रांची(ब्यूरो)। रिम्स में इलाज कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया बदल दी गई है। पहले कैश काउंटर पर रजिस्टे्रशन कराया जाता था। लेकिन इन दिनों आभा ऐप की मदद से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। दूर दराज से आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर और जानकारी नहीं होने के अभाव की वजह से रजिस्ट्रेशन में मरीजों को दिक्कतें आ रही हैं। नई व्यवस्था के बारे में मरीज को किसी प्रकार की कोई जानकारी भी नहीं दी गई है, न ही इसकी प्रक्रिया बताई गई। लाइन मेें लगने और अपनी बारी आने पर जब मरीज या उनका अटेंडेंट रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो उन्हें मोबाइल में ऐप एंस्टाल करने के लिए कहा जाता है। इसके बाद मरीज की परेशानी बढऩे लगती है।

काउंटर पर बढ़ी भीड़

नया सिस्टम शुरू होने के बाद मरीजों को रजिस्ट्रेशन कराने मेें काफी वक्त लग रहा है, जिससे काउंटर के पास मरीजों की भीड़ लग जा रही है। वैसे पेशेंट्स जिन्हे खड़े होने में भी समस्या होती है, उन्हें भी रजिस्ट्रेशन कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पांच काउंटर हैं। तीन में ऐप की मदद से रजिस्ट्रेशन हो रहा है, वहीं सिर्फ दो काउंटर से ही कैश रजिस्ट्रेशन लिया जा रहा है। इससे भी मरीजों की परेशानी बढ़ी है। इस नई व्यवस्था से बुजुर्ग, महिला, बच्चे सभी को दिक्कतें हो रही है। दरअसल, रिम्स में यह नई व्यवस्था मरीजों के समय को बचाने के ही उद्देश्य से की गई है। रिम्स में इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। इससे बचने के लिए ही नया सिस्टम लागू किया गया है। लेकिन यही व्यवस्था मरीजों के लिए परेशानी बनी हुई है।

क्या है नई व्यवस्था

रिम्स में नई व्यवस्था के तहत आभा कार्ड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन होगा। इस व्यवस्था से लाइन में घंटों खड़े होने की समस्या से भी निजात मिलेगी। केवल टोकन नंबर और विभाग बताकर रजिस्ट्रेशन की हार्ड कॉपी काउंटर से प्राप्त सकते हैं। नई व्यवस्था के तहत आभा कार्ड से घर बैठे भी अपना रजिस्ट्रेशन हॉस्पिटल में कराया जा सकता है। इस डिजिटल सुविधा से आपके रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। वहीं इलाज से जुड़े कागजात भी आपको साथ में लेकर चलने का झंझट नहीं रहेगा।

स्कैन कर कराएं रजिस्ट्रेशन

ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर में स्कैन और शेयर प्रणाली शुरू की गई है, जहां आप आभा (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) नंबर के माध्यम से या ड्रिफकेस ऐप (प्लेस्टोर के माध्यम से इंस्टॉल किया जा सकता है) के माध्यम से स्कैन कर सकते हैं और रजिस्ट्रेशन टोकन नंबर प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं है। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर केवल अपना टोकन नंबर और विभाग बताकर हार्ड कॉपी प्राप्त कर सकते हैं।

आभा कार्ड में पूरा डेटा

जिस कार्ड की हम बात कर रहे हैं, उसका नाम आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट यानी की आभा कार्ड है। ये डिजिटल कार्ड होता है, जिसमें आप अपने सारे मेडिकल रिकॉर्ड सेव करके रख सकते हैं। मतलब आप कब बीमार हुए, आपने किस डॉक्टर को दिखाया, क्या टेस्ट करवाए आदि सारी जानकारी होगी। आभा कार्ड अपने यूजर्स को डिजिटल कार्ड का फ्री में एक्सेस देता है। आभा कार्ड बन जाने पर आपको डॉक्टर के पास अपनी बीमारी के पुराने कागजात नहीं ले जाने पड़ेंगे। आभा कार्ड देखकर डॉक्टर बता पाएगा कि आपने कहां-कहां पर इलाज कराया है। आपको कौन सी पुरानी बीमारियां हैं। आपने क्या दवा खाई। आभा कार्ड का फायदा ये भी है कि 10 साल का भी रिकार्ड आप देख पाएंगे कि आपने क्या-क्या दवाइयां खाईं। इससे डॉक्टरों को आपका इलाज करने में मदद मिलेगी।

ऐसे बना सकते हैं 'आभाÓ कार्ड

आभा कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं। ऑफिशियल वेबसाइट के होम पेज पर आपको क्रिएट आभा नंबर दिखेगा, उस पर क्लिक करें। क्लिक करने के बाद अगले पेज पर आपको कार्ड बनाने के लिए 2 ऑप्शन आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस दिखेंगे। फिर दोनों में कोई भी ऑप्शन चुनने के बाद नेक्स्ट पर क्लिक करें। अब नए पेज पर आधार नंबर या ड्राइविंग लाइसेंस का नंबर टाइप करिए। इसके बाद आई एग्री के आगे टिक मार्क करें और कैप्चा कोड भर दीजिए। फिर नेक्स्ट पर क्लिक करिए। अब आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद अपनी अहम जानकारियों एप्लीकेशन फॉर्म में भरिए। इसके बाद आप माय अकाउंट पर जाइए और वहां अपनी फोटो अपलोड करिए। फिर सब्मिट पर क्लिक करें। अब आपका आभा कार्ड बन जाएगा। आप इसे डाउनलोड या प्रिंट कर सकते हैं।