रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल कारागार से अक्सर गड़बड़ी की शिकायतें सामने आती रहती हैं। कभी जेल से रंगदारी के लिए फोन किया जाता है, तो कभी अपराधियों को जेल के अंदर सभी ऐशोआराम की सुविधाएं मिलने की शिकायतें भी आती रहती हैं। ऐसे में अब पुलिस ने खुद ही जेल और इसके अंदर बंद अपराधियों पर निगरानी रखने का निर्णय लिया है। पुलिस विभाग को जेल कर्मियों पर अब भरोसा नहीं रह गया है। बार-बार हिदायत के बाद भी सुधार न होता देख एसएसपी ने यह निर्णय लिया है, जिसमें राजधानी के सभी थानों के पुलिस कर्मियों को विशेष निर्देश दिए गए है। सिटी में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। जेल के अंदर और बाहर दोनों ओर से पुलिस निगरानी करेगी।
थानो में नियुक्त हुए अफसर
जेल में बंद और जमानत पर बाहर आने वाले अपराधियों पर पुलिस नजर रखेगी। इसके लिए सभी थानों में नोडल अफसर नियुक्त किए गए हैं। पुलिस अब सिर्फ जेल की सूचनाओं पर निर्भर नहीं रहेगी। विभाग का कहना है कि जेल से सूचना सही समय पर नहीं मिल पाती है, जिस वजह से ऐसा निर्णय लिया गया है। लेकिन अब जेल से बाहर आने-जाने वाले अपराधियों की सारी जानकारी पुलिस खुद जुटाएगी। ये नोडल अफसर अपने-अपने थाना क्षेत्रों से जेल जाने वाले और जेल से निकलने वाले अपराधियों का डेटा बेस तैयार कर उन पर नजर रखने का काम करेंगे। जेल में बंद अपराधी जमानत पर कब बाहर निकलता है या फिर उनसे मिलने कौन जाता है। जेल से बाहर आने के बाद उनकी एक्टिविटी क्या रहती है। इसकी पूरी रिपोर्ट पुलिस तैयार करेगी। विभाग के वरीय अधिकारियों का कहना है कि पुलिस को कई बार कई महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी ही नहीं दी जाती है। यदि पुलिस के पास समय रहते सारी जानकारी मिल जाए तो कुछ हद तक अपराध पर काबू पाने में मदद मिलेगी। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस को जेल प्रशासन से समय पर यह जानकारी नहीं मिल पाती है।
कोर्ट ऑफिस जाकर भी जुटाएंगे इन्फॉर्मेशन
जेल में अपराधियों से मिलने आने वाले मुलाकातियों की जानकारी भी पुलिस को नहीं मिल पा रही है। ऐसे में अब रांची के सभी 44 पुलिस स्टेशनों और टीओपी में एक-एक नोडल अफसरों की नियुक्ति की गई है। नोडल अधिकारी अब रोजाना जेल और कोर्ट ऑफिस जाकर अपराधियों के बारे में जानकारी जुटाएंगे। कौन अपराधी जमानत पर बाहर निकल रहा है। या किस अपराधी की सजा खत्म हो गई है। इसके अलावा अन्य इन्फॉर्मेशन भी हासिल करेंगे।
कुख्यात बदमाशों पर खास नजर
कुख्यात अपराधी और उनके गुर्गों पर पुलिस खास नजर रखेगी। वैसे अपराधी जो किसी भी तरह के अपराध के लिए कुख्यात क्यों ना हो, उन पर विशेष नजर रखी जाएगी। हत्या, डकैती, लूट, छिनतई जैसे अपराध में लिप्त अपराधी थाने को बिना सूचना दिए शहर छोड़ कर नहीं जा पाएंगे। सभी को नोडल अफसर की मौजूदगी में थाने में रिपोर्ट करनी होगी। सभी थानों के नोडल अफसर एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे। इसके लिए उनका संयुक्त रूप से व्हाट्सएप ग्रुप भी बना दिया गया है। एक दूसरे के क्षेत्र के अपराधियों के बारे में भी वे सूचना साझा करेंगे, ताकि शहर का कोई भी अपराधी जेल से बाहर निकले तो हर एक्टिविटी पर नजर रखी जा सके।

नोडल अफसर को मिली जिम्मेवारी
- जेल से जमानत पर कौन अपराधी बाहर आया
- एक सप्ताह के बीच उससे मिलने कौन-कौन आया
- जेल में रहने के दौरान अपराधी का आचरण कैसा था
- जेल से निकलने के बाद अपराधी से थाना हाजिरी सुनिश्चित करवाना
- पूरे परिवार के साथ सभी के पहचान पत्र और सभी का मोबाइल नंबर जमा करना

सभी थानों में नोडल अफसर नियुक्त किए गए है। सभी अफसरों ने अपना काम शुरू भी कर दिया है। नोडल अफसर को जेल से जमानत पर बाहर आने वाले अपराधी एवं जेल के अंदर के अपराधियों से जुड़ी जानकारी जुटानी है।
-चंदन सिन्हा, एसएसपी, रांची