रांची(ब्यूरो)। रांची में पार्किंग अब गंभीर समस्या बन चुकी है। दिनोंदिन वाहनों के बढ़ते लोड ने पार्किंग की समस्या बढ़ा दी है। अब यह सिर्फ समस्या नहीं रही, बल्कि नासूर बन चुका है। एक लंबे समय से राजधानी वासी पार्किंग का इंतजार कर रहे हैं। राजधानी बनने के बाद से ही पार्किंग को लेकर लगातार योजनाएं बनीं, लेकिन सभी ठंडे बस्ते में जाती रहीं। नगर निगम अस्थायी रूप से रांची के 27 स्थानों पर पार्किंग बनवाया है, जहां टेंडर के आधार पर वाहनों से पार्किंग चार्ज वसूलने की जिम्मेवारी निजी लोगों को दी गई है। समस्या यह है कि ज्यादा पार्किंग सड़क किनारे ही बना दी गई, जिस कारण सड़क पर ही वाहनों को पार्क करा दिया जाता है। इसके अलावा निगम द्वारा तय शुल्क से ज्यादा राशि वसूली की शिकायत भी अक्सर आती रहती है।

अस्थायी पार्किंग में फूड वैन

राजधानी रांची में पार्किंग संभालने की जिम्मेवारी रांची नगर निगम की है। निगम इसका टेंडर करके इसे निजी हाथों में सौंप देता है लेकिन इसकी मॉनिटरिंग करना उसे याद नहीं रहती। इसका फायदा टेंडर लेने वाले ठेकेदार उठाते हैं। जिन स्थानों को बाइक, कार और दूसरे वाहनों की पार्किंग के लिए सुनिश्चित किया जाता है वहां फूड वैन, फूड स्टॉल और ठेला-खोमचा लगाने के लिए जगह दे दी जाती है। बदले में इनसे मोटी रकम वसूली जाती है। वाहन पार्किंग के लिए जहां दस से बीस रुपए तय हैं, वहीं एक फूड वैन से 200 से 500 रुपए तक वसूले जाते हैं। नतीजन, लोगों को अपने वाहन सड़क पर ही खड़े करने पड़ रहे हैं।

मॉल की पार्किंग में दुकानें

अपर बाजार राजधानी रांची का सबसे बड़ा बिजनेस हब है। यहां हर तरह के सामान आपको मिल जाएंगे। लेकिन इस इलाके में सबसे बड़ी जो समस्या है वह है पार्किंग की समस्या। अपर बाजार में कहीं भी बेहतर पार्किंग नहीं है। कस्टमर से लेकर दुकानदार और कर्मचारी समेत अन्य लोग सड़क पर ही गाड़ी लगाते हैं। इस वजह से अपर बाजार पूरे दिन अस्त-व्यस्त रहता है। यहां बने शॉपिंग मॉल के पार्किंग प्लेस में भी दुकानें खोल दी गई हैं।

रोड पर गाड़ी नहीं खुल रहे घरों के दरवाजे

पीपी कंपाउंड की स्थिति भी खराब हो चुकी है। समुचित पार्किंग स्थल नहीं होने के कारण लोग घरों के दरवाजे के बाहर ही गाड़ी खड़ी कर देते हैं। इस कारण यहां रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है। हर दिन पार्किंग को लेकर कहा-सुनी की नौबत आ रही है। लोग अपने घरों का दरवाजा तक नहीं खोल पाते। पार्किंग नहीं होने के कारण पूरे शहर में समस्याएं बढ़ती जा रही है।

यहां सड़क पर ही पार्किंग, ट्रैफिक जाम

मेन रोड में अल्बर्ट एक्का चौक से लेकर राजेंद्र चौक तक गाड़ी सड़क पर ही रहती है। यहां पार्किंग भी सड़क पर ही बना दिया गया है। कई शॉपिंग मॉल हैं, जहां पार्किंग एरिया में ही दुकानें खोल दी गई हैं। इस वजह से लोग सड़क पर ही वाहन पार्क कर देते हैं। यही कारण है कि मेन रोड में पूरे दिन जाम की समस्या बनी रहती है।

रोड की चौड़ाई बढ़ाई, लग गईं दुकानें

रातू रोड से पिस्का मोड़ के बीच कहीं भी पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है। इस जगह एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। इस कारण सड़क की चौड़ाई बढ़ाई गई है, लेकिन बढ़ाए गए एरिया में भी लोगों ने वाहन खड़े करने शुरू कर दिए हैं। पार्किंग नहीं होने के कारण रातू रोड में जाम की समस्या बनी रहती है।

फाइलों में मल्टीस्टोरी पार्किंग

साल 2016 में ही राजधानी रांची में मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। सबसे पहले साधू मैदान, हनुमान मंदिर टैक्सी स्टैंड, सैनिक बाजार के सामने, सुजाता चौक के समीप जमीन अधिग्रहण कर मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन हनुमान मंदिर टैक्सी स्टैंड को छोड़कर तीनों ही स्थानों पर जमीन की समस्या सामने आने के बाद पूरी योजना ठंडे बस्ते में चली गई। इसके बाद बकरी बाजार में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया। लेकिन यह अब तक मूत्र्त रूप नहीं ले सका है।

20 साल में 400 गुणा बढ़े वाहन

राजधानी बनने के बाद रांची में गाडिय़ों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। 20 साल पहले रांची में करीब 3292 वाहन रजिस्टर्ड थे, वहीं 2022 में इनकी संख्या 1344243 पहुंच गई है। यानी 20 सालों में करीब 400 गुणा वाहनों का इजाफा हुआ है। लेकिन उस हिसाब से ना सड़कों में वृद्धि हुई और न ही ढंग का पार्किंग ही बन सका। नतीजा यह है कि आज पार्किंग के नाम पर नगर निगम वाहनों को सड़क किनारे खड़े करवा रहा है।