--रिम्स के सेंट्रल कलेक्शन सेंटर में बिजली नहीं रहने से बेहोश हो रहे मरीज

स्लग: एसी फेल, पंखा भी नदारद, गर्मी से बढ़ रही मरीजों की बीमारी

-लाइट जलाने के लिए तार से खींचा टेंपररी कनेक्शन

-आउटसोर्सिग कंपनी ने बनाया है माड्यूलर सेंटर

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RANCHI (25 Sep):रिम्स में इलाज के लिए आए लोग तो पहले से ही बीमार हैं। वहीं भीषण गर्मी उनकी बीमारी को और बढ़ा रही है। कई लोग तो गर्मी को झेल नहीं पा रहे और बेहोश हो रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं रिम्स के सेंट्रल कलेक्शन सेंटर की, जहां न तो एसी चल रहा है और न ही गर्मी भगाने के लिए पंखे है। इससे मरीजों की हालत गर्मी से बिगड़ रही है। वहीं सेंटर के लिए की गई वायरिंग भी जल चुकी है। ऐसे में रिम्स के सेंट्रल पैथोलॉजी से उधार की बिजली लेकर काम किया जा रहा है। इस मामले में अधिकारियों को भी सूचना दी जा चुकी है। इसके बावजूद बिजली का कनेक्शन जोड़ने पर कोई ध्यान नहीं है।

चालू नहीं हुआ एसी

सेंटर में आने वाले मरीज तो गर्मी से परेशान हैं। सेंटर के अंदर का टेंपरेचर इतना अधिक है कि मरीज बेहोश हो जा रहे हैं। शुक्रवार को भी दो मरीज सेंटर में बेहोश हो गए थे। जिन्हें काफी देर बाद होश्ा आया था।

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हर दिन टेस्ट कराने आते है 250 पेशेंट

हास्पिटल के ओपीडी में हर दिन डेढ़ से दो हजार मरीज आते है। उनमें से 250 मरीजों को डॉक्टर तरह-तरह की जांच के लिए लिखते है। उसमें भी मरीजों के लिए सैंपल देने का टाइम फिक्स कर दिया गया है। जिससे कि सेंटर में मरीजों की काफी भीड़ जमा हो जाती है। इस वजह से लोगों को बैठने के लिए भी ठीक से जगह नहीं मिल पाती।

एक जगह बनाया सेंटर पर व्यवस्था नहीं

लोगों की परेशानी को कम करने के लिए रिम्स प्रबंधन ने माड्यूलर कलेक्शन सेंटर बनाया। और इसके संचालन का जिम्मा जील इंडिया कंपनी को दे दिया गया। ताकि मरीजों को सैंपल देने के लिए अलग-अलग जगहों पर न भटकना पड़े। लेकिन माड्यूलर सेंटर में बिजली की सप्लाई ही बंद पड़ी है। ऐसे में सेंटर प्रबंधक ने रिम्स के लैब से बिजली का कनेक्शन लिया है। वहीं लैब में एसी के लिए भी सप्लाई दिया गया है ताकि सैंपल को खराब होने से बचाया जा सके।

People connect।

नया सेंटर तो बना दिया, लेकिन सुविधा कहां है। यहां गर्मी इतनी है कि खड़े रहना भी मुश्किल हो रहा है। सैंपल देना नहीं होता तो कबका यहां से चले जाते। अब नंबर लगा दिए हैं, तो इंतजार करना ही पड़ेगा।

परमानंद

बाहर से ज्यादा टेंपरेचर तो सेंटर के अंदर है। अगर जांच नहीं करानी होता तो बाहर ही रहते। सुबह से ही गर्मी ने परेशान कर रखा है। यहां एसी तो दिखावे के लिए लगी हुई है। मरीजों के लिए तो पंखा भी नहीं है।

कृष्णानंद

सुबह से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। पंखा और एसी भी नहीं है हालत खराब हो गई है। इससे तो अच्छी पहले की व्यवस्था थी। कम से कम इस तरह परेशानी तो नहीं झेलनी पड़ती थी। हवा आने की भी जगह नहीं छोड़ी गई है।

अरुण कुमार

यहां आने के बाद सुबह से परेशान हैं। यहां-वहा दौड़ाया जा रहा है। गर्मी की वजह से भी जान निकल रही है। आखिर ये लोग सेंटर में कुछ व्यवस्था क्यों नहीं करते हैं।

मीना चौधरी