रांची: अगर आपके पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट है और आपने ऑनलाइन नहीं लिया है तो आपका यह सर्टिफिकेट वैलिड नहीं है। हो सकता है कि आपको बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का फाइन भी भरना पड़ जाए। जी हां, रांची सहित राज्यभर में ऑनलाइन पॉल्यूशन सर्टिफिकेट ही वैलिड होगा। परिवहन विभाग के इस निर्देश के बावजूद राजधानी में 22 प्रदूषण जांच केंद्र ऐसे हैं, जहां अब भी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट ऑफलाइन ही दिया जा रहा है।

जल्द होगी कार्रवाई

रांची में मौजूद सभी वैध प्रदूषण जांच केंद्रों को दस दिनों के अंदर वाहन वेब पोर्टल में रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश है। यानी अब ऑनलाइन प्रदूषण जांच का सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, इससे यह पता चल सकेगा कि शहर में कितने वाहनों को सर्टिफिकेट जारी किया गया है और कितने वाहनों के सर्टिफिकेट की तिथि वैद्यता फेल हो चुकी है। साथ ही परिवहन विभाग को भी इसकी अपडेट जानकारी मिल सकेगी। सेंटर से जारी सर्टिफिकेट के एवज में विभाग के खाते में कितनी राशि आएगी, इसका भी पता लगाया जा सकेगा।

क्या है रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस

कई सेंटर ऐसे भी है, जो रजिस्टर बुक को भी मेनटेन नहीं कर रहे हैं। जबकि नियम है कि संबंधित पदाधिकारी को नियमित जांच करनी है, ताकि सर्टिफिकेट जारी के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो। इसका फायदा यह भी होगा, चाहकर भी कोई सेंटर गडबड़ी नहीं कर सकेगा.पंजीकरण के दौरान उनका यूजर आइडी जेनरेट होगा। वाहन पर रजिस्टर करने के लिए केंद्र संचालक वाहन के लिंक पर जाएंगे, वहां रजिस्टर करने के लिए क्लिक करेंगे। इस दौरान मांगी गई जानकारियों को भरेंगे और दस्तावेज को अपलोड करेंगे। उनके सबमिट करने के बाद आवेदन संबंधित डीटीओ या एमवीआइ के पास चला जाएगा। वहीं, डीटीओ एवं स्टेट एडमिन द्वारा अनुमोदन करते ही उन्हें यूजर आइडी एवं पासवर्ड प्राप्त हो जाएगा।

ऑनलाइन सर्टिफिकेट ही मान्य

ऑनलाइन प्रदूषण प्रमाणपत्र को ही विभाग मान्यता देगा और इसके बाद ही वाहन के फिटनेस एवं ट्रांसफर सम्बंधी अन्य कार्य होंगे। प्रदूषण प्रमाणपत्र के बिना वाहन का फिटनेस, ट्रांसफर एवं नवीनीकरण नहीं होता है। साथ ही चेकिंग के दौरान यदि प्रदूषण प्रमाणपत्र न हो तो वाहन का चालान भी कट जाता है, इसलिए वाहन की आरसी समेत अन्य कागजातों के अलावा प्रदूषण प्रमाणपत्र साथ रखना जरूरी है। कुछ समय पहले तक कुछेक स्थानों पर ही प्रदूषण जांच केंद्र थे, लेकिन वर्तमान में रांची के अधिकतर पेट्रोल पंपों व अन्य स्थानों पर 129 प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित हो गए हैं।

बिना जांच थमा रहे सर्टिफिकेट

अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है वो मैनुअल ही सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं। ऐसे संचालकों पर कार्रवाई हो सकती है। कुछ जांच केंद्र ऐसे हैं जो मनमाना रेट वसूल रहे हैं। इनके पास प्रदूषण मापक यंत्र तक नहीं होता है। अंदर बैठे फोटो खींच कर प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं। कई केंद्र ऐसे भी हैं जो अंदाजा के साथ प्रदूषण की मात्रा लिख देते हैं। ऐसे ही फीस ली जाती है। ऐसे संचालकों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन प्रक्रिया को ही मान्य कर दिया है। ऐसे में अब वाहन चालकों की जिम्मेदारी बनती है कि वो ऑनलाइन ही प्रमाण पत्र लें।

अब रांची में जिनके पास ऑनलाइन पॉल्यूशन सर्टिफिकेट होगा, वही मान्य होगा। अब तक रांची में कई पॉल्यूशन जांच केंद्र हैं, जिन्होंने ऑनलाइन सिस्टम शुरू नहीं किया है उनको 10 दिनों का समय दिया गया है। वो ऑनलाइन सिस्टम शुरू कर लें नहीं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।

-प्रवीण प्रकाश, डीटीओ, रांची