RANCHI:कोरोना के नए वेरिएंट की जांच के लिए अब टेस्ट सैंपल दूसरे शहरों में नहीं भेजे जाएंगे। रिम्स में कोबास मशीन पहुंच चुकी है। इंस्टॉलेशन का काम भी शुरू हो गया है। इस मशीन से जांच शुरू होने के बाद कोरोना के नये म्यूटेंट की जांच के लिए सैंपल को भुवनेश्वर या देश के अन्य शहरों के लैब में नहीं भेजा जाएगा। सैंपल की जांच रिपोर्ट के लिए महीने भर का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि कोबास मशीन से कोरोना के नये-नये स्ट्रेन के अलावा सभी प्रकार के वायरल इंफेक्शन की जांच आसानी से रिम्स में ही होगी। मशीन से एक दिन में करीब 1200 सैंपल की जांच होगी। कोबास मशीन से जांच शुरू करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है।

1200 सैंपल की होगी जांच

रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार ने कोबास मशीन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोबास मशीन शुरू होते ही कोरोना के सैंपल की जांच बेहतर तरीके से कर पाएंगे। इस मशीन से एक दिन में 1200 सैंपल की जांच हो पाएगी। इस मशीन की खासियत यह है कि इससे सिर्फ कोरोना ही नहीं, बल्कि अन्य वायरल इनफेक्शन की भी जांच की जा सकती है।

इन मरीजों को होगा लाभ

जानकारी के अनुसार, कोबास 6800 मशीन से वायरल हेपेटाइटिस बी एंड सी, एचआईवी, एमटीबी, पैपिलोमा, क्लैमाइडिया, नेयसेरेमिया जैसे रोगों के लक्षणों का पता लगाया जा सकता है।

साल भर अटकी रही फाइल

कोरोना की जांच की रफ्तार बढ़ाने के लिए राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में कोबास मशीन खरीदे जाने का प्रस्ताव पिछले साल ही हेल्थ डिपार्टमेंट को गया था। रिम्स के पूर्व डायरेक्टर डीके सिंह के कार्यकाल में ही कोरोना टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ाने को लेकर कोबास मशीन खरीदने को लेकर प्रस्ताव डिपार्टमेंट को भेजा था। लेकिन एक साल तक फाइल अटकी रही, अब जाकर यह मशीन खरीदी गई है।

रिपोर्ट होती है सटीक

रिम्स मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में स्थापित कोबास मशीन पूरी तरह से अत्याधुनिक है। इस मशीन से एक दिन में करीब 1200 आरटीपीसीआर जांचें की जा सकेंगी। इस मशीन में सिर्फ सैंपल अलग-अलग बार कोड के साथ लोड करने होंगे। इसकी रिपोर्ट विश्वसनीय मानी जाती है। नई कोबास मशीन से फिलहाल कोविड और वायरल इन्फेक्शन की जांच ही की जाएगी। इस अत्याधुनिक कोबास मशीन में किट बदलने पर एचआईवी, एचवी, साइंस टू जैसी महंगी और कठिन जांचें भी की जा सकेंगी। मशीन में एक बार में 90 सैंपल लोड किए जा सकेंगे। फि र लोडिंग के हिसाब से हर आधे घंटे में रिपोर्ट आती रहेगी।