लातेहार : लातेहार जिला के नेतरहाट पर प्रकृति की खास इनायत है। यहां के सूर्योदय और सूर्यास्त की सुंदरता निहारने पूरे देश से लोग आते हैं। प्रकृति का यह अनूठा कैनवास एक ऐतिहासिक पल का गवाह बना। यहां पहला राष्ट्रीय जनजातीय और लोक चित्रकला शिविर सोमवार को शुरू हुआ। कला चित्रकारों के समागम में पहली बार विभिन्न राज्यों के जनजातीय और लोक चित्रों को एक नया आयाम दिया जाएगा। वरिष्ठ चित्रकार आशाराम मेघवाल ने कैनवास पर छोटे प्रतीकात्मक पारंपरिक स्केच बनाकर कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया। मौके पर डॉ। रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निदेशक रणेंद्र कुमार ने कहा कि यह गौरव की बात है कि केरल से लेकर लद्दाख तक के आदिवासी व लोक चित्रकार इस शिविर में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

लोक चित्रकारों का समागम

उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार हो रहे आदिवासी और लोक चित्रकारों का समागम ऐतिहासिक है। यह राज्य में पर्यटन को समृद्ध बनाने में मदद करेगा। डॉ। रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के उप निदेशक ¨चटू दोराय बुरू ने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय और लोक कला शिविर का उद्देश्य सामाजिक विभाजन को समाप्त कर देश की जनजातीय और लोक चित्रकला को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य उनकी विशिष्ट संस्कृतियों को संरक्षित करना और उन्हें बढ़ावा देना है। ताकि उन्हें अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान किया जा सके। विकास सलाहकार देवजानी बोस ने कहा कि झारखंड सरकार पहले राष्ट्रीय जनजातीय और लोक कला शिविर की मेजबानी कर रही है। यह देश की सभी लोक कलाओं को एक साथ लाने और उनकी लोक चित्रकला को विकसित करने में मदद करने वाला कदम है।

ऐसी होगी यहां की चित्रकारी

शिविर में सोहराई, कोहबर, जादोपटिया और झारखंड की पेटकर शैली के चित्रकारों के साथ-साथ लद्दाख का थांगका, गुजरात का पिथौरा, राजस्थान का फाड़, ओडिशा का शौर, हिमाचल के कांगड़ा और पहाड़ी, बंगाल के पट्टचरित्र, मधुबनी शैली की पें¨टग, महाराष्ट्र में वर्ली, मध्य प्रदेश के गोंड, केरल में मुरली, तमिलनाडु में तंजौर, कर्नाटक में चित्तारा चित्रकारी के चित्र संबंधित कलाकारों द्वारा बनाई जाएगी।

कहां-कहां से आए हैं चित्रकार

10 से 15 फरवरी तक चलने वाले इस शिविर में विभिन्न राज्यों के चित्रकार हिस्सा ले रहे हैं। मुख्य रूप से गुजरात से कृति बाई जयंतीभाई चितारा, चित्र चंद्रकांता भूलाभाई, हरिभाई मान सिंह, नारायण भाई हरि, मोहम्मद जब्बर अरब खत्री, महाराष्ट्रा से राजेश वांगड़, मधुकर वादु, विजय वादु, धनल कोटा साईं किरण, धनल कोटा सरवन कुमार, मेरुगोजु मधु आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के पी विजयलक्ष्मी, मोक्षित कर्नाटका से ईश्वर नायक, सरस्वती नाइक, मनोहर एमआर केरला से सुचित एमपी, अंबिली केटी, ओडिशा से नरेश चंद्र साहो, प्रदिप्ता कुमार जीना, बीरांची नारायण बहेरा, पश्चिम बंगाल से सुजीत दास, मनबोध, उत्तम, रूपबन चित्रकार, बाबूधन चित्रकार, राधा चित्रकार, प्रबीर, लैला, विधान चंद्र विश्वास, बिहार से डॉ। रानी झा, संजीव कुमार झा, रूपा चंद्रवंशी, झारखंड से नित्य चित्रकार, जयराम, गणपति, महापति, मालो देवी, अनीता देवी, पुतली देवी, अलका इमाम, विजय, अनिल, किशोरी गायन, राजस्थान से मनोज कुमार जोशी, आसाराम मेघवाल, अभिनव मेघवाल, मोहम्मद वसीम कुरेशी, संजय कुमार सेठी, रामदेव मीना, हिमाचल प्रदेश से परीक्षित शर्मा, बलविंदर कांगड़ी, आंचल ठाकुर। लद्दाख से ताशी संदूप, मध्य प्रदेश से चित्रकार मनोज कुमार, संभय सिंह श्याम और शुशील उरवर्ती शामिल हैं।