्क्यू होने के बाद से बच्ची प्रेमाश्रय में रह रही है।

आरोपी पर लिया संज्ञान

सीडब्ल्यूसी ने बच्ची के साथ अनैतिक व्यवहार करने को लेकर ज्योति दास पर संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि इस बाबत बच्ची का बयान लिया गया है। इस बेसिस पर आरोपी ज्योति दास के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दोषी को सजा मिले, इसके लिए राज्य बाल संरक्षण आयोग हर जरूरी कदम उठाएगी, ताकि घर में बच्चियों से काम करने वाली का शारीरिक-मानसिक शोषण नहीं हो।

बच्ची को ले जाने के लिए बना रही दबाव

रेस्क्यू कराए जाने के बाद से बच्ची प्रेमाश्रय में रह रही है। यहां की सिस्टर ने बताया कि आरोपी ज्योति दास फिर से बच्ची को अपने साथ ले जाने के लिए लगातार दबाव बना रही है। वह यहां इस बाबत कई बार आ भी चुकी है, जबकि उसके साथ जाने से बच्ची ने इन्कार कर दिया है। इधर, ज्योति का कहना है कि बच्ची को उन्होंने प्रताडि़त नहीं किया है, बल्कि उसकी किराएदार ने ऐसा किया। हालांकि, बार-बार वह अपना बयान बदल रही है।

क्या है पूरा मामला

ज्योति दास के घर कई सालों से बच्ची रहकर नौकरानी का काम करती थी। इस दौरान मालकिन उसे शारीरिक-मानसिक रुप से प्रताडि़त करती थी। बात-बात पर उसे मारा-पीटा जाता था। गर्म रॉड से शरीर दागे जाते थे। ठंड में जमीन पर सोना पड़ता था। बच्ची के सारे कपड़े बोरा में बंद कर छिपा गिया गया था। ऐसे में पिछले साल 24 नवंबर को मौका मिलने पर बच्ची घर से भाग निकली थी।