रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची के रेलवे स्टेशन को सजाया और संवारा जा रहा है। रांची, हटिया और नगड़ी स्टेशन के ब्यूटिफिकेशन का काम हो रहा है। इसी कड़ी में अब नामकुम स्टेशन भी शामिल हो चुका है। नामकुम स्टेशन को भी मॉडल स्टेशन के रूप में डेवलप करने का निर्णय लिया गया है। इस स्टेशन के ब्यूटिफिकेशन पर करीब 35 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नामकुम स्टेशन में गुड्स और पैंसेजर दोनों शेड्स का ब्यूटिफिकेशन होगा। गुड्स शेड में 25 और पैसेंजर शेड में 10 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया गया है। नामकुम स्टेशन को बड़े स्टेशन के रूप में तैयार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में यह स्टेशन बिल्कुल नए क्लेवर में नजर आएगा। अमृत योजना के तहत नामकुम स्टेशन का ब्यूटिफिकेशन कराया जाएगा। इस स्टेशन पर बड़ी संख्या में मालवाहक टे्रनें आती हैं, जिसे देखते हुए गुड्स टे्रन को भी मॉडल रूप दिया जाएगा। स्टेशन की अपनी बिल्डिंग होगी, जहां तमाम फैसिलिटीज मुहैया कराई जाएंगी। पैसेंजर्स की सुविधा का भी खास तौर पर ख्याल रखा जाएगा। मूलभूत सुविधाएं भी बहाल होंगी। नामकुम स्टेशन के कायाकल्प के लिए छह महीने का समय निर्धारित किया गया है। ऐसे में आने वाले नए साल में नामकुम स्टेशन नए रंग और रूप में नजर आने की उम्मीद की जा सकती है।

गुड्स सुरक्षा पर फोकस

नामकुम स्टेशन से लगातार गुड्स टे्रन का आना-जाना लगा रहता है। इसी स्टेशन से ट्रकों में खाद्य सामग्री भरकर रांची समेत आसपास के जिलों में भेजे जाते हैं। ऐसे में यह स्टेशन रेलवे के लिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है। इसे देखते हुए ही रेलवे अपनी योजनाओं के तहत गुड्स शेड का विशेष तौर पर निर्माण करा रहा है, ताकि खराब मौसम में खाद्य सामग्री प्लेटफार्म पर उतरने के बाद भी कुछ दिनों सुरक्षित रहे। रेलवे अधिकारियों का कहना कि ऐसी व्यवस्था से स्टेशन पर गुड्स ट्रेनों का आवागमन भी बढ़ेगा। कई बार ऐसी शिकायत रहती है कि बरसात के मौसम में स्टेशन मेें रखा लाखों टन अनाज बर्बाद हो जाता है। गुड्स शेड को सुरक्षित बनाने पर अनाज सडऩे की समस्या खत्म हो जाएगी।

पैसेंजर्स के लिए फूट ओवरब्रिज

नामकुम स्टेशन पर पैसेंजर्स की सुविधा के लिए फूट ओवरब्रिज बनाया जाएगा। वहीं स्टेशन के मेन एंट्री गेट को भी बड़ा करते हुए नया लुक दिया जाएगा। इसके अलावा टिकट काउंटर, पानी, टॉयलेट की भी व्यवस्था दुरुस्त होगी। पैसेंजर्स के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी। मालवाहक ट्रेन को ध्यान में रखते हुए मजदूरों के लिए भी विशेष इंतजाम करने का निर्णय लिया गया है। उनकी बुनियादी सुविधाओं से लेकर रेस्ट रूम, कैंटीन और दूसरी फैसिलिटीज भी मुहैया कराई जाएंगी।

रांची स्टेशन को होगा विकल्प

फिलहाल रांची का रेलवे स्टेशन प्रमुख स्टेशन है। यहां से हर दिन हजारों लोग ट्रेवल करते है। लेकिन राजधानी बनने के बाद धीरे-धीरे यहां की आबादी में बेतहासा वृद्धि हुई है। लोग शहर के अलावा आउटर साइड में बसने लगे हैं। आने वाले दिनों में नामकुम स्टेशन राजधानी के केंद्र बिंदु में भी शामिल हो सकता है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में इस स्टेशन पर आठ ट्रेनों का स्टॉपेज है। लेकिन भविष्य में यह संख्या बढ़ेगी। भविष्य को ध्यान में रखकर ही नामकुम स्टेशन के डेवलपमेंट का प्लान तैयार किया गया है।

फिलहाल बदहाल

राजधानी रांची स्थित रेलवे स्टेशन से नामकुम स्टेशन की दूरी करीब 15 किमी है। लेकिन रांची की अपेक्षा नामकुम रेलवे स्टेशन की हालत दयनीय है। बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी यहां अभाव है। इसके अलावा स्टेशन तक पहुंचने के वाली सड़क मार्ग की भी स्थिति अच्छी नहीं है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जो जानलेवा हैं। इसके अलावा स्टेशन का एंट्री गेट भी काफी छोटा है, जिससे पैसेंजर्स के साथ-साथ मजदूरों को भी समस्या होती है। स्टेशन पर अनाज रखने का कोई बेहतर इंतजाम नहीं है। जिस वजह से अनाज के सडऩे की खबरे भी आती रहती हैं। बहरहाल नामकुम स्टेशन के दिन फिरने वाले हैं। यहां के लोकल लोगों में भी इसे लेकर उत्साह है। लोगों का कहना है कि स्टेशन का डेवलपमेंट होने से रोजगार के भी साधन बढ़ेंगे।