क्त्रड्डठ्ठष्द्धद्ब : रांची नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले वोटरों की आबादी तो बढ़ रही है, लेकिन उन्हें मिलने वाली सुविधाएं लगातार कम होती जा रही हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार रांची नगर निगम चुनाव 2014 में वोटरों की संख्या जहां सात लाख के करीब थी वहीं अब यह बढ़कर 8 लाख से ज्यादा हो गई है। ऐसे में निश्चित तौर पर निगम के राजस्व में भी इजाफा हुआ है, लेकिन जो नागरिक सुविधाएं दी जानी थी, वह हवा-हवाई साबित हो रही है।

1-बदतर हो रहीं पीसीसी सड़कें

शहर में नयी पीसीसी सड़कों पर काम तो हो रहा लेकिन कई महत्वपूर्ण सड़कें पिछले तीन वर्षो से बद से बदतर हालत में हैं। उदाहरण के तौर पर हरिहर सिंह रोड(मोरहाबादी), देवी मंडप रोड(रातू रोड) , कांके चौक से ब्लॉक चौक समेत कई सड़कों की मरम्मत अधूरी है। ऐसे में लोगों में आक्रोश है। ऐसे में डोर टू डोर कैम्पेन के दौरान प्रत्याशियों को भारी मशक्कत करनी पड़ सकती है। मोहल्लों और चौपालों में लोग सवालों की फेहरिस्त तैयार करने में जुटे हैं।

2-पारा चढ़ा, पेयजल की किल्लत शुरू

गर्मी शुरु होने से पहले ही कई इलाकों में पानी की समस्या शुरु हो गयी है। हटिया, कांके, रुक्का समेत सभी डैम का जलस्तर नीचे गिरता ही जा रहा है। विगत कई वर्षो से सप्लाई पानी पर निर्भर लोगों को काफी समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है जो इस बार भी समाधान की तरफ बढ़ता नहीं दिख रहा। लोग विकल्पों के संबंध में कई सवाल प्रत्याशियों से पूछ रहे हैं।

3-तालाबों का नहीं हो सका ब्यूटीफिकेशन

निगम की तरफ से कई तालाबों के सुंदरीकरण का काम चल रहा है लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ। इस पूरे काम में करोड़ों रुपये फूंके जा चुके हैं लेकिन नतीजा सिफर है। तालाब की सफाई हो जाने से बड़ा जनसमुदाय लाभांवित हो सकता है।

4-सीवरेज ड्रेनेज अधर में

सीवरेज ड्रेनेज का काम भी अधर में लटका हुआ है.सीवरेज से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने में काफी समय लग रहा है। हालांकि, कुछ इलाकों में प्लांट तैयार कर उसका कनेक्शन कर दिया गया है लेकिन अभी भी शहर के कई इलाकों में गंदी पानी सड़क पर बह रहा है।

5-कई इलाके ड्राई जोन में

भवनों की बढ़ती संख्या भी समस्या को बढ़ावा दे रही है। शहरी क्षेत्र में लागातार अपार्टमेंट के नक्शों को स्वीकृति दी जा रही जबकि इसके लिये वाटर लेबल, सोइल टेस्टिंग जैसे कई मानकों को धड़ल्ले से नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसे में लोगों को न तो ढंग से पीने का पानी मिल रहा है न ही अन्य सुविधाएं। कांके रोड, मोराबादी समेत कई इलाके तो ड्राइ जोन में कन्वर्ट हो चुके हैं।