रांची (ब्यूरो)। डॉ विवेक गोस्वामी ने बताया कि जयंत के माता-पिता मजदूर हैं। वे क्रशर में मजदूरी करते हैं। इसी दौरान उनका आठ वर्षीय बेटा खेलते-खेलते क्रशर मशीन के पास चला गया और चलती मशीन की चपेट में उसका बाएं कांधे के नीचे का हाथ आ गया। जिसमें मासूम का हाथ कट गया। परिजन कटे हुए हाथ और पीडि़त को अपने साथ लेकर लाईफ केयर अस्पताल पहुंचे। डॉ गोस्वामी ने बताया कि स्थिति देखकर चैलेंजिंग लग रहा था। लेकिन डॉक्टर्स की टीम मिलकर गहन चिंतन किया और इलाज शुरू किया। चूंकि वे पहले भी इस तरह के कुछ मामलों का सफल ऑपरेशन कर चुके थे। करीब छह घंटे चले इस ऑपरेशन में मेजर रिइम्प्लांटेशन कर उस कंधे से नीचे कटे हुए हाथ को फिर से जयंत के ही शरीर के उसी हिस्से पर जोड़ दिया गया। इस तरह से सफल ऑपरेशन कर उस मासूम को एक नई जिंदगी दी गई। लगभग 24 घंटे से अधिक समय हो चला है और हाथ काम करने लगा है। इस सफल ऑपरेशन को देखते ही मरीज और उसके परिजनों के चेहरे खुशी से खिल उठा।
टीम में ये थे शामिल
इस सफल ऑपरेशन में डॉ रजनीश, डॉ राहुल सिन्हा ऑर्थोपेडिक सर्जन, एनेस्थीसिया के डॉक्टर आफताब, रितेश, राजेश, अंशु और जितेंद्र सहित लाईफ केयर के सभी कर्मियों का सपोर्ट रहा। डॉ विवेक गोस्वामी ने बताया कि हमारी प्राथमिकता पहले यही होती है कि कम संसाधन व कम खर्च में बेहतर उपचार कर सकें ताकि मरीज की जान बचाई जा सके। पीडि़त परिवार का विश्वास हम डॉक्टर्स जीत सकें। अब तक कई सफल सर्जरी कर चुके हैं और उम्मीद करते हैं कि इस तरह के और भी चैलेंजिंग मामले रहेंगे तो उसका भी निदान इसी तरह से करेंगे।