रांची: जेल के भीतर बैठकर भी राज्य के अपराधी अपनी सल्तनत चला रहे हैं। राजधानी समेत पूरे राज्य में आर्गेनाइज्ड क्राइम एक बार फिर अपना जाल फैला रहा है। झारखंड के बड़े और कुख्यात अपराधी जेल के अंदर रहते हुए भी एक्टिव हैं। जेल में बंद रहते हुए भी ये अपराधी रंगदारी वसूलने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, वो हत्या की साजिश भी रच रहे हैं। राज्य के कई ऐसे बड़े अपराधी हैं, जो जेल के अंदर से ही मोबाइल फोन के सहारे अपना गिरोह चला रहे हैं। साथ ही बाहर रह रहे अपने गुर्गो के सहयोग से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिलवाते हैं। हाल के महीने की कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसके तार जेल के अंदर बंद अपराधियों से जुड़े हुए थे।

4जी युग में 2 जी जैमर से निगरानी

राज्य की जेलें आज भी पूरी तरह से आधुनिक नहीं हो पाई हैं। यहां कई जेलों में आज भी 2जी जैमर लगे हुए हैं। ऐसे में 4जी नेटवर्क के आगे पुराने हो चुके 2जी जैमर पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। इस कारण राज्य की जेलों में बंद गैंगस्टर व बड़े अपराधी बिना किसी रोक-टोक के मोबाइल फोन के जरिए अपना नेटवर्क चला रहे हैं और जेल प्रशासन समेत जिला पुलिस भी बस अपराधियों का मुंह ताक रही है।

फिरौती से लेकर हत्या तक की साजिश

ये अपराधी जेल से फिरौती मांगने, सुपारी देने, डराने-धमकाने जैसी बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। हर बार पुलिस का एक ही जवाब होता है कि वो मामले की पड़ताल कर रही है। कैदी या हवालाती का अदालत से पुलिस प्रोटेक्शन वारंट हासिल कर पूछताछ की जाएगी। कुल मिलाकर जेलों में चल रहे मोबाइल फोन के इस खेल में पुलिस से लेकर जेल प्रशासन व सुरक्षा कर्मियों की स्पष्ट रूप से मिलीभगत होने का संदेह होता है।

गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की रंगदारी

जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद कोयलांचल के डॉन सुजीत सिन्हा के इशारे पर बिल्डर अभय सिंह से 2 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गयी थी। इसका खुलासा बीते 17 अगस्त को गिरफ्तार चार शूटर्स ने पुलिस की पूछताछ में किया था। गिरफ्तार शूटर्स में न्यू एरिया मोरहाबादी निवासी रवि रंजन पांडे, बोड़ेया अरसंडे निवासी फिरोज अंसारी, सरईटांड़ मोरहाबादी निवासी अमित उरांव और गुमला निवासी कुलदीप गोप शामिल हैं। इन अपराधियों से पूछताछ के बाद रांची पुलिस ने पीएलएफआइ उग्रवादी परमेश्वर गोप को गिरफ्तार किया था। परमेश्वर गोप ने बताया कि वह जेल में बंद सुजीत सिन्हा और उसके गिरोह के हरि तिवारी जो कि पलामू जेल में बंद है के संपर्क में रहता था।

जेल से रची हत्या की साजिश

जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र के महानंद बस्ती में बीते 30 जुलाई को मोनी दास की हत्या कर दी गयी थी। मोनी दास की हत्या की साजिश घाघीडीह जेल से रची गयी थी। मोनी दास की हत्या उसके पुराने दोस्त भीम कामत ने सुपारी देकर कृष्णा गोप की मदद से करायी थी। वर्तमान में भीम कामत घाघीडीह जेल में बंद है। इस मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए हत्या में शामिल छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

कक्षपाल की हत्या

राजमहल उपकारा के कक्षपाल रजनीश चौबे पर हुए जानलेवा हमले की साजिश जेल में बंद कुख्यात अपराधी कृष्णा मंडल ने रची थी। कृष्णा मंडल राजमहल उपकारा में बंद है। कक्षपाल रजनीश चौबे की सख्ती से परेशान होकर कृष्णा ने अपने भाई विष्णु मंडल की मदद से हमला करवाया था। गौरतलब है कि बीते 30 अप्रैल की रात राजमहल मंडल कारा के कक्षपाल रजनीश चौबे को आजाद नगर क्षेत्र में तीन नकाबपोश अपराधियों ने गोली मार दी थी। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया था।

अनिल शर्मा का चल रहा सिक्का

दुमका जेल में बंद होने के बाद भी अनिल शर्मा अपना साम्राज्य चला रहा है। जेल की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हुए वह फोन से ही रंगदारी वसूल रहा है। अनिल शर्मा ने फोन से रांची के एक व्यवसायी से रंगदारी मांगी थी। 13 जुलाई 2019 जेल में बंद अपराधी अनिल शर्मा के राइट हैंड डब्ल्यू सिंह उर्फ डब्ल्यू शर्मा को पुलिस ने रेलवे ठेकेदार की हत्या की योजना बनाने के मामले में गिरफ्तार किया था। डब्ल्यू ने बताया कि अनिल शर्मा के कहने पर उसने तीन ठेकेदारों से 20-20 लाख की रंगदारी मांगी थी।

लवकुश शर्मा ने जेल से मांगी रंगदारी

वर्ष 2018 में अपराधी लवकुश शर्मा ने जेल से ही रंगदारी की मांग की थी। इसे लेकर बरियातू थाना में एफआइआर दर्ज की गयी थी। एफआइआर बरियातू तत्कालीन इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी अजय कुमार केशरी ने दर्ज करायी थी। इसमें कहा गया है कि लवकुश शर्मा जेल के भीतर रहते हुए भी गलत तरीके से फोन का इस्तेमाल कर रंगदारी वसूली रहा है। इलाके के कई व्यवसायियों को कॉल कर धमकी दे रहा है।

जेल प्रशासन समय-समय पर सुरक्षा की समीक्षा करता रहता है, जो जरूरी है उसपर विशेष फोकस किया जाता है। कुछ आधुनिक मशीनों और मैनपावर की जरूरत है, जिसे जल्द ही पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है।

दीपक विद्यार्थी, जेल डीआईजी