रांची: एक सप्ताह के अंदर ही रांची के पहाड़ी मंदिर और चिरौंदी में अगलगी की दो घटनाएं हो गई। हालांकि इस आग से जान-माल का नुकसान तो नहीं हुआ। शुक्र है कि यह आग अपर बाजार में नहीं लगी, वरना बड़ा नुकसान हो सकता था। जी हां, अभी हाल ही में हाईकोर्ट ने भी अपर बाजार को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने अपर बाजार में अतिक्रमण हटाने और जाम मुक्त करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते नगर निगम के खिलाफ सख्त टिप्पणी की थी। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यदि अपर बाजार में फ ायर ब्रिगेड वाहन नहीं पहुंच सकते तो बाजार को बंद कर दें।

पैदल चलना भी मुश्किल

अपर बाजार में फायर ब्रिगेड की लंबी गाडि़यों को घुसने की बात तो छोड़ दीजिए यहां के सोनार पट्टी, रंगरेज गली, श्रद्धानंद रोड, महावीर चौक ऐसी जगह हैं जहां दिन में पैदल चलने में भी लोगों को दिक्कत होती है। एक साइड से जब लोग निकलते हैं, तो दूसरे साइड के लोग इंतजार करते हैं। इसके बावजूद यहां रहने वाले लोग अपनी तरफ से कोई भी कंप्रोमाइज नहीं कर रहे हैं। प्रशासन के बार-बार की प्लानिंग को भी अपर बाजार के लोग ही फेल कर रहे हैं।

बड़ी आबादी को उनके हाल पर छोड़ा

जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि अपर बाजार में फायर ब्रिगेड वाहन सुगमता से पहुंच सके। यदि ऐसा नहीं हो सकता तो इतनी बड़ी आबादी को उनके हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता। अपर बाजार में काफी संख्या में लोगों का घर भी बना है। लोग अपने परिवार के साथ भी यहां रहते हैं। अगर कभी अगलगी की घटना हो जाए है तो संभालना मुश्किल हो जाएगा।

बिना प्लानिंग का अपर बाजार

राजधानी का अपर बाजार सबसे ज्यादा अस्त-व्यस्त इलाका है। बिना नक्शे के भवन और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का निर्माण किया गया है। बेसमेंट में दुकानें चल रही हैं, जिसकी वजह से सड़क पर गाडि़यां खड़ी की जाती हैं। इस कारण पूरे अपर बाजार में जाम लगता है। सड़क पर दुकानें लगने और वाहन खड़े होने से सड़क इतनी संकरी हो गई है कि यहां फ ायर ब्रिगेड वाहन नहीं पहुंच सकते। आगजनी की कई घटना के दौरान इस क्षेत्र में फायर ब्रिगेड के वाहन नहीं पहुंच पाए। ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो जानमाल का काफी नुकसान हो सकता है।

352 लोगों को मिला है नोटिस

नगर निगम की ओर से अपर बाजार के 352 लोगों को नोटिस दिया गया है। इन लोगों से अपने मकान और दुकान का कागजात दिखाने को कहा गया है। इनसे नक्शा भी मांगा गया है। लेकिन बहुत कम लोगों ने निगम को जवाब दिया है। अब निगम भी इस पर कुछ नहीं कर रहा है। बेतरतीब तरीके से बनाए गए मकान के कारण पूरा अपर बाजार जाम रहता है। जिला प्रशासन और नगर निगम कई सालों से इसे जाम मुक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।

डेली एक लाख लोगों का आना-जाना

राजधानी का अपर बाजार राज्य का सबसे बड़ा मार्केट है, जहां हर दिन करोड़ों रुपए का कारोबार भी होता है। इसके अलावा पूरे राज्य से खरीदारी करने के लिए लोग आते हैं। लेकिन इस बाजार में कदम-कदम पर खतरा मंडरा रहा है। थोड़ी सी चूक हुई कि पूरा मार्केट ही धू-धू कर जल जाएगा। लेकिन यहां कारोबार करने वाले लोगों को इस बात का जरा भी डर नहीं है कि कोई अनहोनी होगी तो क्या होगा।