रांची: राजधानी में लावारिस बच्चों को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने पालना लगाया है, जिससे कि लोग लावारिस बच्चों को पालना में डाल दें। इसके बाद बच्चे को जिला प्रशासन की मदद से सही जगह पर पहुंचा दिया जाएगा। लेकिन कुछ दिनों से यह व्यवस्था बेपटरी हो गई है। वहीं पालना को कैमरे के सामने रख दिया गया है, जो बच्चों की जान पर भारी पड़ने लगा है। लोग लावारिस बच्चे को पालने में डालने के बजाय जहां-तहां छोड़कर चले जा रहे हैं, जिससे कि लावारिस बच्चों की जान पर एक बार फिर से खतरा मंडराने लगा है। बताते चलें कि लावारिस बच्चों को लगातार फेंकने की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया था।

रिम्स-सदर में लगा है पालना

सिटी के सदर और रिम्स कैंपस में हॉस्पिटल बिल्डिंग से थोड़ी दूर पर जिला प्रशासन की मदद से पालना लगाया गया है, ताकि लोग बच्चे को उसमें डालकर चले जाएं और किसी को पता भी न चले। वहीं, पालने में स्लाइडिंग ग्रिल भी लगाई गई थी ताकि आवारा जानवरों से भी उसे खतरा न हो। इसके अलावा समय-समय पर उसकी चेकिंग भी करने का आदेश दिया गया है।

24 घंटे तीसरी आंख से निगरानी

सिटी के दोनों ही हॉस्पिटल्स में पालना को अब ऐसी जगह लगा दिया गया है जहां पर 24 घंटे तीसरी आंख की नजर होती है। वहीं हमेशा लोगों का आना-जाना भी लगा रहता है। इससे चाहकर भी कोई लावारिस या अनवांटेड बच्चे को वहां लाकर डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। ऐसी स्थिति में ही बच्चे को या तो झाड़ी में फेंक दे रहे हैं या फिर कहीं छोड़कर चुपचाप निकल जा रहे हैं। इसके बाद यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि बच्चा सही में लावारिस है या किसी का छूट गया है।

सदर ओपीडी कांप्लेक्स में पालना

सदर में दिन में जहां पर मरीजों की एंट्री ओपीडी कांप्लेक्स में होती है। वहीं गेट पर पालना को लगा दिया गया है। जहां पर सीसीटीवी कैमरे की चारों ओर से नजर होती है। दिन में तो लोगों की भीड़ लगी होती है। लेकिन रात में भी कैमरा चालू रहता है, जिससे कि बच्चे को लाने वाला कैमरे में कैद हो जाएगा।

रिम्स डायरेक्टर बंगले के बाहर

डायरेक्टर बंगले के पीछे के गेट पर पालना को शिफ्ट कर दिया गया है, जहां पर सीसीटीवी की नजर ठीक पालना पर ही रहेगी। ऐसे में बच्चे को पालना में डालने वाले की पहचान सबके सामने आ जाएगी। इस वजह से ही लोग पालना में बच्चों को डालने के बजाय बाहर छोड़कर चले जा रहे हैं।

इसी माह अब तक दो लावारिस बच्चे मिले

1 फरवरी 2021: एक आठ माह के बच्चे को लावारिस हालत में हॉस्पिटल कैंपस में छोड़ कर परिजन चले गए। हॉस्पिटल में कार्यरत आउटसोर्सिग एजेंसी जी अलर्ट के सुपरवाइजर ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी और उसे गोद में उठाकर बच्चा वार्ड में भर्ती कराया। वह उस दिन शाम में सिविल सर्जन आफिस से हॉस्पिटल बिल्डिंग में आ रहे थे। तभी पुरानी बिल्डिंग के पीछे से बच्चे के रोने की आवाज आई।

-------------------

17 फरवरी 2021: रिम्स स्थित रैन बसेरा के पास नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली। बच्ची को देखकर ड्यूटी में तैनात गार्ड वहां पहुंचे। रिम्स के गार्ड और सैप के जवानों ने बच्ची को रिम्स के पीडियाट्रिक्स विभाग में एडमिट करा दिया। सैप के जवान ने बताया था कि जहां बच्ची को छोड़ा गया था, वहां पर दूध की बोतल रखी हुई थी। बच्ची को देखकर ऐसा लगता है कि बच्ची का जन्म एक-दो दिन पहले ही हुआ है।