RANCHI:नियम यह है कि कोई भी लावारिश लाश पुलिस के अनुरोध पर 72 घंटे ही रिम्स के माच्यूरी विभाग में रखी जा सकती है। पर, पुलिस यहां लाश रखकर भूल जाती है। ऐसे में कई दिनों तक लाश यहां पड़ी रहती है और रिम्स प्रबंधन यह नहीं समझ पाता है कि आखिर उन लाशों का करें क्या? इस बाबत न तो प्रचार-प्रसार होता है और न ही शवों को डिस्पोजल करने की कोई प्रक्रिया अपनाई जाती है।

जनवरी से मई तक के रिकॉर्ड

तिथि म./पु. उम्र थाना

2 जनवरी म. - नगड़ी

3 जनवरी म. 60 वर्ष रातू

6 जनवरी म. 60 वर्ष कोतवाली

7 जनवरी म. 50 वर्ष लोअर बाजार

10 जनवरी म. 55 वर्ष तमाड़

11 जनवरी पु. 45 वर्ष तुपुदाना

15 जनवरी पु. 30 वर्ष कांके

15 जनवरी पु. 46 वर्ष हटिया रेलवे

17जनवरी पु. 40 वर्ष चुटिया

17 जनवरी पु. 26 वर्ष तमाड़

19 जनवरी पु. 12 वर्ष अनगड़ा

20 जनवरी म. - खलारी

29 जनवरी ल. - डोरंडा

14 फरवरी पु. 55 वर्ष लोअर बाजार

15 फरवरी पु. 62 वर्ष पिठोरिया

19 फरवरी पु. 40 वर्ष खलारी

21 फरवरी म. 42 वर्ष रातू

21 फरवरी पु. 55 वर्ष जीआरपी

23 फरवरी पु. 45 वर्ष नगड़ी

25 फरवरी म. 25 वर्ष मैक्लुस्कीगंज

27 फरवरी म. 30 वर्ष जीआरपी

05 मार्च म. 40 वर्ष नगड़ी

07 मार्च पु. 42 वर्ष रातू

11 मार्च पु. 32 वर्ष हटिया रेलवे

15 मार्च म. - तुपुदाना

15 मार्च म. - जगन्नाथपुर

15 मार्च म. - चान्हो

22 मार्च म. 60 वर्ष कोतवाली

25 मार्च म. 35 वर्ष हटिया रेलवे

26 मार्च म. 40 वर्ष हटिया रेलवे

26 मार्च म. 40 वर्ष टाटीसिलवे

27 मार्च म. 35 वर्ष जगन्नाथपुर

29 मार्च म. 65 वर्ष चुटिया

03 अप्रैल म. - इटकी

08 अप्रैल म. 55 वर्ष चुटिया

09 अप्रैल पु. 45 वर्ष नामकुम

14 अप्रैल पु. 45 वर्ष रांची रेलवे

16 अप्रैल पु. 45 वर्ष रांची रेलवे

17 अप्रैल पु. 55 वर्ष मांडर

20 अप्रैल पु. 32 वर्ष रांची रेलवे

24 अप्रैल पु. 31 वर्ष कोतवाली

24 अप्रैल पु. 35 वर्ष सदर

30 अप्रैल पु - सुखदेवनगर

02 मई पु. - टाटीसिलवे

04 मई पु. 45 वर्ष सुखदेवनगर

06 मई पु. - बुंडू

10 मई पु. 55 वर्ष बुंडू

11 मई म. - बीआईटी मेसरा

14 मई म. 45 वर्ष जगन्नाथपुर

14 मई म. 35 वर्ष खलारी

20 मई म. 25 वर्ष हटिया रेलवे

एसएसपी की तस्वीर के साथ--

एसएसपी प्रभात कुमार से सीधी बातचीत

सवाल: रांची पुलिस के पास अननोन लाशों की शिनाख्त करने के लिए क्या प्रक्रिया है?

जवाब: रांची पुलिस जितनी भी अननोन लाशें बरामद करती है, उनका बकायदा फोटो होता है और अखबारों में पहचान के लिए उसे प्रकाशित किया जाता है।

सवाल: क्या इसका कोई और तरीका नहीं हो सकता है?

जवाब: पुलिस चाहती है कि जल्द से जल्द लाशों की शिनाख्त हो और उन्हें परिवार को सौंप दिया जाए।

सवाल: अब तक कितनी अननोन बॉडी की शिनाख्त हो चुकी है?

जवाब: जिनके परिजन लाशों को पहचान जाते हैं, उन्हें वे अपने साथ ले जाते हैं। अभी तक नौ प्रतिशत लाशों की शिनाख्त हो चुकी है।

सवाल: लाशों की पहचान कराने में पुलिस विलंब क्यों करती है?

जवाब: रांची में ही फर्जी प्रीति हत्याकांड का मामला उजागर हो चुका है। ऐसे में कोई लाश का दावा करता भी है तो उसका डीएनए टेस्ट कराया जाता है। फिर उस लाश को परिजनों को सौंपते हैं। इसी को लेकर विलंब होता है।

सवाल: ऐसा कहा जाता है कि पुलिस इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जबकि रिम्स प्रबंधन केवल 72 घंटे तक ही लाश रखने में सक्षम है?

जवाब: पुलिस की कोशिश रहती है कि वह जल्द से जल्द शव की पहचान कराए, जिन शवों की पहचान नहीं हो पाती है। डीसी की अनुमति पर उसकी अवधि बढ़ा दी जाती है।