रांची(ब्यूरो)। रांची की सबसे वीआईपी सड़क कांके रोड शाम होते ही अंधेरे में डूब जाता है। कांके रोड कहने को तो वीआईपी है। इस रोड पर मुख्यमंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष व कई बड़े अधिकारियों का आवास है। 24 घंटे में 18 घंटे व्यस्त रहने वाले रोड की स्ट्रीट लाइट पूरी तरह से ध्वस्त है। कांके रोड में एक भी लाइट नहीं जल रही। इस वजह से हर दिन रात में एक्सीडेंट भी हो रहे हैं। रात होने की वजह से महिलाओं को भी परेशानी होती है, क्योंकि सड़क अंधेरा हो जाता है।

नगर निगम गंभीर नहीं

स्ट्रीट लाइट को लेकर न तो पथ निर्माण विभाग गंभीर है और न ही इसकी देखरेख करने वाला कोई अधिकारी। रांची नगर निगम को स्ट्रीट लाइट लगाने और देखरेख करने की जिम्मेवारी है। यहां के लोगों ने कई बार निगम को इसकी जानकारी दी, इसके बारे में लिखकर भी दिया, लेकिन निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इसका खामियाजा आम लोग हर दिन भुगत रहे हैं और एक्सीडेंट का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। जिम्मेवार अधिकारी इस ओर ध्यान दें। यदि दुर्घटना में किसी की जान चली जाए, तो इसके लिए जिम्मेवार कौन होगा।

सुरक्षा के लिए भी खतरा

कांके रोड की वीआइपी सड़कों पर स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। इससे रात में आवागमन करने वालों को काफ दिक्कत हो रही है। यही नहीं, महिला सुरक्षा के लिहाज से भी यह काफी खतरनाक है। लोगों ने कई बार स्ट्रीट लाइट के बारे में शिकायत की। लेकिन अभी तक इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है। आसपास के लोगों ने कई बार निगम को लिखित में इसके बारे में जानकारी दी है, लेकिन निगम ने इसको ठीक नहीं किया है।

बहुत कम जल रही लाइट

कांके रोड पर न्यू मार्केट से हॉटलिप्स तक स्ट्रीट लाइट लगी हुई है। लेकिन वह कई महीने से खराब पड़ी हुई है। खासकर चंादनी चौक से आगे की स्ट्रीट लाइट छह महीने से अधिक समय से खराब पड़ी हुई है। अधिकतर जगहों पर स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है। यह इलाका वीआइपी माना जाता है। मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा अध्यक्ष का आवास वहां होने के बाद भी यही हाल है।

काफी व्यस्त सड़क है

कांके रोड व्यस्त सड़क हो गया है। रिंग रोड बन जाने के बाद हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, रामगढ़, कोडरमा की ओर से रांची आने वाली गाडिय़ां जाम से बचने के लिए मेदांता अस्पताल से रिंग रोड पकड़ कर बीएयू कांके रोड की ओर से आती हैं। शाम के बाद भी काफी संख्या में गाडिय़ां इस ओर से गुजरती हैं। इसके बावजूद यहां सड़क पर लाइट नहीं जल रही है।

पतरातू भी जाते हैं लोग

हाल के दिनों में राज्य भर का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल पतरातू बन गया है। दूसरे राज्यों से भी यहां घूमने के लिए लोग आते हैं। इस सड़क पर पतरातू में घूमने के लिए लोग जाते हैं। वो शाम होने के बाद वापस रांची लौटते हैं, इस सड़क पर लोग बहुत स्पीड भी चलते हैं। लेकिन अंधेरा होने के कारण कई बार लोग एक्सिडेंट भी कर लेते हैं।

मोबाइल कंपनियां कर रहीं धोखा

रांची नगर निगम मोबाइल कंपनियों पर मेहरबान हैं। शहर को अंधेरे में रखकर मोबाइल कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। दरअसल, विभिन्न मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों ने शहर के चौक-चौराहों के सौंदर्यीकरण और हाई मास्ट लगाने की शर्त पर निगम से 55 स्थानों पर मोबाइल टॉवर लगाने की परमिशन ले ली है। अधिकतर कंपनियां टॉवर का इस्तेमाल करके अपने नेटवर्क को दुरुस्त कर रही हैं, लेकिन हाई मास्ट लाइट का मेनटेनेंस नहीं कर रही हैं। इसका नतीजा है कि शाम ढलते ही मुख्य सड़कों पर अंधेरा छा जाता है।

अगर कुछ स्ट्रीट लाइट खराब हैं तो हमलोग इसको ठीक कराएंगे। कांके रोड में लाइट जल रही है, लेकिन अगर कुछ इलाकों की खराब पड़ी हुई है तो उसे जल्द ही बनवा दिया जाएगा।

-कुंअरसिंह पाहन, अपर नगर आयुक्त, रांची नगर निगम