रांची(ब्यूरो)।ओमिक्रॉन की आशंका को लेकर रांची जिला प्रशासन पूरी तैयारी में जुट गया है। प्रशासन अब वैसे मरीजों को सरकारी आइसोलेशन सेंटर में एडमिट करने की तैयारी कर रहा है जो कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं। अब अगर कोई भी व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। रांची में एडीएम लॉ एंड आर्डर उत्कर्ष गुप्ता की निगरानी में एक टीम का गठन किया गया है, जो कोविड -19 मरीजों को इंस्टीयूशनल आइसोलेशन में भर्ती करेगी।

स्वास्थय विभाग अलर्ट

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों को इससे निबटने के लिए तैयार किया जा रहा है। झारखंड के स्टेट सर्विलांस अफ सर डॉ विजय बिहारी प्रसाद कहते हैं कि राज्य में अब तक ओमिक्रॉन का एक भी मामला सामने नहीं आया है। बावजूद इसके राज्यभर में चौकसी बढ़ा दी गई है।

मॉनिटरिंग कर रही टीम

डॉ विजय बिहारी ने बताया कि अब कोरोना के जो भी पॉजिटिव मरीज मिलेंगे, उन्हें किसी भी सूरत में होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं होगी। प्रशासन द्वारा सभी पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा, मरीज में चाहे कोरोना के लक्षण हों या न हों, मरीज की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। विदेश से लौटने वाले पॉजिटिव मरीजों की जहां निश्चित रूप से जीनोम सिक्वेंसिंग होगी, वहीं सामान्य पॉजिटिव मरीजों की भी जरूरत पड़ी तो जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी, ताकि समय रहते नए वैरिएंट का पता लगाया जा सके। झारखंड में अब तक जीनोम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था नहीं है, इस कारण सैंपल भुवनेश्वर भेजा जाता है। हालांकि, राज्य में दो जगहों पर जीनोम सिक्वेंसिंग व्यवस्था की तैयारी है।

नए वैरिएंट में क्या है खास

डॉ प्रसाद ने बताया कि कोरोना के इस नए वैरिएंट के फैलाव के लिए लोगों का एकदम पास आना या किसी तरह से इसके स्पर्श में आना जरूरी नहीं है। कहा जा रहा है कि यह हवा में दूरी तय करके भी किसी को ग्रसित कर सकता है। यह टीका लेनेवालों को भी संक्रमित कर रहा है। विश्व भर में उपलब्ध टीके इस वैरिएंट पर पूरी तरह कामयाब होंगे या नहीं, इसके बारे में निश्चितता से अंतिम निष्कर्ष देना कठिन है। डॉ प्रसाद कहते हैं कि हमें यह मानकर चलना होगा कि यह बीमारी आई है तो अचानक जाएगी नहीं। हम पहली, दूसरी या संभावित तीसरी लहर की बात क्यों न करें, सच यही है कि कोरोना पूरी तरह गया ही नहीं, इसके मरीज जरूर घटते-बढ़ते रहे हैं। लेकिन कोरोना की मौजूदगी लगातार बनी हुई है।

रांची से भी भुवनेश्वर भेजा भुवनेश्वर

रांची में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का एक भी संदिग्ध मरीज मिला है, इसकी पुष्टी अब तक नहीं हो पाई है। यह मरीज रांची के एक निजी अस्पातल में भर्ती है। इस मरीज का सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा गया है। रांची के सिविल सर्जन के अनुसार संदिग्ध मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। डीसी के निर्देश पर निजी अस्पताल में भर्ती मरीज का सैंपल भुवनेश्वर भेजा गया है।

स्टेट से 28 सैंपल भेजे गए

इस माह स्टेट से कुल 28 सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजे गए हैं। जब तक जिनोम सिक्वेंसिंग नहीं होगी तब तक वैरिएंट के बारे में नहीं बताया जा सकता। ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर पूरे राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी के तहत सैंपल भुवनेश्वर भेजे जा रहे हैं। अगर राज्य के पास अपनी जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन होती तो वैरिएंट की पुष्टि एक सप्ताह के अंदर हो सकती थी।

भेजा जाता है रैंडम सैंपल

आईसीएमआर की गाइडलाइंस के अनुसार, राज्य में मिलने वाले कुल पॉजिटिव मरीजों में कुछ के रैंडम सैंपल को जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाता है। इसके लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट पहले आईसीएमआर को जाती है। उसके बाद आइसीएमआर से विभाग के पास आता है, उसके बाद जांच केंद्र को रिपोर्ट भेजी जाती हैं। वर्तमान में इस पूरी प्रक्रिया में लगभग एक महीने लग जाते हैं, ऐसे में भेजे गए सैंपल्स की जांच रिपोर्ट आने में समय लग जाता है।

जो भी पॉजिटिव मरीज हैं, उनको इंस्टीट्यूशनल आइसोलेशन में रखना होगा। अभी रांची में हर दिन चार से पांच मरीज मिल रहे हैं, उनको प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में रखा जाएगा।

विनोद कुमार, सिविल सर्जन, रांची