रांची(ब्यूरो)। एचईसी धुर्वा में बन रहे झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन में अब सब कुछ पेपरलेस होगा, इसकी तैयारी जोर शोर से चल रही है। यहां याचिका से लेकर सुनवाई तक सभी मामलों में कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सभी मामलों की डिजिटल सुनवाई की जाएगी। प्रार्थी की ओर से दायर याचिका, प्रतिवादी का जवाब और सभी दस्तावेज डिजिटल मोड में फाइल होंगे। सभी की स्कैन कॉपी जजों के लैपटॉप में रहेगी और लैपटॉप से ही सभी दस्तावेज को जज देखेंगे। मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद आदेश भी डिजिटल ही लिखाया जाएगा। हाईकोर्ट ने सरकार से नए कोर्ट भवन में इसकी व्यवस्था करने का सुझाव दिया है और इसके लिए अभी से ही कदम उठाने को कहा है।

ई वारंट होगा जारी

झारखंड की अदालतों से ई-सम्मन और ई-वारंट भी जारी किए जाएंगे। संबंधित थानों को ई-मेल से वारंट और सम्मन भेज दिए जाएंगे। इससे इसका तामिला जल्द होगा और समय पर लोग कोर्ट में उपस्थित हो सकेंगे। अभी जमशेदपुर से इसकी शुरुआत हुई है और धीरे-धीरे सभी अदालतों में इसे लागू किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, फिलहाल सम्मन और वारंट मैनुअली जारी किया जाता है। कोर्ट से जारी होने के बाद कोर्ट में औपचारिकता पूरी करने के बाद इसे संबंधित थानों को भेजा जाता है। थानों में वारंट और सम्मन काफी दिनों तक लंबित भी रहता है। कई बार संबंधित व्यक्ति को समय पर सम्मन नहीं मिल पाता है। जानकारी के अभाव में संबंधित व्यक्ति समय पर कोर्ट नहीं पहुंच पाता और उसके खिलाफ वारंट जारी हो जाता है। अब ई सम्मन और वारंट कोर्ट से सीधे संबंधित थाने को ई मेल के जरिए भेज दिया जाएगा।

हो चुका है ट्रायल

पिछले साल चीफ जस्टिस डॉ। रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण की अदालत ने पेपरलेस सुनवाई की थी। उस दिन दस मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थे। इसमें दो मामलों का निष्पादन भी किया गया था। दोनों मामलों के आदेश ऑनलाइन जारी किए गए थे। पेपरलेस सुनवाई का ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा था। इसके बाद से हाईकोर्ट को पेपरलेस बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई।

अभी ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों

फिलहाल झारखंड हाईकोर्ट में याचिका ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह फाइल हो रही है। ईमेल से फाइल होने वाली याचिकाओं का प्रिंट निकालकर फाइल में रखा जा रहा है। पेपरलेस कोर्ट होने के बाद हाईकोर्ट में एक भी कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। हाईकोर्ट के बाद धीरे-धीरे सभी अदालतों में इसी व्यवस्था को लागू किया जाएगा।

2 साल से ऑनलाइन ही चल रहा है

2020 के मार्च महीने से जब से कोरोना का फस्र्ट वेव आया है तब से लेकर 2022 में अब तक लगातार ऑनलाइन ही हाईकोर्ट का कामकाज हो रहा है। ऑनलाइन कामकाज होने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई है। हालांकि जब नए हाईकोर्ट भवन में सभी सुविधाएं डिजिटल हो जाएंगी, सभी कामकाज पेपरलेस हो जाएंगे तो क्लाइंट से लेकर वकील और जज तक को भी बहुत सहूलियत होंगी। अभी एक एक केस के लिए बहुत सारे कागजात की जरूरत होती है और सभी कागजात को कोर्ट में ले जाने से लेकर उसको कार्रवाई तक में शामिल करना पड़ता है।