रांची: राजधानी रांची में भक्तों के बीच जगन्नाथ पूजा को लेकर काफी उत्साह रहा। सरकारी नियमों में रोक के बावजूद भक्त खुद को रोक नहीं पाए। धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। किसी तरह के आयोजन या मेला लगाने की भले परमिशन न हो लेकिन सरकारी नियमों के आगे श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ गई। मंदिर के कपाट बंद थे, लेकिन लोगों ने बाहर से ही अपने प्रभु जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की। तीन सौ साल से चली आ रही रथ यात्रा की परंपरा कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल से आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस बार भी सांकेतिक रूप से जगन्नाथ यात्रा महोत्सव का आयोजन हुआ। सुबह पांच बजे मुख्य मंदिर खोला गया। छह बजे मुख्य पुजारी रामेश्वर पाढ़ी ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। सुबह साढे़ सात बजे प्रभु को चावल, दाल, सब्जी और खीर का भोग लगाया गया। इसके बाद मंदिर का पट बंद कर दिया गया।

भक्ति के रंग में रंगा रथ

हर साल जिस रथ को संवार कर जगत के स्वामी भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और माता सुभद्रा को बिठाकर मौसी बाड़ी ले जाया जाता है। वो रथ वैसे ही पुराने हालत में मंदिर के बाहर खड़ा था। लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था ने रथ को भी भक्ति के रंग में रंग दिया। भक्तों ने रथ की पूजा की। मंदिर का कपाट बंद होने के बावजूद लोगों ने बाहर से ही प्रभु की आराधना की एवं खुशहाल जीवन और इस महामारी को जड़ से खत्म करने की कामना की। मंदिर परिसर में सुबह से ही लोग पहुंचने शुरू हो गए थे। लोगों के आने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। रथ यात्रा नहीं निकलने से लोगों को निराशा तो जरूर हुई, लेकिन संक्रमण को देखते हुए भक्तों ने सरकार के फैसले की सराहना भी की।

मेले का दिखा छोटा स्वरूप

जगन्नाथ पूजा के मौके पर मंदिर परिसर के आसपास हर साल नौ दिन के लिए मेला लगता है। जिसमें जरूरत के सामान के साथ-साथ, सर्कस, झूला, मिठाई, खिलौने आदि की दुकानें सजती हैं। लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण मेला नहीं लगाने का आदेश दिया गया था। फिर भी मंदिर परिसर के समीप मेले का छोटा स्वरूप देखने को मिला। वहीं, युवा इस मौके पर मस्ती करते दिखे। युवाओं ने मंदिर के आसपास सेल्फी ली और इस पल को कैमरे में कैद कर लिया।

सीएम ने राज्य के लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की

सीएम हेमंत सोरेन रथयात्रा के मौके पर सोमवार को धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे। मुख्य मंदिर का पट बंद रहने के कारण बाहर द्वार पर ही शीश झुक कर भगवान से प्रार्थना की। मंदिर के पुजारी ने गर्भगृह के बाहर ही विधि-विधान से पूजा संपन्न कराई। सीएम ने भगवान जगन्नाथ से राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की और कोरोना के कारण रथयात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर क्षमा मांगी। बता दें कि कोरोना संक्रमण को लेकर झारखंड सरकार के निर्देश के तहत मंदिरों के पट आम लोगों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि पिछले वर्ष तथा इस वर्ष भी वैश्रि्वक महामारी कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने को लेकर रथयात्रा नहीं निकल पाई। मौके पर सीएम की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं।