तैयार हो रहा डेटाबेस

बिजली बोर्ड ने इस संबंध में स्टेट के सभी अधिकारियों के साथ मीटिंग की है और उन्हे निर्देश दिया है कि वे जल्द ही अपने एरिया के कंज्यूमर्स का डेटाबेस तैयार करें और इसे कंप्यूटर से जोड़ दें। वहीं रांची में तीन महीने के अंदर ही सभी कंज्यूमर्स का डेटाबेस तैयार करने के लिए कहा गया है। सिटी में बिल से संबधित आंकड़ा भी विभाग कंप्यूटर में डाल दिया जाएगा, ताकि लोगों को विभाग के चक्कर न लगाने पड़े। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद से लोग ऑनलाइन ही अपना बिल देख पाएंगे और पेमेंट कर सकेंगे। इसके बाद दूसरे राउंड में प्री-पेड बिजली प्लान की तैयारी होगी।

जितने का वाउचर, उतनी बिजली

कंज्यूमर की फैसिलिटी के लिए बिजली बोर्ड ने अपने सिस्टम को ऑनलाइन करने का फैसला लिया है। ये कहना है बिजली बोर्ड के प्रेसीडेंट एसएन वर्मा का। पहले प्लान में पायलट प्रोजेक्ट के तहत रांची, जमशेदपुर और धनबाद के सेलेक्टेड एरिया में एनी टाइम पेमेंट मशीन लगाई जाएगी। वहीं दूसरे प्लान में सभी एरिया बोर्ड के लेजर का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके बनते ही एटीपी को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। वहीं थर्ड प्लान में प्री-पेड मीटरिंग की जाएगी। इसके तहत कंज्यूमर को बिजली के इस्तेमाल के लिए पहले वाउचर लेना होगा। जितने रुपये का  वाउचर लेंगे, उतनी बिजली के इस्तेमाल के बाद लाइट अपने आप कट जाएगी। ये काम इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगा।