RANCHI: रिम्स में एमआर की एंट्री पर रोक है। वहीं, इसे लेकर प्रबंधन ने नोटिस भी जारी कर दिया है। इसके बावजूद एमआर की एंट्री बेरोकटोक जारी है। इसका खामियाजा इलाज के लिए दूर-दराज से आए मरीज भुगत रहे हैं, जिन्हें बीच में रोक कर ही ये लोग अपनी दवा का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। इस वजह से मरीजों को अपनी बारी का इंतजार भी करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, बेधड़क घूमने वाले इन एमआर को कार्रवाई का भी कोई डर नहीं है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये लोग अब इनडोर तक अपनी पहुंच बना चुके हैं।

डेली 200 से ज्यादा एमआर

अलग-अलग कंपनियों के एमआर हॉस्पिटल में राउंड लगाते हैं। हर विभाग में एवरेज दस से 12 एमआर हर दिन विजिट के लिए आते हैं। जहां डॉक्टर के पास ये लोग दो से तीन मिनट का समय ले लेते हैं। इससे ओपीडी के समय में ही ये लोग डॉक्टर का आधा घंटा समय ले लेते हैं। जबकि इतने समय में डॉक्टर कई मरीजों को देख सकते हैं।

इनडोर में लगती है लाइन

ओपीडी तो ओपीडी एमआर ने इनडोर को भी नहीं छोड़ा है। जब ओपीडी में डॉक्टर नहीं मिलते तो ये लोग इनडोर वार्ड में भी पहुंच जाते है। जहां डॉक्टर साहब भी राउंड छोड़कर इनसे मिलने चले आते है। आखिर दवा लिखने पर उन्हें भी चढ़ावा चढ़ाया जाएगा। इस वजह से ही डॉक्टरों के चैंबर के बाहर लंबी लाइन लगी रहती है।

रोकने पर गा‌र्ड्स को धमकी

हॉस्पिटल की सिक्योरिटी में तैनात गा‌र्ड्स जब एमआर को एंट्री से रोकते हैं तो ये लोग देख लेने की धमकी देते हैं। वहीं एक गेट पर रोके जाने के बाद बैकडोर से एंट्री कर लेते हैं। इतना ही नहीं, ड्यूटी से हटवा देने की भी धमकी दे डालते हैं। कई बार तो डॉक्टर भी इन्हें एमआर को रोकने को नहीं कहते। इस वजह से एमआर का मन काफी बढ़ा हुआ है। कई गा‌र्ड्स तो रोज-रोज के झंझट से दूर रहने के लिए अब इन्हें टोकना भी जरूरी नहीं समझते।