रांची (ब्यूरो)। हरमू रोड में बनने वाले फ्लाईओवर की बड़ी खासियत यह होगी कि इसे बनाने के दौरान किसी घर को हाथ नहीं लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, किसी धार्मिक स्थल को भी शिफ्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पूरी डिजाइनिंग ऐसी होगी कि सड़क के बीचोबीच ही फ्लाईओवर 2.8 किमी तक लोगों का सफर सुहाना करता नजर आएगा। इस संबंध में रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अभियंता प्रमुख अरविंद पांडेय ने कहा कि सड़क का स्थल निरीक्षण कर लिया गया है। कई बिंदुओं पर निर्णय लिये गए हैं। डीपीआर तैयार होने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

साउंड प्रूफ फ्लाईओवर

सहजानंद चौक से गौशाला चौक तक बनने वाला फ्लाईओवर राज्य का पहला साउंड प्रूफ फ्लाईओवर होगा। इसे नो नॉइज थीम पर तैयार करने का निर्णय लिया गया है, ताकि सड़क किनारे बनी ऊंची-ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। फ्लाईओवर पर दौडऩे वाले वाहनों की ध्वनि को कंट्रोल करने के लिए नॉइज बैरियर लगाया जाएगा। इस बैरियर के लगने से साउंड पॉल्यूशन कम होगा।

कैसा होगा फ्लाईओवर

इस फ्लाईओवर की लंबाई 2.80 किलोमीटर होगी। रातू रोड चौराहा के पास हरमू रोड फ्लाईओवर एक तरफ से दो लेन उठेगी, जो रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर से 13 मीटर यानी करीब 40 फीट ऊंचा होगा। वहीं, हरमू रोड फ्लाई ओवर के नीचे से गुजरने वाली सड़क भी चौड़ी होगी। दोनों ओर सात मीटर सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी।

फिर से बनेगी डीपीआर

सहजानंद चौक से गौशाला चौक तक बनने वाले फ्लाईओवर का हरी झंडी दे दी गई है। अगले महीने इसका डीपीआर बना कर टेंडर जारी कर दिया जाएगा। इस फ्लाईओवर के निर्माण में करीब 500 करोड रुपए के खर्च होने की संभावना है। पथ निर्माण विभाग ने नए सिरे से फ्लाईओवर की डीपीआर तैयार करने का निर्देश पथ प्रमंडल रांची को दिया है। पूर्व में डबल डेकर फ्लाईओवर की डीपीआर तैयार की गई थी। इसके निर्माण में कई अड़चने आ रही थीं, जिसे संशोधन करने को कहा गया है। बता दें कि हरमू रोड में पहले डबल डेकर फ्लाईओवर की डीपीआर बनाई गई थी।

संर्कीण जगह पर स्टील पीलर

पथ निर्माण विभाग के सचिव, इंजीनियर एवं अन्य अधिकारियों ने हरमू रोड का निरीक्षण किया, जिसमें फ्लाईओवर निर्माण में आने वाली बाधाओं की स्टडी की गई। तय हुआ कि जहां सड़क कम चौड़ी होगी, वहां पिलर बनाने के लिए टेक्निकल टीम रास्ता निकालेगी। निरीक्षण के दौरान टीम ने यह पाया कि हरमू रोड में शनि मंदिर, किशोरगंज चौक और हरमू पुल के पहले तीन जगहों पर जमीन कम है। यहां सड़क संकीर्ण है। इस कारण इन स्थानों पर स्टील का पिलर खड़ा करने का निर्णय लिया गया है।

मॉडर्न तकनीक से निर्माण

इस फ्लाईओवर का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा। इसे बनाने का समय भी बता दिया गया है। इस फोरलेन फ्लाईओवर निर्माण कार्य से ट्रैफिक भी प्रभावित नहीं होने का दावा पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों ने किया है। अधिकारियों का कहना है कि अत्याधुनिक तकनीक से फ्लाईओवर निर्माण होने से ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न नहीं होगी।

रांची की ट्रैफिक कंट्रोल करेंगे फ्लाईओवर

राजधानी रांची और उसके आसपास कई फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इन फ्लाईओवर के निर्माण से राजधानी की ट्रैफिक समस्या काफी हद दूर होगी। अलग-अलग एजेंसिया इन फ्लाईओवर का निर्माण कर रही हंै। रातू रोड फ्लाईओवर को एनएचएआई बना रहा है, वहीं कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण जुडको द्वारा किया जा रहा है। सिरम टोली से रेलवे स्टेशन रोड होते हुए डोरंडा एजी मोड़ तक फ्लाईओवर का निर्माण पथ निर्माण विभाग ने शुरू किया है। इसके अलावा नगड़ी पिस्का में आरओबी का निर्माण कार्य शुरू हो रहा है। इसके अलावा करमटोली व दूसरे स्थानों पर फोर लेन और फ्लाईओवर निर्माण की योजना तैयार की जा रही है। बीते 22 सालों में राजधानी की जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। वाहनों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। लेकिन सड़कों का विस्तार उस गति से नहीं किया जा सका, जिसका असर आवागमन पर पड़ता रहता है। आये दिन लोगों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। आने वाले समय में राजधानी में ट्रांसपोर्टेशन में काफी राहत मिलेगी।

सड़क का स्थल निरीक्षण किया गया है। कई बिंदुओं पर निर्णय लिये गए हैं। डीपीआर तैयार होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-अरविंद पांडेय, अभियंता प्रमुख, आरसीडी