रांची(ब्यूरो)। सिटी में फुटपाथ पर अतिक्रमण न हो, इसके लिए नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड द्वारा वेंडर मार्केट का निर्माण कराया गया है। लेकिन इसके बाद भी एन्क्रोचमेंट भी नहीं रुका है। इसके पीछे सोसायटी की भी लापरवाही है। कहीं, मार्केट बनाए ही नहीं गए तो कहीं मार्केट बना कर वहां द़ुकानदारों को शिफ्ट ही नहीं किया गया। आज भी सड़क-नाली का अतिक्रमण कर दुकानें सजाई जा रही हैं। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसा ही एक मार्केट हरमू बाजार के समीप हरमू हाउसिंग बोर्ड द्वारा भी बनाया गया था। लेकिन मार्केट बने कई साल बीत चुके हैं आज तक यहां दुकानदारों को शिफ्ट नहीं कराया गया। हरमू मार्केटिंग कॉप्लेक्स में दुकानदारों को स्थान तो अलॉट कर दिया गया, लेकिन उसे शिफ्ट नहीं कराया गया। जिसका नतीजा है कि अब भी दुकानदार सड़क पर दुकान सजा रहे हैं। इससे इलाके में ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है।

नशेडिय़ो का अड्डा

हरमू बाजार के समीप करोड़ो रुपए खर्च करके डेली मार्केट कम बैंक्वेट हॉल का निर्माण कराया गया था, लेकिन यह आज नशेडिय़ों और जुआरियों के लिए पसंदीदा जगह बना हुआ है। रांची के वार्ड 26 स्थित हरमू बाजार के समीप करीब दस साल पहले इस मार्केट का निर्माण कराया गया था। 2011 में इस भवन का शिलान्यास हुआ और 2014 में भवन बनकर तैयार हो गया। सब्जी विक्रेताओं को यहां शिफ्ट करने के उद्देश्य से इस बिल्डिंग का निर्माण हुआ था, लेकिन सब्जी विक्रेता तो नहीं आए उल्टे यह कॉम्प्लेक्स नशेडिय़ों का अड्डा जरूर बन गया। शहर के बीचोबीच रेसिडेंशियल इलाके में बना यह मार्केट अब लोगों के लिए परेशानी बनता जा रहा है। सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाया गया यह मार्केट अब खुद परेशानी का सबब बन गया है।

इस्तेमाल से पहले जर्जर

बीते दस सालों में भवन की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। हैंडओवर करने से पहले इस बिल्डिंग में बिजली, पानी, टॉयलेट सभी सुविधाएं दी गई थीं। सेकंड फ्लोर पर बने बैंक्वेट हॉल में टाइल्स-मार्बल भी लगाए गए थे। लेकिन आज सब कुछ खत्म हो चुका है। बिजली के वायर, स्वीच, बल्ब, पंखा सभी चोरी हो चुके हैं। पूरे भवन में अंधेरा छाया रहता है।

कांप्लेक्स में नहीं जाना चाह रहे दुकानदार

भवन 2014 में बन कर तैयार हो गया। इसके दो साल बाद यहां दुकानदारों को दुकानें अलॉट कर दी गईं। ऑक्शन के माध्यम से दुकानों का आवंटन हुआ था। हरमू बाजार में सब्जी की दुकान लगाने वाले लगभग सभी दुकानदारों को इस कॉम्प्लेक्स में दुकानें आंवटित की गई हैं। 200 दुकानें इस बिल्डिंग में बनाई गई हैं। दुकानदारों को दुकान तो अलॉट कर दी गई, लेकिन बीते नौ साल में भी नगर निगम यहां दुकानदारों को शिफ्ट नहीं करा सका है। स्थान लेने के बाद भी दुकानदार सड़क पर ही अपनी दुकान सजा रहे हैं। हालांकि, दुकान को गोदाम के रूप में जरूर इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि दुकानदार शिफ्ट हो गए होते तो यह मार्केट भी आज अटल वेंडर मार्केट या नागा बाबा वेजिटेबल मार्केट से कम नहीं होता।

लगा रहता है जाम

तीन फ्लोर वाले इस कांप्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर और पहले तल्ले का आवंटन वेंडर्स को किया गया है, जबकि तीसरे फ्लोर पर कम्युनिटी हॉल बना हुआ है। इसका इस्तेमाल आज तक नहीं हुआ। हरमू बाजार में सड़क पर बाजार लगने से हर रोज जाम की स्थिति रहती है। शाम में जाम और अधिक बढ़ जाता है, जिससे हाउसिंग क्षेत्र और विद्यानगर, गंगानगर के इलाकों में आने-जाने वालों को काफी परेशानियां होती हैं।