रांची (ब्यूरो): ओडि़शा का गिरोह राजधानी रांची में बीते कई महीने से सक्रिय है। यह गिरोह रांची और आसपास के इलाकों में एक के बाद एक लूटकांड को अंजाम दे रहा है। बीते दिनों मांडर से अरेस्ट हुए एक आरोपी ने पुलिस के सामने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह ओडि़शा का रहने वाला है। उसके और साथी आए हैं। सभी अलग-अलग स्थानों पर रेंट में रूम लेकर एवं होटल में फर्जी नामों से कमरा बुक कर रह रहे हैं। आरोपी ने बीते दिनों मांडर में लूटपाट में संलिप्तता भी स्वीकार की है। गिरोह के सदस्य बैंक और एटीएम के आसपास मंडराते हैं। जैसे ही इन्हें कोई सॉफ्ट टारगेट नजर आता है ये लोग उन्हें लूटने की रणनीति तैयार करने लगते हैं।

बैंक व एटीएम की रेकी

मांडर के एक बैंक की रेकी करते हुए गिरोह के सदस्य नरेश दास को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के दूसरे सदस्य भागने में सफल रहे। पुलिस उन्हें दबोचने के लिए छापेमारी कर रही है। इधर, गिरफ्तार नरेश ने बताया कि बैंक के बाहर खड़े होकर ऐसे लोगों पर नजर रखी जाती है जो पैसे या तो गाड़ी की डिक्की में डाल रहे होते हैं या फिर थैला में लेकर जाने वाले होते हैं। मौका पाकर उनके पास से पैसे लूट कर फरार हो जाते हैं। कुछ दूर पर दूसरा साथी होता है जो उस थैले को लेकर अनजान स्थान पर चला जाता है। गिरोह ने मांडर में बीते दो महीने में तीन वारदात को अंजाम दिया है।

सीसीटीवी फुटेज से पहचान

बीती घटना के वक्त आरोपी की तस्वीर सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई थी, जिसके बाद पुलिस लगातार सख्ती से तलाश में बैंक के आसपास गश्ती कर रही थी। रूरल एसपी नौशाद आलम ने बताया कि सीसीटीवी में अपराधी बड़े इत्मीनान से डिक्की से पैसे निकालता हुआ दिख रहा है। पैसे निकाल कर आरोपी फरार हो जाते हैं। सिर्फ मांडर ही नहीं, बल्कि रांची, चान्हो, मैक्लुस्कीगंज में भी गिरोह ऐसी कांड को अंजाम दे रहा है।

मोबाइल तक नहीं रखते

गिरोह के सदस्य इतने शातिर हैं कि पुलिस से बचने के लिए ये लोग अपने पास मोबाइल फोन तक नहीं रखते हैं। किसी प्रकार का कोई इलेक्ट्रिक डिवाइस भी पास में नहीं होता है, ताकि इन्हें ट्रैक किया जा सके। यह वजह है कि पुलिस को भी इन्हें गिरफ्तार करने में परेशानी आ रही थी। अंतत: पुलिस ने गश्ती बढ़ाना ही जरूरी समझा, जिसमें सफलता भी मिली है।

ऐसे बनाते हैं शिकार

गैंग के सदस्य बैंक और एटीएम को टारगेट करते हैं। वे रेकी करने के बाद ही कांड को अंजाम देते हैं। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस के समक्ष इस बात का खुलासा किया। गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि पहले बैंक में जाते हैं और यह देखते हैं कि कौन व्यक्ति अधिक पैसे की निकासी कर रहा है। इसकी जानकारी लेने के बाद वे उसके पीछे लग जाते हैं। सुनसान इलाका देखकर उससे छिनतई की वारदात को अंजाम देते हैं। अगर कोई विरोध करता है तो वे हथियार से उन्हेंं डराकर राशि लूट लेते हैं।

हाल की कुछ वारदातें

केस 1

मांडर थाना क्षेत्र स्थित एक निजी बैंक से रुपए निकाल कर घर जा रहे सत्यनारायण सिंह की गाड़ी की डिक्की में रखे 75 हजार ले भागे लुटेरे।

केस 2

चान्हो थाना क्षेत्र में भी बैंक से पैसे की निकासी कर बाजार जा रहे उमाशंकर महतो से 45 हजार रुपए से भरा थैला लूट कर भागे अपराधी।

केस 3

मांडर थाना क्षेत्र में ही कृषि सामान की खरीदारी के लिए रुपए निकाल कर जा रहे एतवा उरांव को भी अपराधियों ने बनाया शिकार।

केस 4

मैक्लुस्कीगंज खलारी बैंक ऑफ इंडिया से रुपए निकालकर चाय पीने रुके थे, तभी डिक्की से 2 लाख रुपए लूट लिये गए।

लगातार बैंक से पैसे की निकासी करने वालों से लूटपाट हो रही है। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक अपराधी को अरेस्ट किया है, जिसमें ओडि़शा के गिरोह का खुलासा हुआ है। अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी हो रही है।

-नौशाद आलम, रूरल एसपी, रांची