RANCHI: सोमवार 23 दिसंबर। जैसे-जैसे वोटों की गिनती हो रही थी और सत्ता परिवर्तन के आसार नजर आ रहे थे, वैसे-वैसे कई अफसरों के दिलों की धड़कन भी बढ़ रही थी। कुछ ने तो पहले से ही सेंट्रल डेप्युटेशन पर जाने की तैयारी कर रखी थी और कुछ इंतजार में थे कि निजाम नहीं बदला, तो यहीं रह जाएंगे। इसी बीच पीसीसीएफ संजय कुमार ने तत्काल झारखंड छोड़ने का फैसला किया और काउंटिंग वाले दिन ही नोटिफिकेशन निकल गया। वन एवं पर्यावरण विभाग के संयुक्त सचिव विनय कुमार दास के हस्ताक्षर से पीसीसीएफ के दिल्ली जाने का अप्रूवल जारी कर दिया गया, और उन्होंने उसी दिन मुख्यालय छोड़ दिया।

जुनियर को दिया चार्ज

प्रधान मुख्य वन संरक्षक को दिल्ली जाने की इतनी जल्दी थी कि 23 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही 1986 बैच के आईएफएस अधिकारी सचिन नंदकुलियार को चार्ज देकर चले गये। जबकि, नियम के अनुसार चार्ज सीनियर अधिकारी को दिया जाता है। संजय कुमार को 1984 बैच के ही सीनियर अधिकारी और बायोडायर्वासिटी बोर्ड के चेयरमेन लाल रत्‍‌नाकर सिंह को चार्ज देना था।

एक पोस्ट नीचे ज्वाइन किया

संजय कुमार झारखंड में पीसीसीएफ हेड ऑफ फ ोर्स के पद पर थे। वे केंद्र में एडिशनल डायरेक्टर जनरल फ ॉरेस्ट कंजरवेटर बनाए गए हैं। जो उनके रैंक से एक रैंक नीछे का पद है। पीसीसीएफ हेड ऑफ फ ोर्स का पद मुख्य सचिव रैंक का होता है। संजय कुमार झारखंड में लेवल 17 के पद पर थे, लेकिन केंद्र में उन्होंने लेवल 16 पर ही ज्वाइन किया।

अनियमितता के हैं आरोप

संजय कुमार पर वित्तीय अनियमितता के आरोप हैं। सरकार ने विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2018) को रांची के खेलगांव में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। समारोह स्थल को 6.60 लाख रुपए के बलून से सजाया था। 20 हजार रुपए खर्च कर गैस भरे बलून उड़ाये गये थे। कार्यक्रम में हुए खर्च को लेकर 28 नवंबर 2018 को अशोक वर्मा नामक व्यक्ति ने लोकायुक्त के यहां शिकायत दर्ज करायी थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि कार्यक्रम में जरूरत से ज्यादा खर्च किये गये। इसके लिए संजय कुमार के साथ-साथ राजीव लोचन बख्शी को जिम्मेदार बताया गया था। लोकायुक्त ने मामले को गंभीर बताते हुए आरोपों की जांच करने का निर्देश भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दिया है।

चाय-बिस्कुट पर 5.90 लाख खर्च

कार्यक्रम पांच घंटे का था। दिन के 11 बजे से दोपहर दो बजे, के कार्यक्त्रम में ब्रेकफ ास्ट, लंच और डिनर में 34.31 लाख रुपए खर्च दिखाया गया। वीवीआईपी के लिए लाए गए लंच पैकेट में 6.37 लाख रुपये खर्च किये गये। ब्रेक फ ास्ट पर 5.90 लाख रुपये खर्च किया गया। इन्वॉयस नंबर 177 के अनुसार चाय और बिस्कुट में जीएसटी जोड़ कर 5,90,000 रुपए का बिल वन विभाग को दिया गया। इसके बाद फिर चाय-बिस्कुट और डिनर में जीएसटी जोड़कर 5.60 लाख का बिल दिया गया था।