रांची (ब्यूरो) । राजधानी रांची में सालों साल सड़क नहीं बनती है। टूटी-फूटी सड़क से लोग आना-जाना करते हैं। बार-बार की शिकायत के बाद कभी-कभार किसी सड़क का निर्माण हो भी जाए तो उसकी क्वालिटी इतनी ज्यादा घटिया होती है कि कुछ ही सालों में वह फिर से जर्जर हो जाती है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही से जब कोई सड़क चंद महीने में ही बर्बाद कर दी जाए तो उसे राजधानी वासियों का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा। कुछ ऐसा ही हाल हुआ है रांची वार्ड संख्या 19 स्थित थड़पखना में बनी सड़कों का। दरअसल इस इलाके की अलग-अलग गलियों में सड़क निर्माण कराई गई थी। लेकिन छह महीने में ही सड़क की खुदाई कर इसे बर्बाद कर दिया गया। यहां रहने वाले लोग बताते हैं कि 40 साल में पहली बार कालीकरण सड़क का निर्माण किया गया था। लेकिन विभाग ने ही पहले सड़क बनवाई फिर इसकी खुदाई कराकर तहस-नहस कर दी। अब सड़क की स्थिति पहले से भी बदतर हो गई है।
बर्बाद कर दिया 2.49 करोड़
थड़पखना के नवीन मित्रा लेन, आरजी स्ट्रीट समेत अन्य गलियों में करीब ढाई करोड़ की लागत से सड़क निर्माण कराई गई थी। होली कॉस स्कूल के दोनों ओर से धोबीघाट एवं गुलमोहर पार्क की ओर जाने वाली सड़क पर बिटूमिनस रोड बनवाया गया था। सड़क बनने से यहां के लोकल लोग काफी खुश थे। लेकिन कुछ ही दिनों में यह खुशी गम में बदल गई। सड़क निर्माण करने वाले को सड़क बनने के बाद होश आया कि यहां पाइपलाइन तो डाली ही नहीं गई। फिर पाइपलाइन डालने के नाम पर सड़क के किनारे-किनारे इसकी खुदाई कर दी गई। सड़क पर गड्ढा कर इसे ऐसे ही छोड़ दिया गया है। यहां न पाइप लाइन बिछी है और न सड़क समतल की जा रही है। सड़क किनारे रहने वाले लोगों को घर से निकलने और जाने में परेशानी होने लगी है। करोड़ो रुपए खर्च करने के बाद भी आम नागरिकों को सड़क की खुशी तो नहीं दी गई, उल्टे और तकलीफ बढ़ा दी गई है।
गुस्से में मोहल्ले वाले
सड़क का निर्माण कराकर फिर से इसे तोड़े जाने पर आसपास के लोग काफी आक्रोशित हैं। लोगों ने यहां का काम भी रुकवा दिया है। तोड़ी हुई जगह पर मिट्टी डाल कर किसी तरह आना-जाना कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि विकास के नाम पर मुहल्ले वासियों को परेशान किया जा रहा है। कोई भी विकास विरोधी नहीं हैै। लेकिन सड़क बनने से पहले ही पाइपलाइन डाल दी जाती तो न पैसे की बर्बादी होती और न ही आसपास के लोगों को बेवजह बार-बार परेशान होना पड़ता। लोगों ने बताया कि हफ्ते भर से लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया है। नई पाइपलाइन बिछाने में पुरानी लाइनों को भी जहां-तहां से काट दिया गया है, जिससे परेशानी और बढ़ गई है। इस मुद्दे को लोग अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी उठा रहे हैं।
पहले सड़क न बनने से परेशानी थी, अब सड़क बनने के बाद परेशानी है। जो हाल पहले थी, वही अब भी है। बिना किसी प्लानिंग के काम होने पर यही नतीजा होता है।
- राजन साहू

हफ्ते भर से घर में आने-जाने में परेशानी हो रही है। गाड़ी ले जाने में और ज्यादा दिक्कत होती है। सालों बाद सड़क बनी थी, उसे भी बर्बाद कर दिया।
- दिव्यानी कुमारी

पूरी सड़क बनने के बाद याद आया कि पाइपलाइन तो डाली ही नहीं है। अब इसके लिए सड़क खोद दी गई। फिर बिजली वायर के नाम पर सड़क तोड़ी जाएगी।
- अंजलि देवी


करोड़ों रुपए की बर्बादी हुई है। सरकार और बिल्डर का तो कोई नुकसान नहीं, लेकिन आम नागरिकों के पैसे की बर्बादी होती है। परेशानी भी आम लोगों की ही बढ़ती है।
- गुप्तेश्वर सिंह